Humsafar - 1 in Hindi Fiction Stories by Mystical booklet books and stories PDF | Humsafar - 1

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Humsafar - 1

अपने बॉयफ्रेंड प्रतिक को लगातार कॉल करके भी कोई रेस्पॉन्स ना मिलने पर 22 साल की नैना  उससे मिलने उसके बॉयफ्रेंड के फार्म हाउस पर चली गयी। नैना के पास फार्म हाउस की एक्स्ट्रा चाबी उसे प्रतिक ने ही दिया था, तो नैना ने उस चाबी से फार्म हाउस का दरवाज़ा खोला और सीधा प्रतिक  के रूम के तरफ बढ़ने लगी और खुदसे कहने लगी।

नैना: अजीब है, बहार उसका कार खड़ी है रूम का लाइट जल रहा है, मतलब इधर ही है प्रतिक तो फिर मेरे कोल्स का जवाब क्यू नही दे रहा।

रूम का दरवाज़ा खुला था तो वह रूम के अंदर चली गयी। जैसे उसने  इंटर किया और अपने सामने जो दृश्य देखा उसे देखके वह पुरी तरह से चौक गयी, उसकी आँखे खुली कै खुली रह गयी। उसका बॉयफ्रेंड और उसकी बेस्ट फ्रेंड दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे वह लोग एक दूसरे मे इतना ज़्यादा गुम हो गये थे की सामने खड़ी नैना का अस्तित्ब भी उन्हे मालूम नही हुआ। नैना के आँखों के सामने उसके सारे ख्वाब, भरोसा और उसकी दिल एकसाथ चुरचूर हो गयी; यह देखने के बाद। उसके आँखों मैं आँशु , सीने मे दर्द और गुस्से का ज्वालामुखी सब एक साथ फुट गया। नैना ने दर्द और गुस्से से चिल्ला कर कहा।

नैना: प्रतिक!!!! 

नैना का आवाज़ सुनते ही उन दोनो का होस आया और अपने सामने नैना को खड़े देख कर दोनो घबरा गये दोनो एक दूसरे से दूर हट गये।

नैना: धोकेबाज़! करैक्टरलेस कही के, तुम दोनो ने मेरे साथ ऐसा कैसे किया। मुझे घिन्न आ रही है तूम दोनो से छी!!!

कृतिका : नैना..... तु.... तु सुन मेरी बात.......

प्रतिक: हा...हा नैना मै तुम्हे समझाता हु.....


नैना: चुप्प कुछ नही सुनना और क्या सुनु?  कृतिका तु तो मेरी बेस्ट फ्रेंड थी ना तूने मेरे साथ इतना बड़ा धोका कैसे किया? शर्म नही आयी एक बार के लिए मेरा चेहरा याद नही आया तुझे! आज के बाद मुझे अपना चेहरा कभी मत दिखाना। मेरे साथ तुम लोगो का कोई नाता नही रहा, मर गये आज के बाद तुम मेरे लिए और अब खुश रहो आपने नजाइज़ रिस्ते के साथ ।

और फिर रोते हुए नैना वहा से दौर कर चली गयी।



नैना घर आकर आपने कमरे का दरवाज़ा लॉक करके बिस्तर पे जाके गिर पड़ी, और फिर फुटफुट कर रोने लगी। 
आज सिर्फ उसकी दिल नही टूटी थी, प्यार और दोस्ती से भरोसा भी टूट गया था। उसके आँखों के सामने बारबार वही दृश्य नजर आ रहा था और उसका सीना दर्द और फरेब से छल्ली छल्ली हो रही था। 

नैना: क्यू! क्यू!क्यू!!!!! ऐसा क्यू किया उन लोगोने मेरे साथ। क्यू धोके मे रखा मुझे , अगर उनको यह सब करना ही था तो मुझसे कह देते, मै खुद दूर चली जाती, ब्रेकअप कर लेती। आज के बाद मै कभी भी किसी पे भरोसा नही कर पाउंगी।


की तभी नैना के रूम का  दरबाज़ा किसी ने खटखटाया तो नैना ने खुदको संभाला, अपने आँशु पोछे और अपनी आवाज़ को नॉर्मल करके कहा।

नैना: कौन है?

दरवाज़े के  बहार से जबाब आया।

मामी: मै हु तेरी मामी, दरवाज़ा बंद करके क्या कर रही है महारानी तु।

नैना जल्दी से दरवाज़ा खोल देती है।

नैना: कुछ नही मामी, आप को कुछ कहना था।

मामी: नही मै भला आपसे कुछ कह सकती हु! मेरी इतनी जुर्रत? 

