Chapter 2 – Shadows of the Oberois
दिल्ली की सुबह हमेशा की तरह व्यस्त थी। ट्रैफिक की आवाज़ें, हॉर्न का शोर, हवा में धूल और भागती-दौड़ती ज़िंदगियाँ। लेकिन उसी भीड़ में एक ऐसा चेहरा था, जिसे देखकर कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था कि वो किस दुनिया से आया है। विवान ओबेरॉय। साधारण सफेद शर्ट, जींस, और आँखों पर हल्की थकान लिए वो यूनिवर्सिटी की ओर बढ़ रहा था। उसके आसपास दर्जनों लड़के-लड़कियाँ बातें कर रहे थे, हँस रहे थे, लेकिन विवान… हमेशा की तरह अकेला, चुपचाप और एकदम शांत।
क्लास में बैठते हुए भी कोई उसकी ओर ध्यान नहीं देता था। वो हमेशा आख़िरी बेंच पर बैठता, बिना किसी शोर-शराबे के। लेकिन जिसने भी ध्यान से उसकी आँखों में देखा, उसे महसूस होता कि इस लड़के के अंदर एक अजीब सी गहराई है। जैसे वो बहुत कुछ जानता है, लेकिन सब छुपा रहा है।
अनाया भी यही महसूस करने लगी थी। पिछले कुछ दिनों से उसने देखा था कि विवान के पास हर सवाल का जवाब होता है। चाहे history हो या economics, या फिर कोई random philosophical सवाल—विवान का जवाब हमेशा perfect और अजीब तरह से mature होता।
उस दिन लाइब्रेरी में उसने सीधा पूछ लिया, “तुम्हें सब कुछ इतना detail में कैसे पता होता है? लगता है जैसे तुमने सिर्फ पढ़ा नहीं… सब कुछ जिया है।”
विवान ने हल्की मुस्कान दी, उसकी आवाज़ धीमी लेकिन बेहद साफ़ थी, “कुछ बातें किताबों से नहीं मिलतीं अनाया… कुछ बातें ज़िंदगी सिखाती है।”
अनाया ठिठक गई। उसे जवाब मिला तो था, लेकिन इस जवाब ने उसके सवाल और बढ़ा दिए। आखिर एक 21 साल का लड़का कैसे ज़िंदगी के इतने कठिन सच जान सकता है?
विवान की यही आदत थी। जितना लोग उसके करीब आने की कोशिश करते, उतना ही वो अपने चारों ओर दीवार खड़ी कर लेता।
लेकिन वो अकेला ही अपने secrets में नहीं जी रहा था। दिल्ली की दूसरी तरफ़, शहर के एक पुराने गोदाम में, अंधेरे कमरे में एक आदमी कंप्यूटर स्क्रीन पर विवान की तस्वीरें देख रहा था। हर angle से खींची गईं, हर मूवमेंट पर नज़र रखतीं। उसके पीछे चार लोग खड़े थे, सबके चेहरे छुपे हुए।
“यकीनन ये वही है।” आदमी की आवाज़ भारी और ठंडी थी।
एक और ने कहा, “लेकिन ये तो दिल्ली में एक गरीब student बनकर रह रहा है। कोई नहीं जानता कि वो कौन है।”
पहला आदमी हँस पड़ा, “यही तो खेल है। असली ताक़त तब होती है जब दुनिया तुम्हें साधारण समझती है, और तुम अपनी असली शक्ति छुपाकर रखते हो।”
उनके सामने स्क्रीन पर सिर्फ एक नाम बार-बार चमक रहा था—VIVAN OBEROI।
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शाम को विवान अपने छोटे से कमरे में लौटा। ये कमरा उसकी असल ज़िंदगी से बिलकुल उल्टा था—एक टूटी मेज़, पुरानी किताबें, और लोहे का पंखा। ये देखकर कोई यक़ीन नहीं करेगा कि यही लड़का उस family का हिस्सा है जिसका नाम सुनते ही अरबों डॉलर की कंपनियाँ हिल जाती हैं।
वो बैग रखकर कुर्सी पर बैठा ही था कि उसका फ़ोन vibrate हुआ। स्क्रीन पर एक encrypted message चमका। सिर्फ तीन शब्द—
“WE ARE WATCHING.”
