Khamoshi ka Raj - 4 in Hindi Horror Stories by Kapil books and stories PDF | खामोशी का राज - पार्ट 4

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खामोशी का राज - पार्ट 4



खामोशी का राज – पार्ट 4

अर्शा ने ठाना था कि अब वह अपने परिवार के सदस्यों से मिलकर इस राज़ की परतें खोलना शुरू करेगी। उसने सबसे पहले अपनी माँ से बात करने की सोची, क्योंकि माँ ही परिवार की सबसे बड़ी राखी थी, जो कई राज़ों को छुपाए हुए थी।

“माँ, मुझे उस डायरी में जो लिखा है, उसके बारे में बात करनी है,” अर्शा ने एक शाम अपने माँ से कहा।

माँ ने कुछ पल तक चुप्पी साधी, फिर धीरे-धीरे बोली, “बेटा, कुछ सच ऐसे होते हैं, जो सुनने और जानने दोनों में दर्द देते हैं। पर अब जब तुम जानना चाहती हो, तो मैं सब बताऊंगी।”

उस शाम माँ ने पुरानी बातें बताईं — कैसे परिवार के बीच आर्थिक संघर्ष ने रिश्तों को तोड़ दिया, और कैसे एक गलती ने सब कुछ बदल दिया। माँ ने बताया कि आरव सिर्फ एक व्यक्ति नहीं था, बल्कि वह परिवार के उस हिस्से का नाम था, जिसे बाहर कर दिया गया था। वह भाग गया था, पर उसका बदला परिवार को बर्बाद कर रहा था।

“उसने परिवार को बदनाम करने के लिए कई राज़ उजागर किए,” माँ ने कहा, “पर हम सबने मिलकर उस सच्चाई को दबा दिया ताकि परिवार बच सके।”

अर्शा के अंदर एक तूफान उठा। क्या सच में परिवार की खातिर इतनी बड़ी खामोशी सही थी? क्या इस राज़ को छुपाना सही था?

अगले कुछ दिनों में, अर्शा ने परिवार के बाकी सदस्यों से भी बात की। हर किसी की कहानी अलग थी, पर सबकी जुबान पर खामोशी थी। वे सब डर रहे थे कि अगर सच बाहर आया तो परिवार टूट जाएगा।

लेकिन अर्शा के लिए सच से बड़ी कोई चीज़ नहीं थी। उसने तय किया कि वह इस खामोशी को तोड़ेगी, चाहे जो भी हो।

एक रात, अर्शा को फोन आया। आवाज़ में वह आदमी था, जो पहले हवेली में मिला था। “तुम्हें सावधान रहना होगा। सच की ताकत कुछ ज्यादा ही खतरनाक है। लोग तुम्हें रोकना चाहते हैं।”

अर्शा ने पूछा, “पर मैं रुका नहीं सकती। मुझे इस राज़ को उजागर करना है।”

“ठीक है,” उसने कहा, “मैं तुम्हारी मदद करूंगा।”

अर्शा की हिम्मत और बढ़ गई। उसने उस आदमी के साथ मिलकर सबूत इकट्ठे करने शुरू किए। धीरे-धीरे परिवार के छुपे हुए दस्तावेज़, पुराने रिकॉर्ड और तस्वीरें मिलनी शुरू हुईं। सब कुछ एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।

पर इस बीच, अर्शा ने महसूस किया कि परिवार के भीतर कुछ लोग उसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। धमकियां मिलने लगीं, फोन बंद हो गए, और एक दिन अर्शा के कमरे की खिड़की टूट गई।

फिर भी, अर्शा डरी नहीं। वह जानती थी कि खामोशी की इस दीवार को तोड़ना ही उसके परिवार और खुद के लिए सही था।

अर्शा ने फैसला किया कि वह इस सच्चाई को बाहर लाएगी, चाहे इसके लिए उसे अपनी सारी हिम्मत जुटानी पड़े।

और इसी फैसले के साथ, खामोशी का राज एक नए मोड़ पर पहुंच गया था — जहां सच सामने आकर परिवार की नई शुरुआत का रास्ता दिखाएगा।


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 अब ये खामोश का राज का अंतिम पार्ट होगा  कहानी में कोई ट्विस्ट अच्छा लगा हो तो आगे का पार्ट देखो और सभी को शेयर कीजिएगा