लड़ना मुश्किल सा है…
आज फिर वही हुआ…
आँखें खुली, और सबसे पहले तेरी याद आई,
कितनी अजीब बात है ना…
तू मेरी ज़िन्दगी से चला गया,
पर मेरी सुबहें अब भी तुझसे शुरू होती हैं.....
पहले सोचती थी,
लोग फिल्मों में क्यों कहते हैं ये बात
"पहला प्यार भूलना मुश्किल है"
अब समझ आती है मुझे…
भूलना नहीं, लड़ना मुश्किल सा लगता है...
लड़ना मुश्किल सा है —
उन सुबहों से,
जब तेरे भेजे "गुड मॉर्निंग" मैसेज
मेरे दिन का सबसे प्यारा हिस्सा होते थे....
अब मोबाइल चुपचाप पड़ा रहता है,
जैसे उसे भी तेरा इंतज़ार है,
कोई संदेश आए तो मुस्कुरा उठे....
लड़ना मुश्किल सा है —
उन गलियों से गुजरते हुए,
जहाँ हम साथ चला करते थे,
हर मोड़ पर तेरी हँसी की गूँज सुनाई देती है,
और मैं रुककर पीछे देख लेती हूँ,
जैसे तू सच में आ जाएगा कही से ,
पर तू है नहीं भ्रम जल्द ही टूट जाता है......
तूने कहा था ,
हमेशा मेरा हाथ थामे रहना
मैंने कसकर पकड़ लिया था,
सोचकर कि ये पकड़ उम्रभर रहेगी....
पर शायद तेरी पकड़
सिर्फ़ कुछ मौसमों की भांति ही थी,
मौसम बदला और तू भी .....
आज भी जब बारिश होती है,
तेरे साथ बिताई वो शाम याद आती है…
मैंने छतरी में तुझे छुपाया था,
और तू हँसते हुए कह रहा था
तू भीग जाएगी, पागल!
पहले खुद को संभाल
काश…
उसी बारिश में वक्त रुक जाता.......
अब बारिश भी मुझे भिगोती नहीं,
बस रुलाती है,
मानो वो भी मुझसे दूरी बढ़ा रही हो..
लोग कहते हैं
"वक्त हर दर्द मिटा देता है"
पर मेरा वक्त तो वहीं ठहर गया था,
जिस दिन तू चला गया था
तब से हर तारीख,
हर घड़ी,
तेरे बिना अधूरी लगती है
जैसे चांद बिना रौशनी के .......
तूने शायद आसानी से छोड़ दिया है,
क्योंकि तेरे पास कोई और था…
कोई और कंधा,
कोई और मुस्कान,
कोई और हाथ।
और मेरे पास?
मेरे पास सिर्फ़ तू ही था
तू कैसे भूल गया ??
तेरे जाने के बाद,
मेरे पास सिर्फ़ तेरी यादें रह गईं हैं
वो यादें,
जो हर रोज़ मुझे जीतने नहीं देतीं है
मैं कोशिश करती हूँ —
खुद को सँभालने की,
हँसने की,
आगे बढ़ने की…
पर बीच रास्ते में दिल कह देता है
"वो होता तो सब अलग होता"
तू और तेरी मुस्कान और भी हसीन होती ......
रातें सबसे मुश्किल होती हैं
नींद आती ही नहीं,
क्योंकि नींद और तेरी याद
कभी साथ नहीं रहतीं हैं
मैं करवटें बदलती हूँ,
छत को देखती हूँ,
और सोचती हूँ…
क्या तू भी मुझे याद करता होगा?
पर कुछ सोच कर कदम ठहर जाते हैं....
शायद नहीं…
क्योंकि अगर करता,
तो लौट आता....
अगर करता,
तो एक मैसेज भेज देता...
अगर करता,
तो ये दूरी यूँ नहीं बढ़ने देता....
पर दिल…
दिल को ये समझाना
सबसे मुश्किल काम है..
वो अब भी तुझमें बसना चाहता है
तेरे नाम से धड़कना चाहता है
तू मेरा अतीत था,
पर दिल तुझे मेरा आज भी मानता है......
मैंने खुद से सैकड़ों बार कहा
"अब बस, भूल जा उसे"
पर जब तेरी तस्वीर पर नज़र पड़ती है,
तो आँखें भीग जाती हैं...
जैसे वो तस्वीर मुझसे कह रही हो
"तू तो मेरा सब कुछ थी"
और मैं सोचती हूँ…
अगर सच था,
तो फिर छोड़ क्यों दिया था?
कभी-कभी लगता है
काश तू आ जाए,
और कहे
"चल, फिर से शुरू करते हैं"
पर फिर हकीकत थप्पड़ मार देती है,
कि ज़िन्दगी में कुछ कहानियाँ
अधूरी ही अच्छी लगती हैं,
क्योंकि अगर पूरी हो जाएं,
तो शायद वैसी न रहें.....
पर सच कहूँ,
तेरे बिना जीना…
तेरी यादों से बचना…
तेरे नाम से लड़ना
सब कुछ मुश्किल है....
लड़ना मुश्किल सा है
बहुत मुश्किल सा है
उन यादों से जो खास होता है...
Just imagination....
Thanks for reading......