Dragon Prince Yash - 2 in Hindi Anything by Isolated Life books and stories PDF | ड्रैगन प्रिंस यश - 2

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ड्रैगन प्रिंस यश - 2

यशवंत पर गुस्से से चिल्लाते हुए अमरान के हाथ का दर्द और भी बढ़ गया, जिसके चलते उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और वो लडखडाते हुए कुछ कदम पीछे हट गया।

अमरान के इस तरह चिल्लाने से अब आसपास खडे सभी students यशवंत को हैरानी से देखकर गहरी सोच में पड गए। उन्हें लगने लगा कि यशवंत ने इस मुकाबले को जीतने के लिए कोई चाल चली होंगी।

लेकिन मुकाबले के मैदान के एक हिस्से पर खडे यशवंत ने तो जैसे सबको पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया। उसने अमरान की दर्द भरी चीख सुनकर धीरे धीरे अपनी आस्तीन को पीछे किया।

इसके बाद, भीड ने उसकी कलाइयों पर बेहद कठोर लकीरें देखी, जो हल्की काली रोशनी से चमक रही थी। वो हल्की काली रोशनी की लकीरें यशवंत के हाथों से होकर उसके कंधों तक फैली हुई थी।

उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे कि बेजोड अंदाज़ में यशवंत की चमडी काली चमकती ठोस धातु में बदल गई हो।

सभी students को ये पहचानने में जरा भी देरी नहीं हुई कि आखिर यशवंत ने अभी अभी उनकी आँखों के सामने क्या करके दिखाया था।

हैरत में पडकर कुछ students जोर से चिल्लाए, - “अरे, ये तो धातु त्वचा समावेशन हैं, जो आज teacher सांगर ने हमें सिखाया था!”

मैदान के ठीक सामने बेचैन खडी सोनिका ने ये देखकर राहत की सांस ली। अब जाकर उसकी घबराहट दूर हुई, जब उसने यशवंत को उत्पत्ति समावेशन का इस्तेमाल करते हुए देखा।

अपने दिल को शांत करते हुए सोनिका ने धीरे से मुस्कुराकर खुद से कहा, - “चलो अच्छा है! राजकुमार यश किसी एक उत्पत्ति समावेशन का इस्तेमाल करने के काबिल तो हैं।”

Ambrosian में उत्पत्ति समावेशन, शक्तिशाली बनने का एक और नया रास्ता था, जो बेहद खतरनाक और मुश्किल था। ये रास्ता साधना का था, जबकि शक्ति आवर्तनों को खोलकर शक्तिशाली बनने का रास्ता training करने का था।

उत्पत्ति समावेशन की साधना करने के लिए तिलिस्मी कलम, white board और आत्मा की शक्तियों की जरूरत होती थी। यही वजह थी कि शक्तिशाली बनने का ये रास्ता सभी के लिए नहीं बना था।

वहीं, जब मैदान पर खडे अमरान के हाथ का दर्द थोडा कम हुआ, तो वो यशवंत की कलाइयों पर चढ़ी हल्की काली रोशनी की लकीरें गौर से देखने लगा। बाद में, जैसे ही उसे समझ आया कि वो लकीरें क्या थी, तो अमरान उसपर यकीन ही नहीं कर पाया।

इसी बीच उसने हल्की हैरानी के साथ यशवंत की ओर देखते हुए कहा, - “तुमने, तुमने अपने शरीर पर उत्पत्ति समावेशन बनाना सीख लिया!”

दरअसल, अमरान ने आज यशवंत को साधना hall में धातु त्वचा समावेशन बनाते हुए देखा था, लेकिन उसने उस समावेशन को सिर्फ white board पर ही बनाया था।

Ambrosian की दुनिया में हर कोई अच्छी तरह जानता था कि उत्पत्ति समावेशन को शरीर पर बनाने के लिए एक इंसान में अपने सूचीवेध बिदुओं और शक्ति आवर्तनों की जगहों को संभालने की ताकत और काबिलियत की कितनी जरूरत पडती थी।

इनकी मदद से ही एक इंसान उत्पत्ति समावेशन का सही इस्तेमाल कर सकता था, वो भी खुद को बिना कोई नुकसान पहुँचाए इसलिए किसी भी उत्पत्ति समावेशन को white board पर बनाने से कहीं ज्यादा मुश्किल उसे अपने शरीर पर बनाना होता था।

फिर भी, यशवंत ने इतनी जल्दी और आसानी से अपने शरीर पर धातु त्वचा समावेशन बना दिया था कि इसपर अमरान को बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ। ये सब तो उसकी सोच के बाहर था, जो अभी अभी यशवंत ने करके दिखाया।

अमरान के चेहरे पर छाई हैरानी को देखकर यशवंत ने उससे मुस्कुराते हुए कहा, - “तुम्हें क्या लगा अमरान? मैंने अभी तक अपने एक भी शक्ति आवर्तन को नहीं खोला, तो मैं तुम्हारे सामने कमजोर पड जाऊँगा!”

