Kya gunah tha Mera in Hindi Short Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | क्या गुनाह था मेरा

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क्या गुनाह था मेरा

ताजा खबर 
आज फिर मिली एक लड़की की लाश सड़क पर।
आज फिर एक मासूम लड़की बनी किसी दरिंदे की शिकार। क्या यही हालत रहेगी देश में लड़कियों की क्या है कर रहा है कानून क्या सजा मिलेगी उन दरिंदों को।
इस वक्त यह खबर पूरे देश में ब्रेकिंग न्यूज़ बनाया हुआ था। हर एक इंसान इस खबर को टीवी न्यूज़ चैनल पर, सोशल मीडिया पर और न्यूजपेपर पर देख ,सुन पढ़ रहा था।
हर किसी के लिए उसे लड़की के लिए अलग-अलग भावना थी जैसे कुछ लोग उसे लड़की के लिए दुख प्रकट कर रहे थे तो कुछ लोग बोल रहे थे कि छोटे-छोटे कपड़े पहन कर बाहर जाएगी तो ऐसा ही होगा, वह भी इतनी रात को तो।। कुछ का कहना था, कि इसीने कुछ किया होगा जिसकी वजह से उसे आदमी ने उसकी हालत ऐसी की है। 

ऐसे ही पूरी देश में अलग-अलग लोग अलग-अलग अपनी विशेष टिप्पणी दे रहे थे। 
तो चलिए पूरे मामले को जानने के लिए चलते हैं कल रात क्लब 2020 में काल्पनिक नाम
एक लड़की अपने दोस्तों के साथ बेसुध होकर क्लब में नाच रही थी, उसे लड़की ने इस वक्त वेलवेट वाइन कलर की वन पीस पहना हुआ था जो उसके घुटनों तक आ रहा था। इस लड़की का नाम है अपर्णा, आज इसका बर्थडे है जो अपने दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करने के लिए क्लब में आई थी। अपने दोस्तों के साथ मस्ती मजाक करते हुए डिस्को पर थिरक रही थी (सॉन्ग,डिस्को दीवाने बैकग्राउंड में चल रहा था)
अपर्णा डांस करते-करते थक गई थी इसलिए वह डांस फ्लोर से साइड आकर ,बार की तरफ आकर बैठती ,वेटर को एक वाइन का ऑर्डर देती है, उसके साथ उसके दोस्त तृप्ति भी आती है।
तृप्ति वाइन का शॉट लेते हुए अपर्णा से बोली आगे का क्या प्लान है तेरा? 
उसकी बात पर अपर्णा अपने गिलास से वाइन की एक सीप लेते हुए बोली अभी अपना बर्थडे सेलिब्रेट करूंगी और कल सुबह वापस अपने जॉब पर जाऊंगी, वही डेली का रूटीन फॉलो करूंगी।
जिस पर तृप्ति उसके सर पर थपकी मारते हुए बोली बेवकूफ मैं डेली रूटीन के बारे में नहीं पूछा है ,तेरे सपनों के बारे में पूछा है कि आगे कैसे तू अपने सपने पूरे करेगी तेरे सपने क्या है?
जिस पर अपर्णा एक और वाइन का ग्लास ऑर्डर करती है। तृप्ति की तरफ देखते हुए बोली... तो ऐसे बोलना (इस वक्त अपर्णा थोड़ी-थोड़ी नशे में आ गई थी) आप मेरे सपने कुछ ज्यादा बड़े नहीं है, अच्छे से अपना जॉब करूंगी प्रमोशन लूंगी जिसकी वजह सैलरी बढ़ेगी अपने कुछ सेविंग्स की है और कुछ ज्यादा सेविंग करके EMI पे घर लूंगी .।अपने मां पापा के नाम, पर पूरी दुनिया घूमूंगी। अपने घर वालों को सारी खुशियां दूंगी।
उसके बाद पर तृप्ति मुस्कुराती है फिर बोलती है फिर शादी का क्या प्लान है? 
