Dirty Job in Hindi Crime Stories by Katha kunal books and stories PDF | गंदी नौकरी

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गंदी नौकरी

गंदी नौकरी

 

एक लड़की जो 22 साल की थी, जवान थी, और जिसका नाम प्रिया था, काफी सुंदर भी थी। वह पढ़ाई के लिए अपने घर से बाहर पठानकोट शहर आई थी। कॉलेज के पास एक कमरे में वह अकेली रहती थी। उसे लगता था कि आगे की पढ़ाई के लिए पैसे की जरूरत होगी, पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे।

 

जैसे कहा जाता है कि जब हम किसी से सलाह लेते हैं, तो एक अच्छी सलाह के साथ कई बार गंदी सलाह भी मिलती है – ऐसा ही कुछ प्रिया के साथ हुआ। उसने अपनी कुछ सहेलियों से सलाह ली, तो उन्होंने कहा कि किसी अमीर लड़के के साथ सेट हो जा, जिससे तुझे पैसे की चिंता ना हो। पर प्रिया ने ये बात मानने से इंकार कर दिया। इस बात से उसकी सहेलियाँ नाराज़ हो गईं, लेकिन प्रिया ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया और अपने रास्ते चली गई।

 

प्रिया ने एक ब्यूटी सैलून में काम करना शुरू कर दिया, जहाँ वह लड़कों और लड़कियों दोनों की हेयर कटिंग करती थी। उसने देखा कि उसकी मालकिन अक्सर नशा करती है और कुछ लड़कों के साथ दुकान के पीछे बने केबिन में चली जाती है। प्रिया को लगने लगा कि जो वह सोच रही थी, वही सब हो रहा है। फिर भी उसने अपने काम पर ध्यान देना जारी रखा।

 

एक दिन रात के 11 बजे थे, दो लड़कों की हेयर कटिंग होनी थी। एक लड़के की कटिंग उसकी मालकिन कर रही थी और एक की प्रिया। तभी एक लड़के ने प्रिया की पीठ पर थप्पड़ मार दिया। प्रिया ने गुस्से में उसके सिर पर वार कर दिया। मालकिन ने कहा – “तो क्या हुआ? चुपचाप काम कर।” प्रिया ने गुस्से में अपनी पेमेंट मांगी और कहा कि वह अब ये काम नहीं करेगी।

 

मालकिन ने उन लड़कों से कहा – “इसे अंदर ले जाओ और डबल पैसे दे दो।” प्रिया के साथ जबरदस्ती हुई, जो उसकी ज़िंदगी को बर्बाद करने वाली थी। बाद में मालकिन ने उसे ₹8000 की बजाय ₹14000 दिए और कहा – “दफा हो जा यहां से।”

 

प्रिया जब घर लौटी, तो सोचने लगी कि वह किसी को इस बारे में बताए या नहीं। यह सोच उसे अंदर से तोड़ने लगी और वह डिप्रेशन में चली गई। जो उसके साथ हुआ ये कोई छोटी बात नहीं थी बल्कि उसकी लाइफ खराब हो चुकी थी। वो तो चाहती थी कि अपने घर वालों से पैसे न मांगे बल्कि खुद का खर्चा निकले और कुछ बड़ा करके दिखाए । पर उसको क्या पत्ता था कि उसके साथ ऐसा कुछ होने वाला है। वह अपने एग्ज़ाम में भी फेल हो गई। क्योंकि डिप्उरेशन इतना बढ़ गया कि वो किसी और बात या किसी के बारे में सोच नहीं थी थी बस वही कुछ बाते बही हरकत ऊसे याद आ रही थी । इस सब बातों को साइड करके जब उसको पत्ता चला, तो उसने सोचा कि अब घर लौट जाना चाहिए, शायद पढ़ाई छोड़कर।

 

पर अफ़सोस, उसको ये नहीं पत्ता था कि उसके घर जब ये बात पत्ता चलेगी कि उनकी बेटी अब नहीं रही तो उनपर क्या बीतेगी । डिप्रेशन की हालत में वह ठीक से सोच नहीं पाई और एक बस से टकराकर उसकी मौत हो गई और वो टकर के सार ही मर गई। 

उसकी मौत कोई उसकी गलती नहीं थी। ये आज के समाज की गलती थी जो हर लड़की को खिलौना समझता है। शायद वो सब लोग ये भूल रहे है अगर हम किसी के साथ ऐसा करेंगे तो हमारी भी बहने है , हमारी भी मां है ,। पर प्रिया की मौत लोगो में एक एक्सीडेंट था। पर ये एक टॉर्चर के रूम में नजर आ रहा है आज भी।