आज से एक नया सफ़र शुरू… – यही सोचकर आरव ने कॉलेज के गेट पर कदम रखा।
कॉलेज का पहला दिन – नई जगह, नए लोग और नए सपने।
गेट से कॉलेज की इमारत का नज़ारा बहुत ही सुंदर लग रहा था।
भव्य बिल्डिंग, हर तरफ़ हरे-भरे पेड़, और छात्रों की भीड़।
हर चेहरा एक नयी कहानी बयां कर रहा था।
आरव के दिल में एक अजीब सी घबराहट थी – लेकिन उसे पता था कि ये दिन यादगार बनाना है।
वो अपने आप से कहता रहा, "बस शांति से सब देखो, दोस्त बनाओ और इस नए सफ़र का मज़ा लो।"
कॉरिडोर में चलते-चलते उसकी नज़रें हर कोने में घूम रहीं थीं।
कहीं कोई ग्रुप में खड़ा था – कोई अकेला कॉफी पी रहा था।
क्लास की तरफ़ बढ़ते हुए उसकी धड़कनें तेज़ हो गईं।
वहीं, अचानक उसकी नज़र एक लड़की पर पड़ी…
उसका नाम था – मीरा।
कॉलेज की सबसे पॉपुलर लड़की – समझदार, आत्मविश्वासी और बेहद ख़ूबसूरत।
लंबे बाल, हल्की सी मुस्कान और आत्मविश्वास से भरी चाल।
मीरा की मुस्कान में एक अलग सी चमक थी, और उसकी आंखों में एक जादू।
वो अपनी दोस्तों के साथ बात कर रही थी।
आरव बस उसे देखता ही रह गया – जैसे सब कुछ थम सा गया हो।
तभी मीरा की नज़र उस पर पड़ी।
वो मुस्कुराते हुए उसकी तरफ़ बढ़ी।
"हाय, तुम कौन हो?" – मीरा ने मुस्कुराते हुए पूछा।
आरव का दिल एकदम धड़क उठा।
उसने थोड़ा हकलाते हुए जवाब दिया – "म…मेरा नाम आरव है, बी.कॉम फर्स्ट ईयर।"
मीरा ने हल्की हंसी के साथ कहा – "अच्छा लगा तुमसे मिलकर, आरव! स्वागत है तुम्हारा कॉलेज में।"
आरव मीरा की मुस्कान में खो गया – ये पहली मुलाकात थी, पर दिल में कुछ तो महसूस हुआ।
उसने जल्दी से अपने आप को संभाला और कहा – "थैंक्यू, मीरा।"
मीरा की आंखों में एक दोस्ताना चमक थी।
आरव को महसूस हुआ कि ये सिर्फ़ एक मुलाकात नहीं थी – ये कहानी की शुरुआत थी।
---
लंच ब्रेक
कॉलेज की कैंटीन में भीड़ लगी थी।
हर तरफ़ शोर, हंसी और गुनगुनाहट।
आरव अपने नए दोस्तों के साथ बैठा था – लेकिन उसका मन किसी और ख्याल में था।
आरव की नज़रें बार-बार मीरा को ढूंढ रही थीं।
वो वहां थी – अपनी दोस्तों के साथ बैठी हुई।
उसकी हंसी, उसकी बातें – सब कुछ आरव को बहुत अच्छा लग रहा था।
मीरा ने एक बार उसकी तरफ़ देखा – फिर दूसरी बार।
बस ये दो नज़रें ही आरव के लिए काफ़ी थीं।
उसके दिल में एक अजीब सी उम्मीद जागी – क्या वो भी कुछ महसूस कर रही थी?
लंच ब्रेक
कॉलेज की कैंटीन में सब नए दोस्त बन रहे थे।
आरव भी दोस्तों के साथ बैठा था, पर उसकी नज़रें बस मीरा को ही देख रही थीं।
मीरा ने एक बार उसकी तरफ़ देखा – फिर दूसरी बार – बस ये काफ़ी था आरव के लिए।
आज उसका पहला दिन था – और पहली बार किसी के लिए ऐसा महसूस हुआ।
---
भाग 1 – समाप्त
आरव का पहला दिन – पहली मुलाकात – पहली नज़र का जादू - ये सब किसी फ़िल्म की तरह लग रहा था।
आरव जानता था कि उसकी ये क्रश की कहानी यहीं ख़त्म नहीं होगी।
अब देखना ये है कि ये सिर्फ़ एक कॉलेज क्रश है… या किसी प्यारी कहानी की शुरुआत?