ये सुनकर अमरान का चेहरा गुस्से से लाल पीला हो गया। उसने अपनी मुट्ठियों को कसते हुए कहा, - “अच्छा! तो तुम ये सोचते हो कि मुझे अपने इस एक धातु त्वचा समावेशन के भरोसे हरा दोगे। कोई बात नहीं राजकुमार यश। आज मैं खुद तुम्हारी ये गलतफहमी दूर कर दूँगा, तब तुम्हें समझ आएगा कि तुम्हारे और मेरे बीच कितना बडा फासला हैं!”

अपनी बात पूरी करते ही अमरान ने अपने कदम आगे बढाने शुरू किए और जोर से चिल्लाया, - “दोनों शक्ति आवर्तन खुल जाओ!”

अमरान की इस चीख के तुरंत बाद, उसके शरीर के चारों ओर धुंधली दिखाई देती सफेद रोशनी मंडराने लगी। इतना ही नहीं, उसके पैरों के नीचे की धूल उडती हुई मैदान के चारों ओर घूमने लगी और देखते ही देखते अमरान के लंबे कपडे हवा में तेज़ी से फडफडाने लगे।

अमरान के दो शक्ति आवर्तन खुलते ही उसके चेहरे पर एक खतरनाक चमक दिखाई देने लगी और पलक झपकते ही उसकी शक्तियां बहुत ज्यादा बढ़ गई।

इस कदर अमरान के शरीर की बढ़ती शक्तियां देखकर कई students के हाव भाव थोडे बदल गए और वे घबराहट में यशवंत की ओर देखने लगे।

वहीं, मैदान के दूसरी तरफ खडे अमरान को अभी भी अपना मज़ाक बनाते देख, यशवंत ने भी तेज़ी से आगे बढ़ते हुए कहा, - “अच्छा! ऐसी बात है। चलो तो फिर आज देख ही लेते है, कौन किसकी गलतफहमी दूर करता हैं अमरान।”

इस वक्त यशवंत के चेहरे पर एक रहस्यमयी मुस्कान थी, जिसके पीछे छिपा उसका असली इरादा क्या था, ये बता पाना बेहद मुश्किल था।अमरान की ओर तेज़ी से भागते हुए यशवंत के टखनों पर अचानक ही एक चांदी के रंग की हल्की रोशनी मंडराने लगी, जिसे बहुत ज्यादा दूरी होने पर भी बडी आसानी से देखा जा सकता था।

उस चांदी के रंग की रोशनी से यशवंत को अपना पूरा शरीर बहुत हल्का होता हुआ महसूस हुआ। जिससे उसके भागने की रफ्तार किसी चीते की तरह हो गई।

कुछ पैनी नजरों वाले students ने यशवंत के टखनों पर मंडराती चांदी के रंग की रोशनी को देखते ही पहचान लिया और वे हैरानी में कहने लगे, - “वो भाई, ये तो बिजली शरीर समावेशन हैं!”

जब तक वे students कुछ समझ पाए थे, तब तक यशवंत चीते जैसी रफ्तार के साथ अमरान के एकदम पास पहुँच गया था। फिर चेहरे पर वही रहस्यमयी मुस्कान लिए उसने हवा में अपना हाथ घुमाया, जिसके अगले ही पल उसकी आस्तीन के ऊपर एक और हल्की रोशनी मंडराने लगी, उस रोशनी का रंग गहरा लाल था।

भले ही उस लाल रोशनी को दूर से देखना काफी मुश्किल था, लेकिन फिर भी सभी students उसमें छिपी ताकत को अच्छे से महसूस कर पा रहे थे। तभी अचानक, वो हल्की लाल रोशनी पलक झपकते ही यशवंत की मुट्ठी तक पहुंचते ही एक आक्रामक शक्ति में तब्दील हो गई।

“उग्र बैल समावेशन” - ये कहते हुए यशवंत ने अमरान के सीने पर जोरदार हमला कर दिया।

जब अमरान ने यशवंत के मुक्के में इकट्ठा आक्रामक शक्तियों को महसूस किया, तो उसके चेहरे का रंग पूरी तरह से उड गया। बावजूद इसके, वो पीछे नहीं हटा क्योंकि उसकी नज़रों में यशवंत बहुत कमजोर student था।

