🌙 एपिसोड 11 :
"दिलों की पुकार और परछाइयों का रहस्य"
⏳ सुबह की नई दस्तक
सवेरे की हल्की किरणें हवेली की खिड़कियों से भीतर झाँक रही थीं। रातभर दस्तावेज़ों की गुत्थी में उलझने के बाद भी किसी की नींद पूरी नहीं हुई थी। फिर भी, उनके चेहरों पर थकान से ज्यादा जिज्ञासा थी।
अनाया बरामदे में खड़ी आसमान देख रही थी। उसकी आँखों में अभी भी पिछली रात का वो पल ताज़ा था—विवान का पहला किस। उसके होंठों पर हल्की मुस्कान खेल रही थी।
पीछे से विवान आया और धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा।
“सुबह की ठंडी हवा में भी तुम इतनी खोई क्यों हो?”
अनाया ने पलटकर देखा। उसकी नज़रें झिझक गईं, पर दिल की धड़कन तेज़ हो चुकी थी।
“बस… सोच रही थी कि ये सब सपनों जैसा है। कभी डर, कभी रहस्य… और कभी तुम्हारा साथ।”
विवान ने उसके चेहरे से हल्की सी लट हटाई और धीमे स्वर में कहा,
“सपना हो या सच, मैं तुम्हें हर हाल में थामे रहूँगा।”
दोनों के बीच का मौन, शब्दों से कहीं ज़्यादा गहरा था।
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🌹 दिलों की नज़दीकी
विवान ने अनाया का हाथ पकड़ लिया। “अनाया, मैं जानता हूँ हमारे आसपास खतरे हैं, रहस्य हैं। लेकिन तुम्हारे बिना… ये रास्ता अधूरा है।”
अनाया की आँखें भर आईं। उसने धीमे से कहा,
“विवान, मुझे डर लगता है… कहीं ये हवेली, ये रहस्य हमारी मोहब्बत को तोड़ न दे।”
विवान ने उसे अपनी बाँहों में समेट लिया।
“मोहब्बत कभी नहीं टूटती, अनाया। ये वही ताकत है जो हमें सच तक ले जाएगी।”
अनाया का चेहरा उसकी छाती से लग गया। हवेली की ठंडी हवा में भी उसके दिल की गर्माहट उसे सुरक्षित महसूस करा रही थी।
कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे की खामोशी में डूबे रहे। फिर विवान ने उसके माथे पर एक गहरा, भावुक किस रखा।
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🔍 रूहानी की शरारत और राज़
उसी समय, रूहानी और काव्या भी आ गईं। रूहानी ने दोनों को पास खड़े देखा और हँसते हुए बोली—
“वाह! सुबह-सुबह इतना रोमांस? हमें तो बुलाया ही नहीं!”
अनाया लाल पड़ गई और तुरंत विवान से दूर हो गई।
काव्या मुस्कुराई, “रूहानी, उन्हें छेड़ना मत। इनकी मोहब्बत हमारी ताकत बनेगी।”
रूहानी ने मज़ाक में कहा, “हाँ, और रहस्य खोलने का असली काम मैं करूँगी।”
वह हाथ में पकड़ी फाइल को लहराते हुए बोली,
“ये देखो! अनामिका सेन की फाइल में कुछ और पन्ने मिले हैं।”
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🌒 अनामिका सेन और प्रमोद मेहरा
सबने मिलकर फाइल खोली। उसमें लिखा था—
‘अनामिका और प्रमोद का रिश्ता समाज की भलाई से शुरू हुआ। दोनों ने मिलकर भ्रष्टाचार और बुराई के खिलाफ खड़े होने का प्रण लिया। पर उनके बीच की मोहब्बत ने दुश्मनों को एक मौका दिया। उन्होंने एक षड़यंत्र रचा—ताकि इस प्रेम को ही गुनाह बना दिया जाए।’
आर्यन की आँखें तेज़ हो गईं।
“यानी… मेरे पिता प्रमोद मेहरा निर्दोष नहीं थे, बल्कि उन्हें षड़यंत्र का शिकार बनाया गया।”
काव्या ने उसका हाथ थामते हुए कहा,
“आर्यन, सच को गलत साबित करना आसान है, लेकिन सच्चाई को मिटाना असंभव।”
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🌹 अनाया और विवान का गहरा इज़हार
सारे दोस्त दस्तावेज़ पढ़ने में लगे थे, पर विवान की नज़रें बार-बार अनाया पर टिक रही थीं।
वह झुककर धीरे से बोला—
“अनाया, कल रात जो हुआ… वह मेरे लिए सिर्फ़ एक किस नहीं था। वह एक वादा था। मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ूँगा।”
अनाया की आँखें चमक उठीं। उसने धीमे से कहा,
“विवान, मैं भी… तुम्हें खोने से सबसे ज़्यादा डरती हूँ।”
विवान ने उसका चेहरा थाम लिया और धीरे-धीरे उसके होंठों पर फिर से किस किया। इस बार वह लंबा, गहरा और भावुक था। जैसे दोनों की रूहें एक हो रही हों।
रूहानी ने खाँसते हुए कहा, “अरे भाई! यहाँ रहस्य सुलझाना है या रोमांस करना?”
सब हँस पड़े। माहौल थोड़ी देर के लिए हल्का हो गया।
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🌌 हवेली का छुपा संकेत
अचानक दीवार पर टंगी अनामिका सेन की पुरानी तस्वीर हिलने लगी। सबने चौंककर देखा। तस्वीर के पीछे से एक छोटा-सा कागज़ नीचे गिरा।
काव्या ने उसे उठाया। उस पर लिखा था—
“सच्चाई की राह तुम्हें दरभंगा की पुरानी पुस्तकालय तक ले जाएगी। वहाँ वह ग्रंथ छिपा है, जिसमें हवेली का असली राज़ है।”
आर्यन बोला, “यानी यह हवेली ही नहीं, पूरा शहर इस रहस्य से जुड़ा है।”
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🌹 दिलों का वादा
रात होने लगी थी। सब अपने-अपने कमरों में लौटे। लेकिन विवान और अनाया अभी भी हवेली की छत पर खड़े थे।
चाँदनी उनके बीच की खामोशी को और खूबसूरत बना रही थी।
अनाया ने धीरे से कहा,
“विवान, अगर कभी सच इतना भारी हो जाए कि मैं टूट जाऊँ… तो?”
विवान ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रख दी।
“तो मैं तुम्हें थाम लूँगा। मोहब्बत का मतलब ही यही है—कभी न छोड़ना।”
अनाया की आँखों से आँसू छलक पड़े। उसने विवान को कसकर गले लगा लिया।
दोनों के दिलों की धड़कनें एक लय में मिल चुकी थीं। हवेली की दीवारें भी जैसे उनकी मोहब्बत की गवाही दे रही थीं।
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🌪️ हुक लाइन (Suspense Ending)
पर तभी हवेली की गहराइयों से एक अजीब-सी आवाज़ आई—
“जो सच ढूँढ रहे हो… वह तुम्हें तोड़ देगा।”
अनाया और विवान ने घबराकर एक-दूसरे को देखा।
क्या दरभंगा की पुस्तकालय का रहस्य उनकी मोहब्बत की परीक्षा बनेगा?
क्या हवेली की परछाइयाँ उन्हें सच के और करीब ले जाएँगी, या हमेशा के लिए जुदा कर देंगी?
👉 अगला एपिसोड जल्द ही… “दरभंगा की पुस्तकालय और हवेली का असली राज़”
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