The Chronicles of the Nexus - 1 in Hindi Mythological Stories by Hanu Man books and stories PDF | The Chronicles of the Nexus - 1

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The Chronicles of the Nexus - 1


रात का अंधेरा फैल चुका था।
शिवाय के कमरे की खिड़की से बाहर देखो तो पूरे शहर में बत्तियां जल रही थीं, लेकिन अंदर उस कमरे में एक अजीब सी सन्नाटे की चुप्प थी। शिवाय के कमरे में सिर्फ हल्की सी रोशनी आ रही थी, जो एक पुराने कागज के ढेर और किताबों की शक्ल में छिपी हुई थी। वह एक नॉर्मल लड़का था, जो अपनी दुनिया में खोया हुआ था। मगर आज कुछ खास था। आज कुछ ऐसा होने वाला था, जो उसकी ज़िंदगी बदल देगा, हमेशा के लिए।

"क्या तुम जानते हो, तुम कौन हो?"

उसकी आँखों में घबराहट थी, लेकिन वो खुद भी नहीं समझ पा रहा था कि ये एहसास कहां से आ रहा था। अचानक, उसे महसूस हुआ कि जैसे कोई आवाज़, कोई शक्ति, उसके भीतर गूंज रही हो। यह कोई स़मान्य आवाज़ नहीं थी, यह कुछ और ही थी। यह आवाज़, उसकी आत्मा को जगाने वाली थी।

शिवाय के हाथ में एक पुरानी घड़ी थी, जिसे उसके दादाजी ने उसे सौंपा था। वह घड़ी अजीब थी, और शिवाय को लगता था कि उसमें कोई गहरी ताकत छुपी हुई है। उसकी उँगलियाँ उस घड़ी के हर घुमाव पर चल रही थीं, जैसे वो किसी रहस्यमय को समझने की कोशिश कर रहा हो।

"तुम जाग चुके हो, शिवाय... अब समय आ गया है।"

वो आवाज़ फिर से गूंजती है। यह आवाज़ किसी इंसान की नहीं, बल्कि एक और दुनिया से आने वाली आवाज़ थी। उस आवाज़ में एक अजीब सी शक्ति थी। शिवाय ने बेतहाशा घड़ी को अपनी ओर खींच लिया और एक अदृश्य शक्ति की तरह, घड़ी ने उसकी पूरी उँगली जकड़ ली।

फिर, अचानक एक झटका महसूस हुआ। जैसे किसी ने उसे एक अंधेरे सुरंग में धकेल दिया हो। उसकी आँखें खुली, और अब वह एक बिल्कुल अलग जगह पर था। उसका दिल धड़क रहा था, जैसे उसके भीतर कोई ऊर्जा जाग रही हो। उसका शरीर भारी था, और उसका मस्तिष्क जैसे किसी नई दुनिया को समझने की कोशिश कर रहा हो।

"यह कहाँ हूँ मैं?"
शिवाय को यह समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां था। चारों ओर घना अंधेरा था, और उसके सामने एक विशाल दरवाजा खड़ा था। उस दरवाजे पर गहरे काले रंग की लकीरें थी, और हर लकीर में अजीब सी चमक थी। उसने दरवाजे को ध्यान से देखा, और तभी उसे एहसास हुआ – यह दरवाजा केवल किसी और की नहीं, बल्कि उसकी अपनी यात्रा का हिस्सा था।

शिवाय ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाए और दरवाजे के पास आ गया। उसके हाथ में घड़ी अब चمक रही थी। जैसे यह दरवाजे के सामने आते ही उसकी शक्ति और बढ़ गई हो। बिना सोचे-समझे, शिवाय ने दरवाजा खोल दिया।

और एक नई दुनिया सामने आ गई।

अब वह उस दरवाजे के पार था। यहाँ की हवा में एक अजीब सी गंध थी, जो उसके शरीर में ऊर्जा का संचार कर रही थी। चारों ओर रहस्यमय इमारतें थीं, और उन इमारतों में कुछ और ही था – जैसे समय की धारा यहाँ अलग चलती थी। शिवाय के कदम घबराए हुए थे, लेकिन उसकी आँखों में अब एक अलग ही जिज्ञासा थी।

"यह क्या है?"
वह एक विशाल मंदिर के भीतर खड़ा था। मंदिर का हर कोना, हर दीवार, कुछ कहते हुए महसूस हो रही थी। और तभी, उसने देखा, एक रोशनी से निकलता हुआ एक व्यक्ति उसके सामने खड़ा था।

"तुम आ गए हो, शिवाय।"

वो व्यक्ति उसे एक तेज़ नज़र से देखता है, उसकी आँखों में घने अंधेरे और रहस्य की झलक थी। वह व्यक्ति पूरी तरह से काले कपड़े पहने हुए था, उसकी त्वचा पर अजीब सी लकीरें थीं, जैसे उसकी पहचान किसी और ही दुनिया से हो।

"तुम्हें अपना रास्ता चुनना होगा।"

शिवाय के सामने एक चॉइस थी – एक क़दम यहाँ, और एक क़दम दूसरी दिशा में। लेकिन इस दिशा में उसे कुछ और ही संकेत मिल रहे थे। उसने गहरी सांस ली और अपने अंदर की शक्ति को महसूस किया। क्या वह इसका सामना कर पाएगा?

"तुम्हारा समय शुरू हो चुका है, शिवाय। नैक्सस तुम्हारा इंतजार कर रहा है।"

उसे यह एहसास हुआ कि वह जो पहले एक साधारण लड़का था, अब एक बड़ी ताकत का हिस्सा बन चुका था। उसकी यात्रा का पहला कदम लिया जा चुका था, लेकिन इससे ज्यादा रहस्य, डर और चुनौतियाँ उसकी राह में खड़ी थीं।

जैसे ही शिवाय ने अपनी आँखें बंद की, उसके भीतर एक नई दुनिया का दरवाजा खुला।
क्या वह इस यात्रा को सफलतापूर्वक पार कर पाएगा? क्या वह नैक्सस की शक्ति से दुनिया को बचा पाएगा?



"नैक्सस: द डार्क क्रॉनिकल्स" - यह केवल एक शुरुआत थी, लेकिन शिवाय की यात्रा अब पूरी तरह से बदलने वाली थी।
क्या वह अपने भीतर की शक्तियों को नियंत्रित कर पाएगा या फिर यह अंधी शक्ति उसे निगल जाएगी?