उस मैदान में कुर्सियों पर बैठे कई students के ठीक सामने खडी सोनिका का मुंह खुला का खुला रह गया, जब उसने यशवंत को एक साथ धातु त्वचा समावेशन, बिजली शरीर समावेशन और उग्र बैल समावेशन का इस्तेमाल करते हुए देखा।

अपने मुँह पर दोनों हाथ रखकर वो बडी मुश्किल से अपनी हैरानी को छुपाने की कोशिश कर रही थी। उसे बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ कि यशवंत ने एक साथ तीन उत्पत्ति समावेशन का इस्तेमाल किया, जो हर किसी के लिए कर पाना तकरीबन नामुमकिन था।

सोनिका की ये हैरानी ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रही क्योंकि अब उसे अंदर ही अंदर अच्छे से समझ आ गया था कि teacher सांगर के सिखाए उन तीन उत्पत्ति समावेशन के ऊपर यशवंत ने पहले ही अच्छी तरह से महारत हासिल कर ली थी। यही वजह थी कि वो एक साथ उन तीनों उत्पत्ति समावेशन का इस्तेमाल कर पा रहा था।

वहीं, मुकाबले के मैदान में जैसे ही यशवंत का मुक्का अमरान के सीने से टकराया, आक्रामक शक्तियों का एक तेज़ धमाका हुआ।

इस बीच यशवंत के मुक्के की ताकत से अमरान का चेहरा पूरी तरह सफेद पड गया और उसकी आँखों में खौफ के साथ साथ बेइंतहा दर्द भी दिखाई देने लगा।

फिलहाल तीन उत्पत्ति समावेशन का इस्तेमाल करने से यशवंत की रफ्तार, ताकत और मजबूती अमरान के बराबर हो गई थी। इसलिए यशवंत के इस हमले में जो शक्तियां थी, उससे टकराकर अमरान तेज़ी से पीछे की ओर उडते हुए मैदान के ठीक बाहर जा गिरा।

ये देखकर सभी students बर्फ की तरह अपनी अपनी जगह पर जम गए। कुछ students जैसे तैसे खुद को संभाले हुए थे, जो आँखें बडी बडी करके सिर्फ यशवंत को ही घूर रहे थे। जिसने अमरान को महज एक हमले में ही ढेर कर दिया था।

शुरू से कोई भी ये नहीं सोच रहा था कि इस मुकाबले का अंज़ाम कुछ ऐसा भी हो सकता था। उन्हें तो लग रहा था कि ये मुकाबला पूरी तरह से एक तरफा होने वाला था लेकिन अब नतीजा जानने के बाद उन सबकी सांसें उनके गले में ही अटक गई थी।

अमरान को मैदान से बाहर करने के बाद, यशवंत ने धीरे से अपने दाहिने हाथ को नीचे किया। ऐसा करने से उसकी कलाइयों पर मंडराती तीन रंगों की हल्की रोशनियां एकदम से गायब गई।

इतने में, यशवंत ने अपनी कलाईयों को मलते हुए मैदान से बाहर गिरे अमरान के करीब जाकर उसकी जेब से participation token निकाला और मज़ाक भरे अंदाज़ में कहा, - “क्या रे अमरान! तू तो मुझसे भी कमजोर निकला। ऐसे लडके को नहीं हरा पाया, जिसने अभी तक अपना एक भी शक्ति आवर्तन नहीं खोला हैं। लगता है, तेरे लिए यही अच्छा होगा कि तू इस बार के newcomer exam में हिस्सा न ही ले, वरना तुम्हारी वजह से हमारी academy की इज्जत मिट्टी में मिल जाएंगी।”

यशवंत के कहे इन शब्दों को सुनकर आसपास के ज्यादातर students अमरान को मज़ाक भरी निगाहों से देखने लगे।

ये समझ आते ही अमरान को शरीर के साथ साथ अब अपने दिल में भी बेइंतहा दर्द का एहसास हुआ। इतने में, उसके मुंह से हल्का हल्का खून निकलने लगा और देखते ही देखते उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया।

अमरान को बेहोश होते देख, यशवंत ने वहाँ से जाने से पहले सभी students की ओर देखा और उनसे कहा, - "ये मुकाबला यहीं खत्म हुआ। अब मैं चलता हूँ और हाँ, तुम सब अपनी practice जारी रख सकते हो।"

इसके बाद, यशवंत हंसते हुए अपने हाथ में पकडे participation token को देखकर उस दिशा की ओर चल पडा, जहाँ इस वक्त सोनिका खडी थी।