अपर्णा जवाब देती है अभी तो कोई प्लान नहीं है देखा जाएगा अगर मेरे सफर में कोई मेरा हमसफ़र बनकर आएगा तो लव मैरिज करूंगी या अपने मां पापा की पसंद से अरेंज मैरिज करूंगी।
वह दोनों ऐसे ही बात करने लगती है पर उन दोनों से कहीं दूर पर एक लड़का बैठा हुआ था, उसके आजू-बाजू उसके दोस्त बैठे हुए थे इस वक्त वह सारे लड़के बहुत ही ज्यादा नशे में लग रहे थे उन सब की आंखें लाल हो चुकी थी। कोई उन्हें दूर से देखकर ही बोल सकता था कि वह कितने ज्यादा नशे में थे। 
वह लड़का एक तक अपर्णा को ही घर रहा था, जिसे देखकर उसके दोस्त उसे अपर्णा से अप्रोच करने के लिए उकसाते हैं।
तो वह लड़का धीरे-धीरे उठकर अपने हाथों में शराब की गिलास लेकर अपर्णा की तरफ बढ़ता है, और उसे बड़े ही गंदे तरीके से बोलता है ...हेलो मिस होठी, तुम बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही हो। क्या ख्याल है तुम्हारा मेरे साथ वन नाइट स्टैंड करने का। (एक गंदी सी हंसी देते हुए, आंख मारते हुए बोलता है)
उसकी बात सुनकर तृप्ति बोली वह हेलो मिस्टर तुम जो भी हो यहां से निकल जाओ वरना एक चितर (थप्पड़) ऐसी मारूंगी की अपनी नानी याद आ जाएगी।
तृप्ति की बात सुनकर वह लड़का यानी अजिंक्य बोल क्या मिस ब्यूटीफुल तुम्हें बुरा लग रहा है कि मैं तुम्हारे बजे तुम्हारे दोस्त को अप्रोच किया है बड़े बदतमीजी के साथ बोलता है।
उसकी ऐसी बातें सुनकर तृप्ति को गुस्सा आ रहा था पर अपर्णा यह सिचुएशन को अवॉइड करना चाहती थी इसलिए वह तृप्ति को वहां से खींच कर ले जाती है।(आज भी देश में बहुत सारी लड़कियां है जो ऐसी सिचुएशन से लड़ने की बजाय बचने की कोशिश करती है)
उन दोनों को जाते देखकर ,वह अजिंक्य उनके पीछा करता है और इस बार अपर्णा को छोड़कर तृप्ति को परेशान करता है ।उसे छूने की कोशिश करता है जिसे देखकर अपर्णा जो खामोश थी वह गुस्से में आती है और उसे अजिंक्य का हाथ तृप्ति से हटाकर उसके गाल पर एक चांटा मारते हुए बोली में चुप हूं इसलिए नहीं कि मैं कमजोर हूं मैं चुप इसलिए थी कि मैं कोई तमाशा नहीं चाहती थी पर तुम जैसे अमीर बाप की, बिगड़े हुए औलादे को जब तक दो थप्पड़ पड़े ना तब तक समझ में नहीं आता है।
उसे थप्पड़ की आवाज इतनी ज्यादा थी कि सभी लोगों का ध्यान तीनों पर आ जाता है। 
तो अपर्णा के बाकी दोस्त भी वहां आते हैं, उनसे पूछते हैं कि क्या हुआ है जिस पर तृप्ति उन्हें सब कुछ बता देती है जिसे सुनकर उन लोगों को गुस्सा आ रहा था पर वह लोग अजिंक्य की ड्रेसिंग शैली को देखकर समझ जाती है कि यह किसी अमीर घर का लड़का है जिसकी वजह से वह लोग तृप्ति और अपर्णा को ही समझते हैं। अपर्णा भी कुछ सोच कर अपने दोस्तों की बात मानती है और अजिंक्य को वहां पर छोड़कर चली जाती है। 
