शिमला की शांत वादियों में बसा एक छोटा सा गांव "कोठगढ़"। जहां हर चीज़ ठहर सी गई थी — वक्त, मौसम, और लोग भी। लेकिन उसी गांव में एक ऐसा रहस्य छिपा था, जो वर्षों से लोगों की नींदें उड़ा रहा था।---कहानी शुरू होती है:अद्वैत शर्मा, एक क्राइम-जर्नलिस्ट, दिल्ली से आया था कोठगढ़ में एक पुराना केस कवर करने — "साया" केस।"साया" एक रहस्यमयी परछाईं थी, जिसे लोग कई सालों से देखते आ रहे थे। जिसने भी उसे देखा, या तो पागल हो गया, या कुछ ही दिनों में मर गया। पुलिस ने फाइल बंद कर दी थी, कहकर कि "कोई मानसिक भ्रम है"। मगर अद्वैत को शक था — ये सिर्फ भ्रम नहीं, कोई सच्चाई है।---पहली रात:गांव में कदम रखते ही उसे महसूस हुआ जैसे कोई उसकी हर हरकत पर नज़र रख रहा हो।रात को जब वो हवेली में पहुंचा, जो केस से जुड़ी थी — तब वहां का दरवाजा अपने आप खुल गया। अंदर धूल और सन्नाटा था।एक पुराना आईना दीवार पर लटका था। और आईने में — उसे कोई और दिखाई दिया।मगर जब मुड़ा — पीछे कोई नहीं था।---दूसरे दिन:अद्वैत ने गांव के बुज़ुर्गों से बात की, सबने डर से चुप्पी साध ली।बस एक बूढ़ी औरत बोली —> "साया कोई आत्मा नहीं... वो इंसान है... जो अब इंसान नहीं रहा..."वो महिला बोली कि 20 साल पहले, इसी हवेली में एक लड़की "मेघा" की हत्या हुई थी। केस कभी हल नहीं हुआ। और उसी के बाद ये सब शुरू हुआ।---राज़ खुलने लगा:अद्वैत ने हवेली में छानबीन शुरू की, और एक तहखाना ढूंढ निकाला।वहां दीवार में छिपा एक पुराना बॉक्स मिला — जिसमें मेघा की डायरी थी।डायरी में लिखा था कि वो हवेली के मालिक विवेक राणा से प्यार करती थी। लेकिन विवेक ने उसे धोखा देकर हवेली में ज़िंदा दफना दिया।आखिरी पन्ने पर सिर्फ एक वाक्य लिखा था:> "मैं वापस आऊंगी… और हर उस इंसान को सजा दूंगी जिसने मुझे मारा है।"---आखिरी मोड़:अद्वैत को पता चला — विवेक राणा अभी भी ज़िंदा है, और गांव में ही एक दूसरे नाम से रह रहा है।उसी रात, अद्वैत ने उसका पीछा किया… और देखा —विवेक, हवेली के तहखाने में गया और दीवार से कुछ निकालने ही वाला था…तभी अचानक लाइट बंद हो गई।एक चीख गूंजी — और जब लाइट वापस आई —विवेक की आंखें फटी हुई थीं, और शरीर बेजान।उसके चेहरे पर लिखा था — "साया वापस आ गई है।"---अंतिम दृश्य:अद्वैत वहां से भागा — मगर जाते-जाते आईने में उसने एक बार फिर देखा —वो परछाईं मुस्कुरा रही थी। अंतिम दृश्य:अद्वैत उस रात के बाद से कभी नहीं दिखा।हवेली अब पूरी तरह बंद है।लेकिन गांव वालों का कहना है —अब हवेली के आईने में एक और चेहरा दिखता है —अद्वैत शर्मा का।परछाईं — भाग 3: आईने की दूसरी दुनिया"हवेली के आईने में अब मेघा नहीं, अद्वैत दिखता है।गांव वाले कहते हैं — जो भी आईने को रात के तीसरे पहर देखता है, वो अपना चेहरा खो देता है।आईना अब सिर्फ अक्स नहीं दिखाता, आत्माएं कैद करता है।और एक रात, एक बच्चा कहता है — "माँ, उस आईने वाले अंकल ने मुझे बुलाया है..."