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@_buttetfly__here
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दीवाली पार्टी को बीते एक हफ्ता हो चुका था। सभी लोग अपने–अपने परिवारों के साथ त्योहार मना कर अब फिर से अपने काम में व्यस्त हो चुके थे।
जय अपने काम से समय निकल के किसीसे मिलने आया था। एक कैफे में बैठा किसी का इंतेज़ार कर रहा था। कुछ देर बाद वहां काव्या आई।
"सॉरी, थोड़ी देर हो गई मुझे..." काव्या ने सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए कहा।
"अब तो आदत सी हो गई है।" जय ने मुस्कुराते हुए मेन्यू कार्ड उसकी ओर बढ़ाया और एक डिश के नाम पर उंगली रखते हुए बोला।
"आप मुझे इतने अच्छे और फैंसी रेस्टोरेंट में बुलाकर फ्रूट्स खिलाना चाहते हैं?" काव्या ने उस डिश का नाम पढ़ते ही नौटंकी भरे अंदाज़ में कहा।
"आप ये फास्ट फूड नहीं खा रही।" जय ने सख्ती से कहा।
"प्लीज.." काव्या ने मिन्नतों भरे स्वर में कहा।
उसकी मासूमीयत भरी विनती सुनकर भी जय ने सकती बरकरार रखते हुए पूछा, हम यहां क्यों आए हैं?
"खाने!" काव्या ने अपनी एक भौंह उठाते हुए जवाब दिया।
"मिस सेहगल..?" जय ने उसे टोका।
"अपने दोस्तों का पैचअप करवाने की प्लानिंग करने।" उसने मुस्कुराते हुए कहा।
"और वैसे भी, मैं आपसे पूछ नहीं रहा था... बता रहा था। मैने ऑर्डर कर दिया है।" उसने लगभग चिढ़ते हुए कहा।
"जो भी हो, वैसे भी आप जैसे डॉक्टर से और उम्मीद ही क्या की जा सकती है!" काव्या ने अपनी नजरे घूमते हुए कहा।
"हमें काम की बात करनी चाहिए।" जय ने उसकी बात को अनसुना करते हुए कहा।
"दोनो शांति से खाना खा ही रहे थे कि अचानक एक लड़की की आवाज आई, "जय...?" उसकी आवाज शहद जैसी मीठी थी, और वह बहुत ही प्यार से जय को बुला रही थी।
जय ने आ रही आवाज की दिशा में देखा, उसने खुशी और शोक के भाव से उसका नाम पुकारा, "रिया..?"
"साउंड्स बैटर।" रियाने फुसफुसाया। "जस्ट लाइक अ मेलोडी। अ स्वीट वन।"
"तुम यहां?" जय ने हैरानी से पूछा।
"वैसे तो में तुम्हे सरप्राइस देने वाली थी... परर, ठीक है। एक्चुअली, मैं तुम्हारे ही हॉस्पिटल में ज्वॉइन करने वाली हु।"
"ओह्ह्ह... यह तो अच्छी बात है।" जय हल्का सा मुस्कुराया, पर उसके चेहरे पर कोई खास उत्साह नहीं था। लेकिन रिया बहुत उत्साहित थी।
दोनों एक दूसरे से बातें करने में इतने मशगूल थे कि जय को यह महसूस ही नहीं हुआ कि कोई उसकी आँखों के सामने बैठा है और ग़ुस्से से उसे घूर रहा है।
तभी वेटर आया और ऑर्डर टेबल पर रखा, उसकी आवाज से जय का ध्यान काव्या के ऊपर गया।
"सॉरी।" जय ने धीमे स्वर में कहा और काव्या की और ही देखता रहा।
काव्या ने उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए अपने आगे राखी फ्रूट्स दिशा में से फ्रूट्स खाना शुरू कर दिया।
रिया, काव्या को देखकर असहज और पजेसिव महसूस कर रहीं थी। "जय.. यह कौन है?" उसकी आवाज में उसके मन के भाव साफ झलक रहे थे।
"मेरी पेशेंट है।" जय की बात सुन कर काव्या के मन में ख्याल आया – ‘दोस्त भी तो कह सकते थे.. पर नहीं। में तो पेशेंट हु। पेशेंट।
"ओह्ह्ह... एक पल को मुझे लगा तुम दोनों रिलेशनशिप में हो।"
उसकी बात सुनकर जय और काव्या दोनो ने एक दूसरे की और देखा, उनकी नजरे मिली और दोनों ने एक साथ कहा, "बिलकुल नहीं।"
"गुड..." रियाने धीमे से कहा।
"क्या? कुछ कहा क्या आपने?" काव्य ने पूछा।
"कुछ नहीं। रिया ने अपनी बात छुपाने की कोशिश की।
"क्या में आप दोनो के पास बैठ सकती हु?"
"बिलकुल।" जय ने सहजता से कहा
काव्या ने उसे घूरते हुए देखा। उसकी तीखी नजरे देख, जय ने रिया की और मुड़ते हुए कहा, "जैसा कि तुम जानती हो.. शी ईझ माई पेशेंट..."