उस मैदान में मौजूद सभी students ने यशवंत के कहे शब्द सुने थे। फिर भी वे वहाँ नहीं रुके, बल्कि मुस्कुराते हुए वापिस अपनी training class में चले गए, लेकिन उस मैदान से जाने से पहले वे सभी हैरानी के साथ यशवंत को ही देखते रहे।

ऐसा इसलिए क्योंकि यशवंत शुरू से अपने शरीर के एक भी शक्ति आवर्तन को नहीं खोल पाया था। ये बात उन्हें बहुत अच्छे से पता थी, इसके अलावा वे सब ये भी जानते थे कि महा अलंकृत राव दल के राजकुमार यश का पूरे झोमार साम्राज्य में काफी ऊंचा ओहदा था। फिर भी उसके पास कोई ताकत या काबिलियत नहीं थी।

मगर आज जो कुछ भी उन्होंने अपनी आँखों के सामने होते हुए देखा, उस पर वे बिल्कुल भी यकीन नहीं कर पाए थे। अब उन्हें लगने लगा, शायद यशवंत आज तक अपनी असली शक्तियों को उन सबसे छुपाता आ रहा था, जिस वजह से यशवंत को देखने का उनका नजरिया थोडा बदलने लगा।

भले ही यशवंत अपने शरीर के आठ शक्ति आवर्तन खोलने के काबिल नहीं था लेकिन उसके पास उत्पत्ति समावेशन की शक्तियां थी। जिसके माध्यम से उसने सबके सामने अमरान जैसे लडके को भी हरा दिया, जिसने बहुत पहले ही अपने शरीर के दो शक्ति आवर्तन खोल लिए थे।

वहीं, उस मैदान के दूसरी तरफ, कुछ कदम चलकर यशवंत ने सोनिका के पास पहुँचते ही participation token की ओर इशारा करते हुए कहा, - “अब इसे फिर से मत खोना!”

इतना कहकर यशवंत ने अपने दाहिने हाथ को आगे बढ़ाया। इस वक्त उसके चेहरे पर हल्का दर्द और थकान थी, फिर भी वो मुस्कुरा रहा था।

सोनिका ने ध्यान से यशवंत के हाथ में चमकते हुए participation token को देखा, लेकिन उसे वापिस लेने के लिए अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया।

ये देखकर यशवंत समझ गया कि सोनिका उस participation token को वापिस लेने से थोडा झिझक रही थी।

तभी उसने अपना काँपता हाथ थोडा और आगे बढ़ाया और हंसते हुए कहा, - “देखो, मैंने इसे हासिल कर लिया। अब डरने की कोई जरूरत नहीं हैं। अमरान के बाद कोई भी ऐसा कुछ करने की हिम्मत नहीं करेगा।”

सोनिका भी देख सकती थी कि यशवंत का काँपता हाथ हमले के कारण लाल पड चुका था। उसने एक पल झिझकने के बाद, धीरे से अपने गोरे हाथ आगे बढ़ाए और participation token उठा लिया।

तभी यशवंत ने अपने हाथ की हालत देखकर आह भरते हुए कहा, - “सचमें! शक्ति आवर्तनों की शक्तियों के बिना मेरा शरीर काफी हद तक कमजोर हैं।”

दरअसल, मुकाबले के मैदान में बेशक यशवंत ने अपने शरीर की ताकत, रफ्तार और मजबूती को कुछ वक्त तक बढाने के लिए धातु त्वचा समावेशन, बिजली शरीर समावेशन और उग्र बैल समावेशन की शक्तियाँ इस्तेमाल की थी, लेकिन उसका अंदरूनी शरीर अभी भी बेहद कमजोर था। जिस वजह से अमरान के ऊपर हमला करते वक्त यशवंत पर भी उन तीन उत्पत्ति समावेशन के एक छोटे से हिस्से का हमला हुआ था।

इस दौरान, यशवंत के चेहरे पर झलकता हल्का दर्द देखकर सोनिका ने कुछ देर सोचने के बाद कहा, - “Teacher सांगर का कहना है कि कुछ ऐसे उत्पत्ति समावेशन हैं, जो थोडी देर के लिए पूरे शरीर को मजबूत कर सकते हैं। अगर आप उन्हें सीखने में कामयाब हो जाते हैं, तो आपको उनकी शक्ति के असर से कोई नुकसान नहीं होगा।”

मगर इसपर यशवंत ने मजबूर होकर धीरे से सिर हिलाया और कहा, - “हाँ! मैं जानता हूँ, लेकिन ऐसे उत्पत्ति समावेशन का Grade कम नहीं होता।”