Court of the DM in Hindi Drama by Mohd Ibrar books and stories PDF | DM की अदालत

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DM की अदालत

Pratapgarh शहर में एक मोबाइल की दुकान है जो राजू के पापा की है, राजू के पापा चाहते हैं कि मेरा बेटा पढ़ लिखकर कोई अधिकारी बन जाए, राजू ज़्यादातर समय UPSC की तैयारी में लगा रहता है, एक दिन उसके दोस्त ने कहा कि यार कोचिंग कर ले, राजू अपने पापा के पास जाता है और कहता है – पापा मुझे कोचिंग करनी है, मेरा एडमिशन करवा दो, पापा कहते हैं – बेटा इतना पैसा नहीं है मेरे पास, लेकिन गांव में जो ज़मीन है उसे बेच देता हूँ, राजू का एडमिशन हो जाता है; फिर वह शहर चला जाता है और तैयारी में लग जाता है, वहीं उसे एक लड़की पसंद आ जाती है जिसका नाम अंजलि है, अंजलि उसके क्लास में ही पढ़ती है, दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं, लेकिन अंजलि के घर वाले उसे किसी सरकारी नौकरी वाले से शादी कराना चाहते हैं, राजू अभी तैयारी कर ही रहा होता है, वहीं अंजलि के घरवाले उसकी शादी राकेश नाम के एक ऑफिसर से तय कर देते हैं, राकेश का सरकारी पद और रुतबा देखकर अंजलि के माता-पिता बहुत खुश होते हैं, शादी के दिन राजू को भी बुलाया जाता है, राजू आता है खाली हाथ, राकेश अपने दोस्तों के साथ मज़ाक उड़ाते हुए कहता है – ये देखो कोचिंग का टॉपर खाली हाथ आया है, और सब हँसते हैं, राकेश कहता है – आए हो तो खाना खा के जाना, क्या पता ऐसा खाना कहीं और मिले या नहीं, राजू थोड़ा उदास होता है लेकिन अपने इमोशन को कंट्रोल करता है और अंजलि के पास जाकर शादी की बधाई देता है; एक साल बाद सरकारी ज़मीन के घोटाले में राकेश और अंजलि का नाम आता है, दोनों को सस्पेंड कर दिया जाता है, बोला जाता है कि जब तक जांच नहीं होती आप लोग सस्पेंड रहेंगे, हो सकता है जेल भी जाना पड़े, अब दोनों सरकार को पत्र लिखते हैं कि हमें इसमें फंसाया जा रहा है, जवाब आता है कि आपकी सुनवाई और जांच डीएम साहब करेंगे, दो दिन बाद नए डीएम आ रहे हैं, दो दिन बाद राकेश और अंजलि को बुलाया जाता है, वो ऑफिस में बैठे होते हैं तभी राजू वहाँ आता है नॉर्मल बनकर, अंजलि कहती है – अरे राजू तुम यहाँ क्या कर रहे हो? तुम्हें देखकर लगता है कि तुम यहाँ के चपरासी हो, राजू हल्की मुस्कान के साथ कहता है – कभी-कभी जो दिखता है वो होता नहीं, थोड़ी देर बाद एक कर्मचारी आता है और कहता है – आप दोनों को डीएम सर बुला रहे हैं, जहाँ बड़े-बड़े अधिकारी बैठे होते हैं, दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है इंटेरोगेशन के लिए, तभी बाहर से आवाज़ आती है – डीएम सर आ रहे हैं, सब खड़े हो जाते हैं, तभी गेट खुलता है, सामने से एक सूट-बूट पहने अधिकारी डीएम सर आते हैं, सब सैल्यूट करते हैं, राकेश और अंजलि की नज़र दरवाज़े पर पड़ती है तो देखते हैं कि राजू को सब सैल्यूट कर रहे हैं, राजू अब एक डीएम के पद पर है और दोनों का फ़ैसला करने आया है, अंदर आते ही पहला सवाल करता है – कितने साल हुए नौकरी को? जवाब आता है – दो साल, राजू कहता है – दो साल में 200 करोड़ का घोटाला कर दिया? और फैसला सुनाता है – जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, आप दोनों को जेल में रहना होगा।