Tera Inteqaam Mera Ishq - 2 in Hindi Thriller by Rishabh Sharma books and stories PDF | तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़ - एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज - 2

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तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़ - एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज - 2

"तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़" – एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज

🔥 एपिसोड 2: लौट आया है वो… लेकिन अब वो वैसा नहीं रहा

⏳ 4 साल बाद – नई शुरुआत, पुरानी परछाई

काव्या अब बनारस छोड़कर भोपाल आ चुकी थी।
एक मल्टीनेशनल कंपनी में HR की पोस्ट पर नई नौकरी मिली थी।
अब वो पहले जैसी शांत लड़की नहीं रही थी — उसने खुद को संभाल लिया था, लेकिन पूरी तरह भूला नहीं था।

💼 नई जॉब, नया शहर, पर दिल में वही अधूरी कहानी।

शाम को ऑफिस से निकलते वक्त जैसे ही उसने कॉम्प्लेक्स के बाहर कदम रखा — भीड़ जमा थी।
किसी ने कहा, "पास वाले कैफ़े में मर्डर हुआ है! एक लड़का वहां से भागा है!"

👁️‍🗨️ काव्या ने अनजाने डर से उस तरफ देखा… और उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया।

वो चेहरा…
वो चाल…
वो आंखें…
आर्यन!


🎞️ फ्लैशबैक सा चल गया दिमाग में —
"अगर मेरी मोहब्बत सच्ची थी… तो लौटूंगा ज़रूर। लेकिन शायद एक और नाम, एक और चेहरा लेकर।"
काव्या की सांसें रुक गईं। क्या ये वही था? क्या वो अब कोई... कातिल बन चुका था?
वो लड़का तेज़ी से बाइक पर बैठा और सामने लगे CCTV कैमरे की तरफ देखा।

😨 उसकी आंखों में काव्या ने देखा — अब वहां प्यार नहीं… सिर्फ़ आग थी।


📍 अगली सुबह — ऑफिस में हलचल
कॉर्पोरेट बिल्डिंग की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
मीडिया वाले गेट पर खड़े थे। लेकिन सबके लिए ये आम केस था — सिर्फ़ काव्या के लिए नहीं।

उसने रिसेप्शन से कहा:

🗣️ "कल की रात का कैमरा फुटेज दिखा सकती हैं आप? प्लीज़, मेरी एक पर्सनल रिक्वेस्ट है।"
CCTV क्लिप शुरू हुई —
स्क्रीन पर एक लड़का काले जैकेट में, चेहरे पर नकाब नहीं। जैसे वो खुद चाहता हो कि कोई उसे पहचान ले।
जैसे ही उसका चेहरा ज़ूम हुआ…
काव्या की आंखों से आंसू बह निकले — वो वही था! आर्यन!


🕵️‍♀️ लेकिन अब वो आर्यन नहीं, 'शिवाय' बन चुका था…
काव्या ने उसी वक़्त इंटरनेट पर नाम सर्च किया —
"Shivay Rathore – Mysterious Vigilante Suspect"
– चार केस जुड़ चुके थे उस नाम से।
– हर बार एक जैसा अंदाज़।
– हर बार CCTV को खुद देखने देना।

💔 क्या आर्यन अब कातिल बन चुका है?


🌆 शाम 6:45 PM — वही कैफ़े
काव्या ने हिम्मत जुटाई और उसी कैफ़े में गई, जहां मर्डर हुआ था।
अंदर जाकर पूछताछ की तो वेटर ने धीरे से कहा:

"उसने यहीं बैठकर दो कप कॉफी मंगाई थी… और दूसरे कप को बिना किसी को दिए छोड़ गया। जैसे किसी का इंतज़ार कर रहा हो… जो कभी आया ही नहीं।"
☕ एक कप कॉफी, एक खाली कुर्सी… और एक अधूरा वादा।

वहीं, टेबल के नीचे से उसे कुछ दिखा —
एक पुराना ब्रेसलेट, जिस पर वही अधूरी सी लकीरें थीं – 'का…'
"काव्या?"

काव्या थरथरा उठी। क्या ये संयोग था? या इशारा?


💔 रात — उसके अपार्टमेंट की बालकनी
काव्या अकेले बैठी थी, वो ब्रेसलेट हाथ में लिए।
एक तरफ उसका दिल कह रहा था – “वो कातिल नहीं हो सकता…”
दूसरी तरफ खबरें, CCTV, और भागते हुए उसकी आंखों में वो आग…

"अगर वक़्त ने किसी को बदल दिया है, तो क्या मोहब्बत उसे फिर से इंसान बना सकती है?"
तभी फोन पर अनजान नंबर से मैसेज आया —
📲 "तुम्हें ढूंढना बंद कर दूं… या अब तुम भी मुझे ढूंढना शुरू करोगी?"


😱 अगले दिन — एक और मर्डर
इसी शहर में एक और केस, एक और मरने वाला — और इस बार भी CCTV में वही लड़का — शिवाय!

लेकिन इस बार उसने मुड़कर कैमरे में कुछ कहा…

📸 "इस बार आख़िरी है... काव्या के लिए।"
📢 पुलिस अभी भी समझ नहीं पा रही थी, लेकिन काव्या को समझ आ चुका था — ये सिर्फ़ केस नहीं, ये एक सीधा पैगाम है।


🎯 अगले एपिसोड में क्या होगा?
आर्यन यानी शिवाय किसका इंतकाम ले रहा है?
क्या काव्या अब उसे रोक पाएगी?
या प्यार के नाम पर अब ख़ून ही बहेगा?