Kaali Kitaab - Last part in Hindi Short Stories by Shailesh verma books and stories PDF | काली किताब - (अंतिम भाग)

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काली किताब - (अंतिम भाग)

 अध्याय चार: नई शुरुआत(एजेंट अथर्व | कोड 0369)

भाग 1: पुनर्निर्माण और नए लक्ष्यत्रिकाल संगठन में अथर्व के सामने अब सबसे बड़ा काम था – विश्वास वापस जीतना।कई सदस्यों ने उसकी हिम्मत और ईमानदारी देखी, लेकिन कुछ अभी भी शक में थे। उन्हें यह समझना था कि त्रिकाल का उद्देश्य सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि दुनिया के संतुलन को बनाए रखना था।अथर्व ने संगठन के गुप्त दस्तावेज़ों की खोज शुरू की। वह जानता था कि संगठन के पास ऐसी जानकारी है, जो मानवता के लिए वरदान भी बन सकती है और विनाश का कारण भी।उसने अपनी टीम के साथ मिलकर एक मिशन तैयार किया – त्रिकाल की शक्ति का सही उपयोग करना और ‘अंधकार के प्रहरी’ के अवशेषों को पूरी तरह खत्म करना।लेकिन जैसे-जैसे अथर्व इस मिशन में गहराता गया, उसे पता चला कि त्रिकाल से भी ऊपर एक और गुप्त शक्ति है, जो कई स्तरों पर काम कर रही है।

भाग 2: नई शक्ति का खुलासाअथर्व और उसकी टीम जब त्रिकाल के प्राचीन दस्तावेज़ों को पढ़ रहे थे, तभी एक छुपा हुआ दस्तावेज़ मिला, जिस पर कुछ अजीब और रहस्यमयी चिन्ह बने थे।इस दस्तावेज़ ने एक नई शक्ति का पता लगाया — जिसे ‘कालजाल’ कहा जाता था। यह शक्ति त्रिकाल से भी अधिक खतरनाक थी, और इसका नियंत्रण पूरी दुनिया की नियति बदल सकता था।कालजाल एक ऐसा गुप्त संगठन था, जो हमेशा छाया में रहता और विश्व के बड़े हादसों के पीछे रहता। इसका मकसद था विश्व की आज़ादी खत्म कर एक नयी व्यवस्था बनाना।अथर्व ने महसूस किया कि त्रिकाल की लड़ाई अब केवल अपने संगठन के भीतर की नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक लड़ाई में बदल चुकी थी।उसने अपनी टीम के साथ मिलकर कालजाल के छिपे हुए सदस्यों को खोज निकालने और उन्हें रोकने की ठानी।

भाग 3: कालजाल का सामनाअथर्व ने अपनी टीम के साथ मिलकर कालजाल के ठिकानों की जांच शुरू कर दी। यह संगठन अत्यंत गुप्त और चालाक था, जिसने सदियों से दुनिया के बड़े राजनीतिक और आर्थिक फैसलों को अपनी इच्छानुसार मोड़ा था।कई बार उनके सामने आई चुनौतियाँ इतनी खतरनाक थीं कि कई सदस्यों ने हार मान ली। पर अथर्व का हौसला कभी टूटता नहीं था। उसकी रणनीतियाँ और तेज दिमाग कालजाल की चालों को समझने और मात देने में सहायक साबित हुईं।एक रात, जब वह कालजाल के मुख्यालय में घुसपैठ कर रहा था, उसने देखा कि वहां एक नई तकनीक विकसित की जा रही है, जो मनुष्य की सोच और भावनाओं को नियंत्रित कर सकती थी। यह हथियार अगर कालजाल के हाथ लग गया, तो दुनिया की आज़ादी खत्म हो सकती थी।अथर्व ने तुरंत योजना बनाई कि वह इस खतरे को पहले ही खत्म कर दे। उसकी टीम ने गुप्त ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें बहादुरी, साहस और चतुराई की आवश्यकता थी।

भाग 4: अंतिम संघर्षकालजाल के मुख्यालय के अंदर घुसते ही अथर्व और उसकी टीम ने चौकसी में सेंध लगाई। हर कदम पर सुरक्षा के जाल बिछे थे, लेकिन उनकी मेहनत और तैयारी ने सब बाधाएं पार करवा दीं।मुख्यालय के सबसे अंदर, उस तकनीक का केंद्र था — एक विशाल मशीन जो मानव मन को नियंत्रित करने की क्षमता रखती थी। अथर्व को पता था कि अगर यह मशीन चालू हो गई, तो दुनिया के लोगों की आज़ादी खतरे में पड़ जाएगी।उन्होंने तुरंत मशीन को नष्ट करने की योजना बनाई। पर तभी कालजाल के प्रमुख और उसके साथी सामने आए। एक आखिरी भयंकर लड़ाई शुरू हुई — जहाँ शक्ति, बुद्धिमानी, और हिम्मत का परिक्षण हुआ।अथर्व ने अपनी पूरी ताकत और काली किताब की सहायता से उस लड़ाई को अपनी तरफ मोड़ा। मशीन नष्ट हो गई, और कालजाल के मुख्य सदस्य हार मान गए।

भाग 5: नई उम्मीदमिशन के बाद, त्रिकाल संगठन ने पुनः अपना उद्देश्य स्पष्ट किया — शक्ति का सही और न्यायपूर्ण इस्तेमाल। अथर्व ने यह तय किया कि अब वह अपने ज्ञान और ताकत से न केवल त्रिकाल, बल्कि पूरी दुनिया की रक्षा करेगा।“काली किताब” अब केवल एक रहस्य नहीं थी, बल्कि मानवता की नई उम्मीद थी।यहां “काली किताब” की यह कहानी समाप्त होती है, पर एजेंट अथर्व की लड़ाई और भी बड़ी है।

-समाप्त-

शैलेश वर्मा