Tera Lal Ishq - 13 in Hindi Crime Stories by Kaju books and stories PDF | तेरा लाल इश्क - 13

The Author
Featured Books
Categories
Share

तेरा लाल इश्क - 13

"ए,, ये सब झूठ हैं,,," चुगली मिशन के बीच में कनंत  चिल्लाकर बोला।
सभी एक एक कर के उसके सर पर 
टपली मार "चुप कर झूठे,,, मिशन में बांधा डाल रहा" 

रिहा सीरियस होकर कृभिन की ओर देख "सर,,मिशन चुगली फ्लैस बैक ऑन"

कृभिन भी सीरियस लुक में "ok,,, फ्लैश बैक ऑन"

कनंत जैसे ही पीछे मुड़ता है आइस्क्रीम वाले को देख उसकी आंखे चमक उठी,,,सॉरी आइसक्रीम वाले को देख कर नही बल्कि आइस्क्रीम के ठेले को देख। कनंत की फेवरेट जो है आइस्क्रीम,,,कोई चॉइंस नही है उसकी उसे हर फ्लेवर पसंद हैं या तक की करेले फ्लेवर की भी खा लेता है।

आइस्क्रीम वाला उसे अपनी तरफ आखें 
फाड़े देखते देख "क्या साहब,,, ऐसे मत देखो,,, इतना भी सुंदर नही हु"

"चुप बे खजूर की शक्ल,,, मैं तुझे नही आइसक्रीम के ठेले को देख रहा हू" कनंत अजीब सा मुंह बनाकर उसे घूरते हुए बोला।

आइस्क्रीम वाला लड़का मुंह बनाते हुए "तो ठेले को खाओगे,,,? जो ऐसे आंखे फाड़ रहे"

कनंत उसे घूरते हुए "मैं तो आइस्क्रीम खाने को देख रहा था,,,"

"तो खरीदो न,,, घुर तो ऐसे रहे जैसे ठेले के साथ ही खा जाओगे" वो लड़का उसे चिढ़ा कर बोला।

"लेकिन काश,,,काश मैं इंसान न होकर राक्षस होता,,,आइस्क्रीम की कसम उसे छोड़ तूझे ही सबसे पहले खाता" ये बोल कनंत साइको जैसे हंसने लगा।

वो लड़का घबराते हुए ठेला पकड़ खिसकने लगता हैं की वो आगे बढ़ ही नहीं पाता बहुत कोशिश करने के बाद भी जब वो आगे नहीं बढ़ पाया तो पीछे देख ही लिया और वो देखते ही उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।

कनंत नीचे बैठे हुए ठेले के चक्के को पकड़ पुरी ताकत से अपनी ओर खींच रहा था। उसका चेहरा लाल पड़ गया था 

फिर भी बोल रहा "अबे भागता किधर है बिना आइस्क्रीम खिलाए,,,? चल जल्दी खिला वरना मैं डाका डालने पर उतर आया ना तो खाली ठेला लेकर रोते हुए घर जाएगा"

"अरे साहब,,, आइसक्रीम खाने का है तो बोलों ना,,, बात बात पर ऐसे साइको जैसे धमका क्यों रहे,,,? बोलों कौन सा दू,,,?" वो लड़का आइस्क्रीम के डिब्बे का ढक्कन फटाफट खोल  परेशान होते हुए बोला।

कनंत ठेले को पकड़े डिब्बे के अंदर झांकते हुए उंगली दिखा कर बच्चो की तरह "ये वाला,,, ये वाला" वो लड़का उस आइस्क्रीम को उठाया की 

कनंत मना करते हुए "नही नही,,,ये वाला नही वो वाला"

"अच्छा ये वाला,,,अभी देता हू" ये बोल वो लड़का उसकी बताए गई आइस्क्रीम को उठाने लगा की 

कनंत फिर से "अबे अंधे,,, ये वाला नही वो वाला,,वो वाला"

वो लड़का मुंह बनाकर उसे घूरते हुए "हा हा देता हू" 
वो लड़का दूसरी तरफ हाथ बढ़ाने लगता तो टोक देता और ऐसे ही ये वाला वो वाला करता रहता हैं।

आइस्क्रीम वाला कन्फ्यूज होकर झल्लाते हुए "क्या साहब,,,नाम बोलने में क्या जा रहा आपका,,,? जल्दी बोलो ना कौन से फ्लेवर का दू,,,? डिब्बा आधे घंटे से खुला हुआ है सारी आइस्क्रीम पिघली जा रही आपकी वजह से"

उसकी बात सुनकर कनंत को  पता नहीं अचानक क्या हुआ आंखे बड़ी बड़ी कर गोल घुमाने लगा। और  उचककर उस लड़के के तरफ खिसक एक दम से एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया।

कनंत भड़कते हुए "साले,,,तूने तो कौन सा वाला दू,,,? यही पूछा,,, कौन से कौन से फ्लेवर का आइस्क्रीम है नाम बताया ही नही,,, तो कैसे बोलता नाम,,,?" 

वो लड़का घबरा कर हकलाते हुए "स,,सा,,साहब,,, क कही आइस्क्रीम के लालच में प,,पे,,प्रेत आ,,आत्मा तो नही घूस गया आपके अंदर,,,?"

