एक लड़की कमरे मैं शीशे के सामने खड़े होकर बाल सवार रही थी उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि अभी नहा कर आई हैं इस समय उसने एक खूबसूरत स अनारकली सूट पहना हुआ था उसके हाथ मैं एक टॉवल था जिसे वो गिले बाल सुखा रही थी उसने टॉवल को साइड मैं रखते हुए बोला मेहर क्या कर रही है जल्दी उठ कॉलेज नहीं जाना 9:30 बज रहे है यह सुनकर मेहर जो कि ब्लैंकेट ओढ़ सो रही थी उठ कर अपनी जगह पर बैठ गई और बोली क्या 9:30 बज गए दी अपने मुझे उठाया क्यो नहीं आज तो मैं पक्का कॉलेज के लिए लेट हो जाओगी तभी शीशे के सामने खड़ी लड़की आंखों मैं काजल लगाते हुए बोली पागल लड़की मैं रात मैं तुझसे पहले बोला था कि मेहर कल तेरे कॉलेज का पहला दिन है जल्दी सो जा पर नहीं हमारी मेहर को टीवी से फ़ुरशत मिले तो न यह सुनकर मेहर बच्चों की तरह मुंह बाना कर बोली दी .. अपने मुझे पहले क्यों नहीं उठाया यह सुनकर आगे खड़ी लड़की उसकी तरफ देखते हुए बोली अच्छा जैसे मेरे जगाने से मेहर मैडम उड़ जाती यह सुनकर मेहर ने मुंह बना लिया तभी आगे खड़ी लड़की बोली पागल लड़की अब टाइम वेस्ट क्यों कर रही है जल्दी कर रेडी होजा वरना आज पहले दिन लेट हो जाएगी। मेहर अपनी जगह से उड़कर बाथरूम की तरफ भागते हुए बाथरूम मै चली गई तभी एक 45 की उम्र की औरत रूम मैं आते हुए बोली।
रुहानिका यह सुनकर वो 19 साल की लड़की जिसका नाम रुहानिक था वो मुड़ी और बोली जी चाची..
रुहानिक एक खूबसूरत से लडकी जिसने इस समय एक खूबसूरत सा सिंपल सा सूट पहना था उसके लंबे बाल जो उसकी कमर तक थे खूबसूरत आंखें गुलाबी ओंठ हाइट 5.6 फुट काफी खूबसूरत जैसे आसमान से उतरी परी।
वो बोली जी चाची प्यार से बोला रूही बेटा जल्दी कर नाश्ता कर ले वरना आज लेट होजाएगा रुहानिका.. ji चाची बस आ रही हु
तभी रुहानिका की चाची उसने खुशी जी बोली बेटा मेहर कहा है
यह सुनकर रुहानिका बोली चाची वो नहा रही है।
यह सुनकर खुशी जी सर ना मैं हिलते हुए बोली यह लड़की भी ना। खुशी जी जो दीप जी की पत्नी है मेहर और रुहानिका की चाची उनका कोई बच्चा नहीं उन्होंने बचपन से मेहर और रुहानिका को ही अपने बच्चे जैसा माना और प्यार दिया खुशीजी बोली...
मैने कल इसे बोला था कि जल्दी सो जा पर नहीं यह लड़की सुने तो ना चाची आप जानती हो ना इसे चालिए हम नीचे चलते है नीचे वो रेडी होकर नीचे आ जाएगी। हा बेटा चलो नीचे ब्रेकफास्ट कर ले वरना तुझे भी लेट हो जाएगा कॉलेज के लिए आज तेरा भी तो पहला दिन है कॉलेज का यह सुनकर रुहानिका ने सर हिलाया और दोनों नीचे चलीगई। नीचे हॉल मैं एक 55 साल का आदमी सोफे पर बैठ कर न्यूजपेपर पढ़रहे थे तभी रुहानिका पापा आपकी कॉफी वो आदमी न्यूजपेपर बंद करते हुए थैंक्यू बेटा बोले
और रुहानिका की तरफ देखते हुए बोले बेटे मेहर कहा है तभी रुहानिका जिनकी वो रेडी हो रही है अच्छा बेटा जल्दी दोनों रेडी हो जाओ मैं तुम्हे आज कॉलेज छोड़ दूंगा वैसे भी बहुत लेट हो गया है ओके पापा तभी एक 80 साल की औरतों जिसने सिंपल सी साड़ी पहनी हुई थी वो अंदर आए उनके हाथ मैं पूजा की थाली थी बोली रुहानिक.. जी दादी ये लो बेटा प्रसाद और उसकी ओर प्रसाद बढ़ा दिया रुहानिका ने प्रसाद लिया तभी सुरेश जी यानी मेहर और रुहानिका के पापा बेटा जल्दी करो वरना आज लेट हो जाएगा ओके पापा रुहानिका ने बोला और मेहर को बोलने लगी मेहर ऊपर से भागते हुए नीचे आई चले दी वरना लेट होजाएगा तभी सुरेश जी चलो बेटा उन लोगों ने वसुधा यानी मेहर और रुहानिका की दादी का आशीर्वाद लिया तभी किचेन से एक औरत अति हुई बोली मेहर नाश्ता तो करले बेटा ..
मेहर मां लेट हो गया है तो राधा यानी रुहानिका और मेहर की मां बोली अच्छा ठीक यह लो दोनों अपना लंच और तभी सुरेश जी बेटा जल्दी करो वरना लिए हो जाएगा यह सुनकर दोनों ने सर हिलाया और वहां से चले गए।
लेखिका -
शिवांगी
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