विवान की आँखें ठंडी हो गईं। कुछ सेकंड तक उसने स्क्रीन देखा, फिर हल्की मुस्कान आई। जैसे उसे पहले से पता था कि ये होने वाला है। वो बुदबुदाया—
“तो खेल शुरू हो चुका है…”
उसने laptop खोला और कुछ codes type करने लगा। स्क्रीन पर अलग-अलग लोकेशन की maps, cameras और security feeds खुलने लगे। कुछ सेकंड में उसने message का source trace करने की कोशिश की, लेकिन sender इतना professional था कि traces बार-बार बदल रहे थे।
“दिल्ली में कोई है… जो मुझे ढूँढ रहा है।” उसने खुद से कहा।
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अगले दिन यूनिवर्सिटी में माहौल कुछ अलग था। कैंपस में नए students का एक group आया था। उनमें से कुछ लड़के एकदम अलग दिख रहे थे—महंगे branded कपड़े, arrogant expressions और attitude से भरे हुए। उनमें से एक ने कैंटीन में अनाया से बात करने की कोशिश की। वो forcefully उसकी table पर बैठ गया।
“Hi pretty, मैं अर्जुन हूँ। तुम्हें अकेले बैठा देख लगा company दे दूँ।”
अनाया को उसकी style बिल्कुल पसंद नहीं आई। उसने politely मना किया, “Sorry, मैं busy हूँ।”
लेकिन अर्जुन को ये insult लग गया। उसने ऊँची आवाज़ में कहा, “Busy? या फिर किसी का इंतज़ार कर रही हो? उस boring लड़के का?” उसने इशारा विवान की तरफ़ किया, जो पास की table पर किताब पढ़ रहा था।
पूरे कैंटीन का ध्यान अब उनकी तरफ़ था। विवान ने धीरे से किताब बंद की और खड़ा हो गया। उसकी चाल में कोई घबराहट नहीं थी। वो आराम से अर्जुन के पास गया, उसकी आँखों में देखकर बोला,
“उससे दूर रहो।”
अर्जुन हँस पड़ा। “और अगर नहीं रहा तो? तुम क्या करोगे?”
विवान की आँखों में वही ठंडी चमक लौटी। एक सेकंड में उसका हाथ अर्जुन की गर्दन के पीछे था, और इतनी ताक़त से दबाया कि अर्जुन की साँस अटक गई। पूरी कैंटीन shock में थी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि इतना चुप लड़का इस तरह का reaction दे सकता है।
विवान ने धीमी आवाज़ में कहा,
“मैं दोबारा repeat नहीं करता।”
फिर उसे छोड़ दिया और वापस अपनी सीट पर चला गया।
अनाया की आँखें चौड़ी हो गईं। वो समझ ही नहीं पा रही थी कि विवान ने इतनी आसानी से उसे कैसे control कर लिया। ये normal ताक़त नहीं थी।
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रात को विवान छत पर खड़ा था। हवा तेज़ थी, और वो चुपचाप आसमान देख रहा था। उसके दिमाग़ में सवाल घूम रहे थे।
“कौन है जो मेरा पीछा कर रहा है? कब तक मैं इस facade में रहूँगा?”
नीचे से आवाज़ आई, “Vivan!”
वो अनाया थी। वो हाथ में एक notebook लिए खड़ी थी।
“आज तुमने जो किया… वो normal नहीं था। मुझे सच जानना है। तुम हो कौन?”
विवान उसकी ओर देखता रहा। उसकी आँखों में कोई emotion नहीं था। सिर्फ़ खामोशी।
कुछ सेकंड बाद उसने कहा, “अगर मैंने सच बता दिया… तो तुम्हारी ज़िंदगी कभी पहले जैसी नहीं रहेगी।”
अनाया की धड़कन तेज़ हो गई। “तो फिर भी मुझे जानना है।”
विवान कुछ बोलने ही वाला था कि अचानक उसका phone फिर vibrate हुआ। वही encrypted ID, और इस बार message था—
“Next move is hers.”
विवान का चेहरा सख़्त हो गया। उसने screen देखा, फिर अनाया की ओर।
क्या दुश्मन अब अनाया को target करने वाला था?
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अब सवाल ये है—
क्या विवान अपना सच अनाया को बताएगा?
कौन है वो organization जो उसके हर कदम पर नज़र रख रही है?
और क्या अनाया अब इस खेल में सबसे खतरनाक pawn बनने वाली है?
क्या होंगे इन सभी सवालों के जवाब? जानने के लिए पढ़ते रहिए, सिर्फ़ और सिर्फ़ BOUND BY SECRET।