कनंत उसे घूरते हुए"चुप,,,चुपचाप आइस्क्रीम खिला वरना मैं खुद प्रेत बन जाऊंगा और तुझे भी बना दूंगा"

"स,, साहब,,,क्या बात है,,,? आप बहुत भड़के हुए लग रहे,,,?" वो लड़का घबराते हुए पूछता है।

कनंत उसे घूर कर "तेरे आने से पहले खुशी से झूम रहा था,,, तू आया और मनहुसीयत छा गई,,,चल आइस्क्रीम खिला अब,,,शायद फिर से झूम उठू"

वो लड़का मुंह बनाते हुए "क्या साहब हर बात पर
ताना दे सकते हो,,,लेकिन परेशानी बताकर मदत नही मांग सकते"

कनंत झुंझलाकर "साले,,,जब पता है तो पूछ क्यों रहा,,, और पता नहीं ये इतना बड़ा ताला किसने लगा दिया,,,मिले वो तालाहराम,,, ताले के अंदर ही चुनवा दूंगा"

तभी पीछे से एक लड़के की आवाज आई "मैं कुछ ज्यादा बड़ा नहीं हो जाऊंगा ताले के अंदर घुसाने के लिए,,,?" 

आवाज सुन कनंत चौक कर झट से पलटा और कृभिन को अपने इतने करीब खड़ा देख हड़बड़ा कर गिर पड़ा।

जमीन पर पड़े बत्तीसी दिखाए "गु,, गुड मॉर्निंग जीनियस भाई,, कैसे हो,,,? आइस्क्रीम खाओगे,,,?" 

कृभिन उसे घूरते हुए "तू खिलाएगा,,,?"

कनंत धीरे से फुसफुसाकर "नही मेरा बाप" पर कृभिन ने सुन लिया
वो उसे घूरते हुए "मैं बता दू मेरा दिमाग के साथ कान भी बहुत तेज है"

कनंत खी खी खी कर हस्ते हुए "मेरा मतलब,,,मैं बोला तो मैं ही खिलाऊंगा ना,,,अबे तू हम दोनों का मुंह क्या ताक रहा चल दे एक आइस्क्रीम मेरे भाई को"

"कौन सा फ्लेवर का दू भाई आपको,,?" वो लड़का कृभिन से पूछा। कृभिन बोलने ही वाला था की

कनंत "वो कटोरी चम्मस वाला देना भाई को,,, और मुझे पोंगा वाला"

उस लड़के को समझते देर नहीं लगी। उसने इसके कहे मुताबिक दिया। कनंत ने लगभग पांच आइस्क्रीम खा ली  तो वही कृभिन उसकी कटोरी आधी खाली होने की थी।

मन भर जाने के बाद कनंत पेट पर हाथ रख "बोल कितना पैसा हुआ,,,?"

वो लड़का हिसाब किताब करते हुए "आपने दस रु. वाली पांच आइस्क्रीम खाई मतलब 50 रू. और ये भाई के 5रू. मिलाके 55रू."


कनंंत चीखते हुए "क्या,,,,? इतना महंगा,,,काश तेरी आइस्क्रीम न खाकर ऑफिस के रखे फ्रीज में अपनी बनाई हुई आइस्क्रीम खा लेता इतना खर्चा नहीं होता,,,पर अब क्या कर सकते हैं,,, ये लो पैसे"

वो लड़का पैसे लेकर उसे घूरते हुए वहा से आगे बढ़ गया।

कनंत कृभिन फटकारते हुए "तेरी वजह से इतना खर्चा हो गया,,,चल अब जल्दी ताला खोल"

कृभिन आखें छोटी कर उसे घूरते हुए "मैने बोला था मुझे आइस्क्रीम खिलाओ,,, और पांच रूपया के लिए इतना भाव क्यू खा रहा कैसे पांच करोड़ खर्च कर दिया हो"

कनंत "चुप,,,चुपचाप गेट खोल,,,नही तो पांच रूपया के बदले पांच करोड़ वसूलूंगा"

कृभिन बोहे उच्चका कर "अनपढ़ हैं क्या हिसाब करना नही आता,,,पांच रू. के बदले पांच रू.ही दूंगा ना" ये बोल वो जेब से चाबी निकाल ताला खोल गेट खोल आगे बढ़ गया। 
कनंत अनपढ़ सुन "साले मुझे अनपढ़ बोला,,,रुक बताता हूं,,,अब तू इस अनपढ़ बोझ को उठाकर ऑफिस रूम तक लेकर जाएगा" और भागते हुए उसके पीठ पर सवार हो गया।

आगे क्या होगा जानेंगे अगले भाग में मिलते हैं जल्दी ही एक नए मजेदार भाग के साथ 🤣🤣🤣🙏😁😁😁😁👍👍👍👍👍by by नन्हे मुन्ने पढ़ाकुओ अपना प्यार हमेशा बनाए रखना। प्लीज🙏🙏🙏🙏 चार चार episode अपलोड की कोई पढ़ा ही नही पढ़ता है तो बस पढ़कर रेटिंग गिराकर चला जाता हैं। बहुत दुखी हु पर  फिर भी कोई पढ़े या ना पढ़े स्टोरी पूरी कर के रहूंगी।👍👍🤗🤗🤗🤗🤗