Campus Crush - 2 in Hindi Love Stories by Aditya Ahirwar books and stories PDF | कैंपस क्रश - 2

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कैंपस क्रश - 2

कॉलेज का पहला दिन यादगार बन गया था।
आरव के मन में मीरा की वो मुस्कान बार-बार गूंज रही थी।
उसके दिल की धड़कनें तेज़ थीं, और वो हर वक्त उसके बारे में सोचने लगा।

अगले दिन कॉलेज की लाइब्रेरी में उसे मीरा फिर दिखी।
मीरा अकेली बैठी कुछ पढ़ रही थी।
आरव ने खुद को संभाला और धीरे-धीरे उसकी तरफ़ बढ़ा।

"हाय मीरा, क्या पढ़ रही हो?" – उसने कांपती आवाज़ में पूछा।
मीरा ने सिर उठाया और मुस्कुरा दी।
"हाय आरव! मैं एक नॉवेल पढ़ रही हूं, 'द सीक्रेट'। मुझे मोटिवेशनल बुक्स पढ़ना बहुत पसंद है।"

आरव ने उसकी बातें सुनीं और उसकी आंखों में फिर वही चमक देखी।
"वाह, मुझे भी ऐसी किताबें पसंद हैं। क्या मैं बैठ सकता हूं?" – आरव ने कहा।
मीरा ने सिर हिलाया और बगल की कुर्सी खाली कर दी।

दोनों की बातचीत शुरू हुई – किताबों से लेकर कॉलेज के फेस्ट तक।
मीरा बहुत बातें करती थी – और उसकी बातें सुनना आरव को अच्छा लग रहा था।
आरव ने भी अपनी हॉबीज़ के बारे में बताया – उसे क्रिकेट खेलना पसंद था, और मीरा को डांस।

धीरे-धीरे, वो दोस्ती की एक डोर में बंधते चले गए।
मीरा का खिलखिलाना, उसकी शरारती बातें – सब कुछ आरव के लिए नया और खूबसूरत था।
वो हर रोज़ लाइब्रेरी में मीरा से मिलने लगा।


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कॉफी ब्रेक

एक दिन मीरा ने कहा – "आरव, चलो कैंटीन चलते हैं, मैं तुम्हें अपनी फेवरेट कॉफी पिलाती हूं!"
आरव का दिल एक पल को रुक गया – वो तो ऐसे ही पल का इंतज़ार कर रहा था।
दोनों कैंटीन की तरफ़ चले गए।

मीरा ने अपनी पसंदीदा हॉट कॉफी मंगवाई – और आरव ने भी वही ऑर्डर किया।
मीरा ने कहा – "कॉफी का टेस्ट बहुत अच्छा है, और ये मेरी सबसे फेवरेट जगह है।"
आरव ने उसकी हर बात को दिल से सुना।
कॉफी के हर घूंट के साथ, वो मीरा को और करीब से जानने लगा।


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एक ख़ास दिन

एक दिन कॉलेज में म्यूज़िकल नाइट का आयोजन हुआ।
मीरा ने आरव को भी वहां बुलाया।
वो बहुत सुंदर ड्रेस में आई थी – नीली ड्रेस में परी जैसी लग रही थी।
आरव की नज़रें उस पर ही ठहर गईं।

शो के बाद मीरा ने आरव को अपने दोस्तों से मिलवाया।
"ये आरव है – मेरा नया दोस्त," – उसने कहा।
आरव का दिल खुशी से झूम उठा – मीरा ने पहली बार उसे अपना दोस्त कहा था।

दोनों ने उस रात खूब बातें कीं।
मीरा ने अपनी फैमिली, अपने सपनों और अपने डर भी शेयर किए।
आरव ने भी उसे अपने दिल की बातें बताईं।


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आख़िर में…

जब रात का प्रोग्राम ख़त्म हुआ, आरव और मीरा साथ में बाहर निकले।
चाँदनी रात, हल्की हवा – सब कुछ किसी कहानी जैसा लग रहा था।
मीरा ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा – "अच्छा लगा आज का दिन, आरव। शुक्रिया!"

आरव भी मुस्कुरा दिया – उसके लिए ये पल हमेशा के लिए ख़ास बन गया।
उसे महसूस हुआ कि मीरा अब सिर्फ़ उसकी क्रश नहीं, बल्कि उसकी सबसे अच्छी दोस्त भी बन गई थी।

अब देखना ये था – क्या ये दोस्ती किसी और रिश्ते में बदल जाएगी?
या फिर ये कॉलेज की सबसे प्यारी यादों में से एक बनकर रह जाएगी?


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