नैना: आप ऐसे क्यू बोल रही हो।

मामी: तो फिर कैसे कहु नैना जी, आप कहो तो मै आपसे दो मिनट कुछ कहना चाहती थी। आपकी आज्ञा हो तो कह सकती  हु? कब निकली थी घर से और कब वापस आ रही है, कोई ख्याल है इतने देर से कौनसे अच्छे घर के लड़किया लौट ती है! नही आपको क्या? आपको तो मामा मामी का पैसो पे आग लगाना है, खाना खाना है और उनका नाक काटना है सबके सामने।

नैना: माफ कर देना मामी गलती हो गयी।

उसकी मामी नैना को अजीब तरह से घूरने लगी और फिर कहने लगी।

मामी: क्या हुआ आज सूरज पश्चिम से निकला है क्या? तूने उल्टा जवाब नही दिया बाप रे मै तो चौक ही गयी।

नैना: मामी आपको कोई काम हो तो बताओ मै कर दूंगी।

मामी: काम वाम बादमे, उससे पहले बता शादी के बारे मे तेरा अब भी बिचार बदला की वही है? मैने तुझे आज तक का वक्त दिया था और वक्त ख़त्म हो गया है। इस बार कोई बहाने नही सुनने मुझे।

नैना मामी को मना करने ही जा रही थी, की उसको फिर से वह बात याद आ गयी और उसका दिल मचल उठा।

नैना: मै तैयार हु, आप लोग बात आगे बड़ा सकते है आपको जो अच्छा लगे करना । आखिर आप लोग बड़े हो सही फैसला ही लेंगे।

नैना ने आँखे निचे झुकाके कहा उसके आँखों से आशु बह रहे थे।

उसकी मामी तो ऐसा ज़बाब उम्मीद नही कर रही थी, जब उन्होंने यह बात सुनी तो उनका तो खुशी का ठिकाना नही रहा। उन्होंने नैना को गले लगा लिया और प्यार से कहने लगी।

मामी: अरे मेरी बिटिया तु चिंता मत कर, तेरे लिए बहुत बड़े घर से रिश्ता आया है और लड़का हीरा है हीरा।  और सुन आज तुझे कोई काम करने की कोई ज़रूरत नही है, तु बस अपने ऊपर ध्यान रख हा। अभी मै जाके यह खुश खबरी तेरे मामा को भी देके आउंगी। जा तु आराम कर हा, मै तेरे लिए कुछ खाने को लाती हु।

मामी खुसी से झूमते हुए वहा से चली गयी। और नैना भी आपने कमरे मे चली गयी।

2 दिन बाद नैना कॉलेज गयी थी इस दो दिन मे उसे कृतिका और प्रतीक ने बोहत कोल्स किये मेसेजएस किये, लेकिन नैना ने दोनो  को ब्लॉक कर दिया था। और आज कॉलेज पहुँचते ही नैना उन दोनो को पुरी तरह से इग्नोर मारके क्लास मे फर्स्ट बेंच पर जाके बैठ गई।

क्लास ख़तम होते ही सब निकलने लगे तो नैना भी जाने लगी लेकिन, पीछे से प्रतिक ने उसका हात पकड़ लिया। नैना को गुस्सा आ गया।

नैना: हात छोरो मेरा।

प्रतिक : हे नैना मेरी बात तो सुनलो मुझे माफ़ करदो प्लीज़ गलती हो गयी मुझे एक मौका देदो मै कभी ऐसे बहकावे मे नही आऊंगा I promise. 

नैना ने आपना हात झटक्के ऊँगली दिखाते हुए कहा।

नैना: इस बार ऐसे ही वार्निंग देके जाने दे रही हु, इतने लोगो के सामने थप्पर नही मर रही। लेकिन अयंदा अगर मेरे आगे पीछे घूमे ना या मेरी रास्ता रोकने की कोसिस किया भी तो बहुत बुरा हो जायेगा, मैने उसी दिन कह दिया था तुम दोनो से ।

नैना तेज़ी से वहा से चली गयी, शाम को जब घर लौटती है तो देखती है घर मैं काफी भीड़ है ।इधर उधर कई लोग काम कर रहे है, मिठाई बन रहे है ,पकवान बन रहे है। और घर को फूलो से सजाया जा रहा है । यह सब देख नैना को हैरानी हुयी। वह अपनी मामी के पास गयी तो उनकी मामी उसके गालो पे हात सहलाते हुए कहती है।

मामी:आ गई मेरी बच्ची।

नैना: मामी यह सब क्या हो रहा है? घर पर कोई मेहमान आने वाला है?

मामी मुस्कुरा कर कहती ,

मामी: हां आने वाले हैं ना, लड़के वाले । आज तेरी शगाई है, मेरी बच्ची।

नैना पुरी तरह से चौक गई यह क्या कह रही है उनकी मामी, सगाई और ऐसे अचानक ।

नैना: क्या?? शगाई ऐसे अचानक! ना लड़के वाले देखने आये ना कोई बात चित सीधे शगाई, मैने तो लड़के को देखा तक नही!! 



अब क्या होगा,, नैना के साथ?? क्या लिखा है उसके तकदीर में?

क्रमशः........