लेकिन वह नहीं जानती थी कि उसने एक थप्पड़ मार कर अपनी जिंदगी की आखिरी सांसों को नेता दिया है। क्योंकि इस वक्त अजिंक्य की आंखों में लाल डोरी उतर आई थी जो इस बात का इशारा कर रही थी कि अजिंक्य का मेला ego hurt हो गया है।
यहां दूसरी तरफ सभी लोग डिनर करते हैं और अपर्णा को विश कर कर, वहां से चले जाते हैं।
इस वक्त रात के 12:00 गए थे तो अपर्णा और तृप्ति भी अपने घर के लिए जाने के लिए क्लब से बाहर आने लगती है पर अपर्णा को वॉशरूम जाना था जिसकी वजह से वह तृप्ति को 2 मिनट रुकने के लिए बोलता है तो तृप्ति उसे हाँ मे इशारा करती है,जिसे देखकर वह वॉशरूम के लिए चली जाती है।
अपर्णा वॉशरूम की तरफ जा रही थी तभी उसे अपनी मां की कॉल आती है तो वह अपने मन से बात करते हुए जा रही थी जो अपने मन से बोल रही थी मां अब टेंशन मत लीजिएगा मैं क्लब से निकलने वाली हूं घर जल्दी आ जाऊंगी अब सो जाइए और अपने दवाई ली या नहीं ऐसे ही बात करते-करते वह वॉशरूम के तरफ जाती है उसके बाद वह अपने कॉल को कट कर कर वॉशरूम उसे कर कर बाहर आने लगती है पर इससे पहले वह क्लब से बाहर जा पाती कोई आकर उसके मुंह पर हाथ लगाता है।
अपर्णा नो अपने मुंह से वह हाथ हटाने की कोशिश करती है पर नहीं जाता पाती है क्योंकि यह हाथ एक आदमी का था और साइंटिफिकली प्रूवन है कि लड़के लड़कियों से ज्यादा फिजिकली स्ट्रांग होते हैं।
वह लड़का अपर्णा को खींचते हुए अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कर में ले जाता है। 
अपर्णा इस बीच बहुत ज्यादा अपने हाथ पैर मारने की कोशिश करती है चिल्लाने की कोशिश करती है उन लोगों को नोचने की काटने की कोशिश करती है उसे जो हो सकता था खुद को बचाने के लिए वह हर चीज करती है। पर वह खुद को नहीं बचा पाती है क्योंकि वह एक थी तो उसके सामने चार लड़के थे। 
तो बता दूं ,यह कोई और नहीं है अजिंक्य और उसके दोस्त थे जो अपर्णा कि थप्पड़ का सबक उसे देना चाहते थे।।
अजिंक्य अपर्णा को बड़े बेदर्दी तरीके से कार में फेंकता है, उसके बाद वह और उसके दोस्त मिलकर उसके हाथ पैरों को बंद देते हैं उसके मुंह को बंद देते हैं। 
अजिंक्य बोला... तुम जैसी लड़कियों को एक बार सीधी सी बोलूं तो समझ नहीं आती है जब तक जबरदस्ती ना करूं तो समझ में नहीं आता है, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे थप्पड़ मारने की अजिंक्य शेरावत को तुम जानती हो मैं कौन हूं मैं इस देश के पॉलिटिशियन का बेटा हूं तुमने मुझे थप्पड़ मारा वह भी पूरे क्लब के सामने इसका तो सबक तुम्हें सीखाना पड़ेगा बेबी। इस वक्त यह सब बातें करते हुए अपर्णा को इधर-उधर छू रहा था और क्रीपी स्माइल दे रहा था पर उसकी आकर साफ-साफ बता रही थी कि वह कितने ज्यादा गुस्से और नशे में है।
