माय ड्रीम लाइफ
अध्याय 1 – नया सफर
आज मेरा कॉलेज का पहला दिन था। दिल में उत्साह भी था और थोड़ा डर भी, क्योंकि अभी तक मेरा कोई दोस्त नहीं था। मैं चाहती थी कि मुझे भी नए दोस्त मिलें, जैसे सबके होते हैं। जब मैं क्लास में गई तो देखा कि सब आपस में बात कर रहे थे, हँस रहे थे। और मैं अकेली एक कोने में बैठी थी। मुझे लगा कि सब मुझे ही देख रहे हैं। तभी एक लड़की मेरे पास आई। उसने प्यार से कहा, “क्या तुम नई हो?”
मैं उसे बस देखती रह गई। वह बहुत खूबसूरत थी, बिलकुल एक गुड़िया की तरह। मैंने हल्का सा मुस्कान देते हुए कहा, “हाँ, आज मेरा पहला दिन है।”
उसने अपना नाम बताया और फिर मैं भी मुस्कुराकर अपना नाम बताई। उसने हाथ बढ़ाकर कहा,
“तो आज से हम दोस्त हैं!”
मुझे बहुत अच्छा लगा। दिल हल्का हो गया कि अब मेरा भी एक दोस्त है। उस दिन के बाद हम दोनों… हमेशा साथ बैठते, लंच शेयर करते, और हर बात एक-दूसरे को बताते।
फिर सोमवार आया। क्लास में एक नया लड़का आया जो काफी हैंडसम था। उसे देखकर सभी लड़कियाँ आकर्षित हो गईं। केमिस्ट्री सर जब क्लास लेने आए तो उन्होंने उस लड़के से एक सवाल पूछा, लेकिन उसके पास जवाब नहीं था। मुझे लगा कि शायद कहानी अब यहीं से कुछ नया मोड़ लेने वाली है
कॉलेज से लौटते वक्त अब मेरी सोच सिर्फ उसी के इर्द-गिर्द घूमती रहती।
दिन हो या रात… न जाने क्यों उसके चेहरे की तस्वीर मेरी आँखों के सामने आ जाती।
क्लास में हम दोनों की बातें बहुत कम होती थीं, लेकिन मैं उसे चुपके-चुपके देख लेती…
और बस वही पल मेरे लिए पूरी दुनिया से कीमती होते।
वो धीरे-धीरे पूरे कॉलेज का स्टार बन चुका था।
हर लड़की उसके करीब आना चाहती थी, हर कोई उससे बात करने की कोशिश करता।
और मैं… बस चुपचाप कोने से उसे निहारती रहती।
एक दिन अचानक कुछ लोग हमारे पास आए। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा—
“तुम दोनों तो बहुत खूबसूरत हो। हमें लगता है कि तुम लोग मॉडलिंग कर सकते हो।”
मैंने उनकी बातों को मज़ाक समझकर नज़रअंदाज़ कर दिया। मुझे सब झूठा लगा।
लेकिन सेमी तो जैसे इस ख्याल से पंख लगा बैठी।
उसकी आँखों में चमक थी। वह बोली—
“क्यों ना एक बार कोशिश करें? शायद यही मौका हमारी ज़िंदगी बदल दे।”
मैंने बहुत मना किया, डराया भी कि ये सब धोखा हो सकता है।
लेकिन सेमी हर बार मुझे समझाती, अपने सपनों के बारे में बताती।
धीरे-धीरे उसकी बातें मेरे दिल को छूने लगीं… और मुझे लगने लगा कि शायद किस्मत सचमुच हमें कहीं और ले जाना चाहती है। कुछ दिनों तक मैं यही सोचती रही कि शायद मुझे सेमी का साथ देना चाहिए।
शायद किस्मत हमें कोई नया रास्ता दिखाना चाहती है।
फिर एक दिन, जब हम दोनों कॉलेज से घर लौट रहे थे, वही आदमी फिर से हमारे सामने आ गया।
इस बार उसके हाथ में कुछ फॉर्म थे। उसने हमें रोककर मुस्कुराते हुए कहा—
“ये लो, भर दो। ऑडिशन दो। तुम्हारी ज़िंदगी बदल सकती है।”
मैं थोड़ी घबराई हुई थी। अजनबी लोगों पर भरोसा करना आसान नहीं होता।
लेकिन सेमी ने बिना झिझके फॉर्म ले लिया। उसकी आँखों में उत्साह साफ झलक रहा था।
वो आदमी हमें गहरी नज़र से देख रहा था। फिर हल्की मुस्कान के साथ बोला—
“तुम दोनों बहुत मशहूर हो जाओगे।
तुम्हारी ज़िंदगी बदल जाएगी।
और तुम…” (उसने मेरी ओर इशारा किया)
“तुम समझदार लग रही हो। मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा।”
उसकी बातें मेरे दिल में गूंजने लगीं। डर और उत्सुकता… दोनों साथ-साथ थे।