अनिरुद्ध उसकी तरफ देखता है और फिर एफएम पर गाने चला देता है। गाने चलते ही स्नेहा उसकी तरफ चेहरा घुमा कर देखती है और बिना किसी भाव के मियूजिक बन्द कर देती है।
अरे! अब इससे क्या दुश्मनी है तुम्हे, चलने दो यार इसे, म्यूजिक बंद होने पर अनिरुद्ध कहता है। इतना कहकर वह फिर से एफएम ऑन कर देता है।
स्नेहा फिर से बन्द कर देती है। दोनों ऐसा तीन - चार बार करते है। वो स्टार्ट करता है वो बन्द कर देती है। अब अनिरुद्ध भी चिढ़ गया था।
अनिरुद्ध कहता है....क्या प्रॉब्लम है तुम्हारी, बड़ी अजीब इन्सान हो यार तुम ? संगीत से किसे दुश्मनी हो सकती है ? संगीत तो सबको पसंद होता है बस कुछ सड़े भुने लोगों को छोड़कर। कहीं तुम उन्हें से एक तो नहीं हो ?
मुझे संगीत से नहीं, तुमसे प्रॉब्लम है मिस्टर व्हाटेवर !! स्नेहा चिढ़ते हुए कहती है।
अनिरुद्ध कहता है....मुझसे प्रॉब्लम है तो इसे क्यों बन्द कर रही हो ? क्या बिगाड़ा है म्यूजिक ने तुम्हारा। बाहर देखो ! कितना रोमांटिक मौसम हो रहा है। ऐसे मौसम में गाने सुनने का अपना ही मजा होता है लेकिन आप हैं कि मुंह चढ़ाए बैठी हुई हैं। इतना अच्छा मौसम है, माहौल है, तो इसे बने रहने दो। और हां, मेरा नाम व्हाटेवर नहीं है, समझी मिस व्हाटेवर।
स्नेहा कहती है...अगर तुम्हारा नाम व्हाटेवर नहीं है ना तो मेरा नाम भी मिस व्हाटेवर नहीं है।
तब क्या है तुम्हारा नाम ? अनिरुद्ध पूछता है।
तुम्हे क्यों बताऊं ? तुम कौन होते हो मेरा नाम जानने वाले स्नेहा कहती है।
ठीक है, मत बताओ। जब तक नहीं बताओगी तब तक तुम्हारा नाम मिस व्हाटेवर ही रहेगा। जब जहां मिलेगी इसी नाम से बुलाऊंगा तुम्हें।
तुम मुझे यहीं उतारो, स्नेहा गुस्से में कहती है।
अनिरुद्ध कहता है....ये कोई जगह नहीं है उतरने की तुम चुप करके बैठी रहो, ठीक है नहीं बजा रहा मैं कोई भी गाना। स्नेहा बिना कुछ कहे फिर से मुंह फेर लेती है।
अनिरुद्ध मुंह बनाता है और धीरे से कहता है, कितनी सडू टाइप की है यह लड़की मिस व्हाटेवर।
स्नेहा उसे रास्ता बताती है...अनिरुद्ध उसके बताए रास्ते पर कार ड्राइव करने लगता है। थोड़ी देर बाद स्नेहा कहती है...मुझे यहीं जाना है तुम कार रोक दो। अनिरुद्ध अपनी कार रोक देता है। स्नेहा कार से बाहर निकल रही होती है अनिरुद्ध कहता है....तुम्हारा घर तो नहीं दिख रहा यहां।
स्नेहा कहती है....थोड़ा वॉक करके जाना पड़ेगा, मैं चली जाऊंगी। अंदर आने पर तुम्हें कार बैक करने में दिक्कत हो सकती है। इतना कहकर वह कार से बाहर निकल जाती है।
अनिरुद्ध उसके पीछे पीछे आने लगता है। स्नेहा कहती है... अब घर तक पीछा करने का इरादा है क्या तुम्हारा ?
अनिरुद्ध उससे थोड़ी दूर उसके पीछे होता है और वहीं से चिल्ला कर कहता है....हां, मिस व्हाटेवर।
स्नेहा मुंह बनाती है और चलने लगती है उसे कोई जवाब दिए बिना। जब वह अपने घर के दरवाज़े पर पहुंचती है तो अनिरुद्ध वहीं एक तरफ रुक जाता है। स्नेहा पलट कर देखती है अनिरुद्ध एक तरफ खड़ा हुआ था। वह उसे एक नजर देखकर अंदर चली जाती है। उसके अंदर जाने पर अनिरुद्ध भी वहां से चला जाता है।
कैसी हैं ये बारिशें
कुछ बिगड़ती बातों सी
कुछ बनती बातों सी
शरारत भरी मुलाकातों सी
ये बारिशें 🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️
समीक्षाओं की बरसात कर दो मित्रों !!!!!!!!!!!!!!!!!!!