Tumhare Naam ab Bhi Dhadkta hai - 1 in Hindi Love Stories by Shivangi Vishwakarma books and stories PDF | ।। तुम्हारे नाम अब भी धड़कता है ।। - प्रस्तावना

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।। तुम्हारे नाम अब भी धड़कता है ।। - प्रस्तावना

 तुम्हारे नाम अब भी धड़कता है ❤️


यह कहानी है रेयांश मल्होत्रा की — एक ऐसा नाम, जो कभी रंगों की दुनिया में जादू करता था, पर अब उसकी दुनिया अंधेरे में डूबी हुई है। उम्र है सिर्फ 22 साल, पर अनुभव ऐसे हैं जैसे ज़िंदगी ने कई इम्तिहान ले लिए हों। रेयांश एक बेहद प्रतिभाशाली आर्टिस्ट थे। वो अपनी कूंची से वो सब बना लेते थे जो लोग सिर्फ महसूस करते थे। पर किस्मत ने एक ऐसा मोड़ लिया कि 17 साल की उम्र में एक हादसे ने उनकी आंखों की रोशनी छीन ली। और बस, यहीं से शुरू हुई एक नई कहानी — एक अंधेरे से भरी, लेकिन उम्मीद की रौशनी तलाशती हुई।

रेयांश का ताल्लुक इंदौर के एक बहुत ही प्रतिष्ठित और अमीर परिवार से है। उनका परिवार मल्होत्रा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़ का मालिक है, जिसकी शाखाएं देश-विदेश तक फैली हुई हैं। रेयांश इस घर का सबसे बड़ा बेटा है — ज़िम्मेदार, संवेदनशील और शांत स्वभाव का। उनकी आंखें भले ही अब कुछ न देख पाती हों, लेकिन दिल आज भी हर रंग को महसूस करता है। उनके पास एक छोटा भाई है — व्योम। उम्र है 20 साल, और कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। व्योम ज़िंदगी से भरपूर है, जिंदादिल है, और अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकता है।

दूसरी तरफ है हमारी कहानी की नायिका — रुहानिका। उम्र सिर्फ 18 साल, पर स्वभाव में गहरी समझदारी और संवेदनशीलता है। वो अपनी जुड़वां बहन मेहर के साथ रहती है। हालांकि दोनों जुड़वां हैं, पर स्वभाव में ज़मीन-आसमान का फर्क है। मेहर जहां चुलबुली है, छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ हो जाना, फिर दो पल में मान जाना उसकी आदत है, वहीं रुहानिका शांत है, सोचने वाली है, कम बोलती है लेकिन हर बात को दिल से समझती है।

रुहानिका का एक सपना था — एक ऐसा सपना जो उसे बार-बार खींचकर एक अजनबी की ओर ले जा रहा था, जिसे उसने कभी देखा नहीं, पर महसूस ज़रूर किया था। क्या यही इत्तेफ़ाक था या तक़दीर की कोई चाल?

जब पहली बार रेयांश और रुहानिका एक समारोह में मिले, तो वो मुलाक़ात कोई आम मुलाक़ात नहीं थी। रेयांश की आंखों ने उसे नहीं देखा था, पर उसकी आवाज़, उसकी खामोशी, और उसके शब्दों ने जैसे दिल की परतों को छू लिया था। वहीं, रुहानिका को पहली बार लगा कि किसी ने उसे बिना देखे, सबसे गहराई से समझा।

अब सवाल यह है — क्या दो अधूरी ज़िंदगियां एक-दूसरे को पूरा कर पाएंगी? क्या रुहानिका के खामोश दिल की धड़कन रेयांश तक पहुंचेगी? क्या रेयांश अपने अंधेरे से बाहर निकल कर फिर से जीवन के रंग देख पाएगा? और क्या उनके बीच की इस अनदेखी डोर को समाज और परिवार की उलझनों से बचाया जा सकेगा?

पढ़िए एक खूबसूरत, भावनात्मक और गहराई से भरी प्रेम कहानी...

।। तुम्हारे नाम अब भी धड़कता है।।

✍ लेखिका — शिवांगी

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जब मैं ये कहानियाँ लिखती हूँ, तो हर किरदार, हर भाव, मेरे दिल के बहुत करीब होता है। 'तुम्हारे नाम अब भी धड़कता है' सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि एक एहसास है — उन लोगों के लिए जो प्यार को महसूस करते हैं, खो देते हैं, लेकिन भुला नहीं पाते। इस कहानी के हर शब्द के पीछे एक सच्चा जज़्बा है, और मैं चाहती हूँ कि वो आप तक भी पहुंचे।

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– आपकी अपनी लेखिका, शिवांगी 🌸