वहीं दूसरी तरफ तृप्ति अपर्णा का इंतजार कर रही थी पर इतनी देर होने के बाद अपर्णा को ना आते देखकर वह क्लब के अंदर जाती है और अपर्णा को ढूंढने की कोशिश करती है लेकिन 1 घंटे से भी ज्यादा हो जाता है पर वह अपर्णा को पूरे क्लब में नहीं ढूंढ पाती है या यू बोल सकते कि पूरे क्लब में अपर्णा उसे नहीं मिलती है। उसने पूरे क्लब को दो से तीन बार छान मारा था।
वह ढूंढते ढूंढते ही अपर्णा को कॉल लग रही थी पर अपर्णा का कॉल लग ही नहीं रहा था जिसकी वजह से तृप्ति बहुत ही ज्यादा परेशान हो गई थी।
यही दूसरी तरफ अजिंक्य अपने दोस्त विशाल से बोल यार कर को ना किसी सुनसान रास्ते पर रोक उसकी बात सुनकर उसके दोस्त भी कर को सुनसान रास्ते पर रोकते हैं। 
उसके बाद अजिंक्य अपर्णा के साथ बदतमीजी करना शुरू कर देता है जैसे उसे थप्पड़ मारना उसके कपड़े फाड़ना और भी ज्यादा।
अपर्णा उसे छुटने की कोशिश करती है उसे भीख मांगती है कि उसे छोड़ दे वह उसे थप्पड़ के लिए सौ बार उससे माफी मांगती है पर आज इनको को उसे पर तरस नहीं आता है। वह उसके साथ जबरदस्ती करना शुरू कर देता है। उसके बाद उसके एक-एक कर कर दोस्त अपर्णा से जबरदस्ती करते हैं। 
इस समय अपर्णा ने चीखना चिल्लाना छोड़ दिया था उसके आंखों से आंसू बहाना बंद हो चुके थे उसकी आंखें लाल हो गई थी पूरा काजल लिपस्टिक फैला हुआ था उसके बाल बिखरे हुए थे उसके शरीर पर नाम बर बर का भी कपड़ा नहीं था।
अजिंक्य और उसके दोस्त अपर्णा के साथ रात के 4:00 बजे तक जबरदस्ती करते हैं लेकिन तभी उसके एक दोस्त को अपना को देखकर समझ आता है कि वह सांस नहीं ले रही है तो वह जल्दी से उसकी दिल की धड़कनों को चेक करता है पर उसके दिल की धड़कन कब की बंद हो चुकी थी। 
तो यह बात वह अपने दोस्तों को बताता जिसे सुनकर आज जाएंगे और बाकी दोनों लड़के भी परेशान हो गए थे तभी एक लड़का बोला यार एक काम करते हैं छोड़कर हम चले जाते हैं इससे पहले कोई हमें देख ले। उन लड़कों के चेहरे पर अपने किया का पछतावा बिल्कुल नहीं था बस उन्हें डर था कि कोई उन्हें पकड़ना ले। जिस पर अजिंक्य और बाकी दोनों भी मान जाते हैं और अपर्णा को उस सड़क पर बिना कपड़े के ही फेक कर चले जाते हैं।
सुबह का वक्त एक आदमी सड़क को साफ करने आया था लेकिन जब किसी को बीच रास्ते पर देखा है तो वह डरता है और जल्दी से पुलिस को कॉल करने लगता है। कुछ देर में उसे जगह पर पुलिस आती है उसके साथ कई सारे रिपोर्टर्स आते हैं और फोरेंसिक डॉक्टर भी आते हैं। 
क्या दूसरी तरफ अपर्णा के पेरेंट्स पर तृप्ति की हालत खराब हो रही थी बोल रात भर अपर्णा को पूरे क्लब शहर में ढूंढ चुके थे पर उन्हें नहीं मिली तो वह लोग आखिरी उम्मीद के सहारे पुलिस स्टेशन आए थे। 
तभी तृप्ति की नजर पुलिस स्टेशन टीवी पर जाती है तो वह देखी है कि इस वक्त वही ब्रेकिंग न्यूज़ चल रहा था की आज फिर किसी लड़की का हुआ बलात्कार आज किसी दरिंदे की बनी एक मासूम शिकार। 