जय को हिचकिचाते देख काव्या ने बात बीच में ही उसकी बात को काटते हुए कहा, "आपका जय... इस माई डॉक्टर राइट नाऊ। तो, मिस.. ऊप्स सॉरी, डॉक्टर रिया, विल यू पप्लीज इसक्यूज़ अस? वी आर क्वाईट बिजी। आज यू सी।" काव्य ने हल्की सी मुस्कुराहट अपने होठों पर बरकरार रखते हुए कहा।
"लेके जय को कोई प्रॉब्लम नहीं है। है न जय?" रिया ने उसकी तरफ देखा।
"तो आप मुझे अपने डियरेस्ट ‘जय’ की गर्लफ्रेंड भी मान सकती है। और उस नाते, मुझे परेशानी है। वह भी बहुत।"
"आपको यही बैठकर लड़ाई करनी है या असली मुद्दे की भी बात करनी है?" जय ने काव्या को इतने गुस्से में पहली बार देखा था आज तक उसने कही भी काव्या को इतना हाइपर होते हुए नहीं देखा था।
"कही और चले?" जय ने काव्या की बात सुन शांति से पूछा।
"मैं आपको घर छोड़ देता हु, कार में बात कर लेंगे।" काव्या के जवाब न देने पर जय ने सुझाव दिया।
"ओके।" काव्या ने कहा। वह खड़ी हुई और बिना पीछे मुड़े चलने लगी।
"बाई, जय।" उसे रिया की आवाज आई, लेकिन काव्या ने अनसुना करने की कोशिश की।
"बाई।" जय ने जवाब दिया।
"सी यू सुन।" रिया ने हौले से कहा, लेकिन जय ने कोई जवाब नहीं दिया।
काव्या अंदर ही अंदर गुस्से से खौल रही थी। ‘आई एम सो डैम फ्रस्ट्रेटेड।’ उसने मन में सोचा और दरवाजा खोल के बाहर चली गई
जय चुपचाप कार में बैठ गया। कार में दोनों खामोश थे। जय ड्राइव कर रहा था और काव्या खिड़की की ओर देख रही थी।
"तो... मैं कह रहा था कि..." जय ने देखा कि काव्या अब भी बाहर की ओर देख रही थी।
"आप सुन रही हैं, मिस सह..."
"काव्या।" उसने बीच में ही बात काट दिया।
"हम्म?" जय थोड़ा भ्रमित हो गया।
"मेरा नाम काव्या है। आप मुझे काव्या कह सकते हैं। मुझे बिलकुल पसंद नहीं कि कोई मुझे बार-बार मिस सेहगल, मिस सेहगल कहता रहे। समझे आप?"
जय थोड़ा असहज हो गया, लेकिन उसने धीमे से कहा, "हाँ... "
"काव्या... " उसने उसका नाम इतने स्नेह से पुकारा, जैसे पहली बार किसी ने उसके नाम को इतना खूबसूरत बना दिया हो। उसके नाम में, उसकी आवाज़ में, कुछ तो ऐसा था जो काव्या के दिल को छू गया।
वह उसके शब्दों को महसूस ही कर रही थी कि जय ने कहा, "मैं सोच रहा था कि हम आकाश का बर्थ डे प्लान करें... किसी ऐसी जगह जहाँ वह अंदाज़ा भी न लगा सके।"
"हम्म... है एक ऐसी जगह। मेरा घर।" काव्या ने बड़े आराम से कहा।
"वो आपके घर में ही तो रहता है..." काव्या ने उसे घूरा
"मेरा मतलब है... काव्या।" जय ने पानी गलती सुधारी
मेरा एक और घर है, कुछ वैसा ही जैसे बैचलरेट। जैसा आकाश के पास है, रॉ.. के पास है, और आदि के पास भी है।"
वहाँ टोटल छह अपार्टमेंट हैं। सबसे पहले आकाश ने खरीदा था, फिर अंकल... यानी रॉनी के डैड ने, जिनकी वो प्रॉपर्टी है, उन्होंने.. हमें बाकी अपार्टमेंट गिफ्ट किए। उनमें से एक हमने थिएटर, गेम ज़ोन जैसी मस्ती वाली जगह में बदल दिया है। जो बचा था।"
"मस्ती करने की जगह है।" जय ने हँसते हुए कहा।
"सही कहा। वो चाहते थे हमारी दोस्ती कभी न टूटे।"
"तो...?" जय ने पूछा।
"तो...?" काव्या ने मुस्कुरा कर दोहराया।
"तो आगे की प्लानिंग? हम पहुँच गए।" जय ने कार रोकते हुए कहा।
"ओह... मुझे पता ही नहीं चला। और प्लान की बात करें तो, मैं रोनित और उस गधे आदि से बात करके आपको बताती हूँ... ठीक है?"
"साउंड्स गुड टू मी।"
"ओके, बाय।" काव्या ने कार का दरवाज़ा खोला। जय भी कार से उतरा और उसे मदद के लिए बाहर आया
दोनों ने एक-दूसरे को अलविदा कहा और अपने-अपने रास्ते चले गए।
काव्या के मन में अब भी रिया की अजीब बातें और जय से उसका चिपकना घूम रहा था – "सी यू सून।"
वहीं जय के मन में आज की काव्या की बातें चल रही थीं, जो उसके लिए बिल्कुल नई थीं। जिस तरह से उसने रिया को अपनी गर्लफ्रेंड मानने से इंकार किया और फिर उसे टोकते हुए आगे बोली... वह सब कुछ बहुत अलग था। कुछ नया... कुछ अनकहा।
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Continues in the next episode....
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