यह कहानी पाँच दोस्तों की है – शिवी, शिलु, सालु, परी और मोना की।इस कहानी का सबसे अहम किरदार एक टीचर भी है, जिसके बारे में आपको आगे पता चलेगा।
शिवी का घर और उसकी जिद
काफी दिनों से शिवी अपने पापा को कॉमर्स स्ट्रीम लेने के लिए मना रही थी।
जैसा कि आप जानते ही हैं, हमारी सोसाइटी में ये सोच बैठी है कि सिर्फ साइंस वाले बच्चे ही मेहनती और सफल होते हैं।
शिवी ने 10वीं कक्षा 91% से पास की थी, लेकिन उसके पापा दूसरों की बातों में आकर उसे साइंस दिलाना चाहते थे।
आख़िरकार, बहुत ज़िद और समझाने के बाद शिवी ने अपने पापा को कॉमर्स स्ट्रीम के लिए मना लिया।
1 अप्रैल 2023 को, शिवी अपने पापा के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटी पर बैठकर गर्ल्स स्कूल में एडमिशन के लिए जा रही थी।
एंट्रेंस पर पहुँचते ही उसके मन में आया –
"काश, मुझे इस स्कूल में एडमिशन ना लेना पड़ता।"
पहला दिन सबकी तरह उसके लिए भी बोरिंग था। अभी तक उसके जीवन में चमक लाने वाले दोस्त नहीं आए थे।
सालु की एंट्री
कुछ दिनों बाद स्कूल में सालु की एंट्री होती है।
लंबी चोटी वाली लड़की, आँखों पर चश्मा, और सिर्फ पढ़ाई पर फोकस। वह इस स्कूल की पुरानी स्टूडेंट थी।
शिवी खुशमिजाज स्वभाव की, फिट बॉडी, 5’2 की हाइट और गोरे रंग की थी।
वह सालु से बात करने लगी –
“हाय, मैं शिवी... न्यू एडमिशन।”
सालु ने मुस्कुराकर कहा – “हैलो।”
शिवी बोली – “लगता है तुम ज्यादा बात नहीं करती, लेकिन मैं तो बहुत बोलती हूँ... तुम्हारा दिमाग खा जाऊँगी।”
शिलु की एंट्री
कुछ दिन बाद शिलु आती है, जो पहले डिलाइट स्कूल (को-एड) में पढ़ती थी।
वही स्कूल जहाँ से शिवी भी आई थी।
प्रेयर के बाद जब शिवी क्लास में लौटी, तो उसने देखा – उसके और सालु के बैग के बीच एक तीसरा बैग रखा था।
वह चौंकी ही थी कि तभी दरवाज़े से शिलु दौड़कर आई और उसे गले लगा लिया।
अब तीनों साथ रहने लगीं।
हालाँकि, शिवी का मानना था – “स्ट्रीम बदलो तो दोस्त भी बदल जाते हैं।”
परी की एंट्री
फिर आती है परी।
वह अकेली पीछे की बेंच पर बैठी थी। उसने सूट-पलाज़ो पहना था, जिससे वह थोड़ी बड़ी लग रही थी।
शिलु को परी बहुत मासूम लगी।
उसने शिवी से कहा – “चलो, बात करते हैं उससे।”
शिवी बोली – “जा तू ही कर ले, कोई लड़का थोड़ी है जो तू इतनी शर्मा रही है।”
आख़िर शिलु जाकर परी को आगे बुला लाई।
परी को “आप-आप” कहकर बुलाते देख शिवी ने मजाक में कहा –
“ये क्या दादी अम्मा समझ रही है? हमारी ही उम्र की है।”
क्लास की लड़कियाँ हँस पड़ीं और इस तरह परी भी उनके ग्रुप में शामिल हो गई।
मोना की एंट्री और अफवाहें
महीने के अंत में मोना की एंट्री हुई।
वह अपने घरवालों के दबाव में कॉमर्स लेती है।
धीरे-धीरे ग्रुप को सुनने में आया कि मोना “करेक्टरलेस लड़की है, इंस्टाग्राम पर लड़कों से बात करती है, बार-बार फ्रेंड बदलती है और लोगों की फीलिंग्स से खेलती है।”
यह सुनकर शिवी बोली –
“सुनो, तुम ग़लत जगह चुगली कर रही हो। मैं सुन-सुनाई बातों पर भरोसा नहीं करती। मुझे तो अपनी आँखों से देखी बातों पर ही विश्वास होता है। और वैसे भी, मोना चाहे कुछ भी करे – ये उसकी लाइफ़ है।”
इतना सुनकर वह लड़की चुप हो गई और अपनी बेंच पर लौट गई।
धीरे-धीरे पाँचों के बीच बातें बढ़ने लगीं।
कॉमर्स सेमिनार का दिन
एक दिन पाँचों ग्राउंड में बैठी बातें कर रही थीं।
तभी खबर आई कि कॉमर्स के लिए बड़ा सेमिनार होने वाला है, जहाँ बड़े-बड़े CA फैकल्टी बताएँगे कि भविष्य में क्या करना चाहिए।
सब बहुत खुश थे।
6वें लेक्चर में फ्री पीरियड मिला, तो पाँचों ने सोचा – “चलो, लाइब्रेरी चलते हैं।”
लेकिन जैसे ही वे 7वें लेक्चर में वापस क्लास में आईं, तो देखा – क्लास खाली है!
वे सब शॉक्ड रह गईं।
शिवी बोली – “यार, ये सब बिना बताए पार्टी करने चले गए क्या?”
तभी एक लड़की ने बताया – “सभी बच्चे हॉल में सेमिनार अटेंड कर रहे हैं।”
बाकी चार उदास हो गईं, क्योंकि वे भी सेमिनार अटेंड करना चाहती थीं।
पर बीच में जाकर वे अब नहीं जा सकती थीं।
शिवी बोली –
“गाइज, रिलैक्स करो। वैसे भी ये लोग हमें बोर करने वाले थे। ऐसे सेमिनार तो ज़िंदगी में और भी होंगे। अभी तो चलो यहाँ से, वरना वो ब्लैक लिपस्टिक वाली पीटीआई भूतनी आ गई तो गए काम से।”
और सच में, तभी पीटीआई आ गईं।
उन्होंने पूछा – “तुम लोग यहाँ क्या कर रही हो?”
पाँचों ने एक साथ कहा –
“मैम, हम लाइब्रेरी में थे, हमें किसी ने बताया ही नहीं।”
मैम ने हँसकर कहा – “अच्छा, ठीक है। चलो, आर्ट्स वाली क्लास में बैठ जाओ।”
पाँचों अपनी हालत पर हँस पड़ीं और साथ में अच्छा समय बिताने लगीं।
पर यह तो सिर्फ शुरुआत थी...
उन्हें क्या पता था कि आगे उनकी ज़िंदगी में कितने दुख आने वाले हैं...
और ये भी कि उनकी ज़िंदगी से बहुत कुछ छिन जाएगा।
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✨ कहानी यहीं तक – अब असली मोड़ आगे आएगा।