अगले दिन सुबह आरोही ने अपना सारा काम खत्म किया और चाचा चाची का आशीर्वाद ले कर ऑफिस के लिए निकल गई.............हो ऑटो से उतरी ओर आगे की तरफ बढ़ गई
आरोही अंदर जा रही थी ।
आरोही वहा एक एम्प्लॉय से कहती है कि मेरा इंटरव्यू है मुझे कहा जाना होगा इंटरव्यू के लिए ।
एम्पलॉय:एक्सक्यूज मि में सर से पूछ के बताती हूं आप तब तक वहा बैठ जाइए।
आरोही: जी ।
आरोही वहा साइड पर बैठ जाती है और एम्पलॉय ऑफिस की तरफ जाती है। एम्पलॉय कैबिन में देखती है तो शिवम वहा नही था।
एम्पलॉय: सर यहां नहीं है फोन करती हु। वो फोन लगती है ( हेलो सर)
शिवम: हा बोलो।
एम्पलॉय: सर में आपके कैबिन में आई तो आप यहां नही थे वो एक्चुअली एक लड़की आई है इंटरव्यू के लिए क्या कहूं उसे।
शिवम: में टेरेस पर हूं उसे अंदर भेजो में आ रहा हूं
एम्पलॉय: जी सर।
फिर वो फोन कट कर देती है और आरोही से कैबिन में इंतजार करने को कहती है। आरोही कैबिन में बैठी थी। वो काफी थक चुकी थी तो खड़ी होगी अचानक से कैबिन का दरवाजा खुलता है शिवम अंदर आता है आरोही पीछे मुड़ती है और दोनो टकरा कर गिर जाते है।
आरोही :(उसे देख कर जोर से चिलाती है)। तुम...................
शिवम: तुम.............तुम यहां क्या कर रही हो।
शिवम खड़ा होता है आरोही को हाथ की कोनी पर चोट लग गई थी । शिवम आरोही को हाथ देता है और वो दोनो खड़े हो जाते है।
आरोही: पागल हो क्या दिखता नही है तुम्हे और तुम यहां क्या कर रहे हो अच्छा अच्छा अब समझ आई कल से मेरा पीछा कर रहे थे ना अब मिलने के बहाने ऑफिस तक आग्य। तुम मुझे जानते नही हो पुलिस को बुला कर अंदर कर दूंगी।
शिवम : मुझे छोड़ो तुम इस ऑफिस में आई केसे इजाजत किसने दी।
बाहर नौकर चाय लेकर खड़ा था वो सब सुन रहा था।
आरोही: मुझे इस ऑफिस के मालिक ने खुद बुलाया और मेरा पीछा करना बंद करदो वरना।
शिवम: वरना क्या ह क्या वरना जो करना कर लो में डरता नही।
शिवम नौकर से अंदर आने को कहते है वो अंदर चाय रखता है और आरोही अभी भी गुस्से में शिवम को घूर रही थी।
आरोही: तुम ऐसे नही मानोगे अभी बताती हूं।
नौकर: आप को पता है आप किसे बात कर रही है ये और कोई नई इस ऑफिस के मालिक है।
आरोही का मुंह खुला का खुला रह जाता है।
शिवम:काका आप बाहर जाइए।
शिवम बुजोर्गो से इज्जत से बात करता था नौकर को भी काका कहता था क्यों की वो उनसे उमर में बड़े थे।
आरोही की एक आदत थी जब भी उसे डर लगता अपने नाखून चबाने लगती ये सब सुनने के बाद भी वो नाखून चबाने लगी।
शिवम: क्या हुआ उड़ गए होश तुम होती कोन हो मुझसे ये सवाल करने वाली की में कोन हु और मुझे तो ये लगता है तुम मेरा पीछा कर रही हो कल से।
आरोही:वो मुझे कल किसी अंकल ने इस ऑफिस का एड्रेस दिया और आने को कहा इसलिए में आई।
शिवम:जिसने भी दिया हो जाओ तुम यहां से में तुम जैसे को जॉब नही देता now go।
इतना बोल कर शिवम अपनी कुर्सी पर बैठ जाता है ।
शिवम: मैंने बोला ना जाओ।
आरोही मुंह बनाकर वहा से चली जाती है और ऑफिस के बाहर बैठ एक दुकान के बाहर बैठ जाती है शिवम के डैड उसी रास्ते से गाड़ी में जा रहे थे वो आरोही को देख कर गाड़ी से उतर कर उसके पास आते है।
शिवम के डैड: बेटा तुम यहां क्यों बैठी हो चलो।
आरोही कुछ बोलती उसे पहले ही वो उसे ऑफिस ले जाते है। शिवम के डैड उसे अपने पीछे आने को बोलते है और वो दोनो शिवम के कैबिन में जा रहे थे शिवम के डैड अंदर जाते है साथ में आरोही भी।
शिवम: डैड आप आ गए।
शिवम के डैड: हां और मीटिंग कैसी रही।
आरोही शिवम के डैड के पीछे थी इसलिए शिवम को दिखी नही।
शिवम: डैड वो मीटिंग कैंसल हो गई मौसम खराब था तो वो आए नही और कल की fix कर दी।
शिवम के डैड: अच्छा ठीक है। वो लड़की कहा गई।
शिवम : कोन डैड।
आरोही पीछे से : जी अंकल।
शिवम: (गुस्से में) तुम यह फिर मना किया था ना।
शिवम के डैड: क्या हुआ तुम दोनो जानते हो क्या एक दूसरे को।
शिवम: बहुत अच्छे से डैड।
आरोही:जी अंकल ।
शिवम के डैड: अच्छा चलो ठीक है शिवम आज से ये तुम्हारी सेक्टरी के दौर पर काम करेगी।
शिवम: क्या.…..….। नही डैड ये नही हो सकता।
आरोही:सेक्टेटरी ? वो भी इनकी।
शिवम के डैड: हां क्यों
आरोही: नही कुछ नही।
शिवम: पर डैड आप इसे जानते केसे हो।
शिवम के डैड: ये वही बच्ची है जिसने मेरी कल मदद की थी याद है ना बताया था जो मेने।
शिवम: मुंह में( वो तो नाटक होगा इसका जनता हु)अच्छा अच्छा।
आरोही:मुंह में (अगर पता होता की ये इनके बेटा है कभी आती ही नही मजबूरी में इसके साथ काम करना होगा हिटलर कही का।
शिवम: कुछ कहा तुमने?
आरोही!: नही।
शिवम के डैड: तो ठीक है बेस्ट ऑफ़ लक दोनो को अच्छे से कम करना में चलता हूं
आज के लिए इतना ही उम्मीद है आपको पसंद आएगी कमेंट करके जरूर बताना।
थैंक यू