लेकिन जैसे ही तृप्ति उसे लड़की का चेहरा देखती है तो देखती रह जाती है उसके आंखों से जर जर आंसू बहने लगते हैं। उसे ऐसे रोते देखकर अपर्णा के पेरेंट्स उस की तरफ देखते हैं तो तृप्ति ने टीवी पर चलने वाली न्यूज़ की तरफ इशारा करती है तो वह लोग भी उसे न्यूज़ को देखते हैं।
जिसे देखकर उन दोनों की हालत खराब हो जाती है तृप्ति की मां की तो हालत रोने से खराब हो गई थी और पिता की तो हालत बुरी हो गई थी पर उन्हें अपनी बीवी को संभालना था तो वह अपनी बीवी को संभालते हैं इस वक्त उनके भी आंखों से आंसू बाहरी थे।
वह लोग जल्दी से पुलिस स्टेशन से बाहर निकाल कर उसे जगह जाते हैं जहां पर पुलिस को तृप्ति की लाश मिली थी। 
कुछ देर बाद वह लोग वहां पहुंचने तो उन्हें तृप्ति की लाश नहीं मिलती है तो वह लोग पुलिस से गिड़गिड़ाते की उनकी बेटी की लाश कहां है।
पहले तो पुलिस वाले को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर तृप्ति उन्हें सब कुछ समझा देती है कि जिस लड़की की लाश में मिली है वह उसकी दोस्त और बूढ़े दंपति की बेटी है। 
इसे सुनकर पुलिस वाले उसे इनफार्मेशन देने लगते हैं। 
उसके बाद वह सभी लोग अस्पताल की तरफ जाते हैं जहां पर अपर्णा को पूरी तरह से मृत्यु घोषित करते हैं और उसके मरने की वजह भी बता देते हैं जिसे सुनकर अपर्णा की मां सब में से बेहोश हो जाती है तो उनके पिता अपने सर पर हाथ रखकर दीवार से सेट कर रोने लगते हैं। 
कुछ दिन बाद यह खबर पूरे देश में फैली हुई थी जहां पर हर किसी की अलग-अलग सोच थी अलग-अलग टिप्पणी थी। 
पर ज्यादातर लोग यह कह रहे थे कि इसमें अपर्णा की गलती थी कि उसने एक छोटे कपड़े पहने दूसरा वह इतनी रात को घूमने क्यों गए ऐसे ही कर कर लोग उसके कैरेक्टर पर सवाल उठा रहे थे। 
पर पुलिस को तो अपर्णा के गुनहगारों का पता नहीं चला था वह लोग कैसे को जांच रहते पर अचानक उन्हें हायर अथॉरिटी से कैसे बंद करने का ऑर्डर मिलता है जिसकी वजह से वह लोग कैसे को इन्वेस्टिगेट नहीं कर पाते हैं।
लेकिन अपर्णा के मां-बाप का क्या वह लोग तो कानून से अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांग रहे थे। 

यह सिर्फ एक अपर्णा की बात नहीं है यह बात है उन हजारों लाखों लड़कियों की जो हर दिन ऐसे अजिंक्य नाम के दरिंदों से पाला पड़ता है पर ना प्रशासन ना समाज। उन्हें कोई सजा नहीं देती है सिर्फ उठाते हैं लड़कियों के चरित्र पर सवाल।
क्या लड़की होना गुनाह होता है या लड़की होना किसी को भी हद देता है कि वह उसकी इज्जत और आबरू के साथ खेल। 
यह सिर्फ मेरा सवाल नहीं है आपसे यह सवाल है उन हजारों विक्टिम की जो रोज पुलिस स्टेशन में FIR होता है लेकिन इंसाफ नहीं मिलता बस फाइल नंबर बंद कर स्टेशन में सड़ते रहते हैं।Kya Guna tha aprna ka. Ki usne badtameez Saini ki jagah jawab diya tha.