HIDDEN BILLIONAIRE - 1 in Hindi Short Stories by Dhiru Shukla books and stories PDF | HIDDEN BILLIONAIRE - 1

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HIDDEN BILLIONAIRE - 1

Chapter 1......

ईशान अग्रवाल एक ऐसा व्यक्ति जो अमीर नहीं था, बल्कि अमीरी की परिभाषा था।

उसकी व्यावसायिक साम्राज्य तकनीक, रियल एस्टेट, वित्त और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ था। वह उन गिने-चुने लोगों में से था जिसकी मात्र उपस्थिति ही शेयर बाजार को हिला सकती थी। लेकिन आज, वह एक टूटी-फूटी झोपड़ी के सामने खड़ा था—अकेला, भ्रमित और कंगाल। उसके महंगे सूट गायब हो चुके थे, उनकी जगह घिसे-पिटे कपड़ों ने ले ली थी। जो व्यक्ति कभी प्राइवेट जेट और लग्जरी कारों में घूमता था, आज उसकी जेब में सिर्फ ₹500 थे। यह सब कैसे हुआ?

अग्रवाल परिवार सिर्फ धनवान नहीं था; वे भारत के सबसे शक्तिशाली व्यावसायिक घरानों में से एक थे। लेकिन उनकी विरासत एक अनोखी परंपरा के साथ आई थी: "एक राजा तभी शासन कर सकता है जब वह आम आदमी के संघर्षों को समझे।" यह दर्शन पीढ़ियों से चला आ रहा था। इशान के दादा, योगेंद्र अग्रवाल, इस परिवार के मुखिया थे। उन्होंने यह साम्राज्य शून्य से बनाया था, लेकिन उनका मानना था कि असली ताकत तब आती है जब कोई व्यक्ति कठिनाइयों से ऊपर उठता है। और इसी वजह से, इशान के लिए एक परीक्षा रखी गई।

"अगर तुम हमारे साम्राज्य के सच्चे उत्तराधिकारी बनना चाहते हो, तो तुम्हें यह साबित करना होगा कि तुम अपनी तकदीर खुद बना सकते हो।" उनके दादा के शब्द आज भी उसके दिमाग में गूंज रहे थे। "तुम्हारे पास एक साल है।" "कोई मदद नहीं। कोई संपर्क नहीं। अपनी पहचान किसी को नहीं बतानी है।" "अगर तुम असफल होते हो, तो हमेशा के लिए परिवार से बाहर कर दिए जाओगे।"

अगले ही पल, उसकी पूरी ज़िंदगी बदल गई। उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए। उसके व्यवसाय उससे छीन लिए गए। उसके क्रेडिट कार्ड, फोन, हवेली और कारें—सब कुछ चला गया। और वह एक अनजान शहर में अकेला छोड़ दिया गया, सिर्फ अपनी पीठ पर पड़े कपड़े और ₹500 के साथ।

अगर उसकी संपत्ति का खोना दर्दनाक था, तो इसके बाद हुई गद्दारी उससे भी ज्यादा भयानक थी। इशान की शादी अदिति राठौर से हुई थी। अदिति कोई साधारण महिला नहीं थी—वह एक पुराने शाही परिवार से ताल्लुक रखती थी। उसका पूरा जीवन महलों और ऐश्वर्य के बीच बीता था। जब तक इशान के पास दौलत थी, अदिति को उस पर गर्व था। वह अक्सर कहा करती थी, "मेरा पति इस देश का सबसे ताकतवर आदमी है।" लेकिन अब?

जब उसने सुना कि इशान के पास कुछ भी नहीं बचा, उसने उसे तलाक के कागज थमा दिए। "मैंने एक राजा से शादी की थी, किसी भिखारी से नहीं।"
इशान चुप रहा। उसने सिर्फ उसकी आंखों में देखा। वह औरत जिसने एक समय उसके साथ जीवन भर साथ निभाने की कसम खाई थी, आज उसे सबसे बुरे समय में छोड़कर जा रही थी। उसका दिल टूटा, लेकिन उसकी आंखें सूखी रहीं। "अगर तुम सिर्फ मेरी दौलत से प्यार करती थी, तो तुमने कभी मुझसे प्यार किया ही नहीं।"

रात हो चुकी थी। वह आदमी, जो कभी सात सितारा होटलों में ठहरता था, आज एक ठंडी सड़क पर बैठा था। भूख—एक एहसास जिसे उसने पहले कभी असलियत में महसूस नहीं किया था। उसका जीवन हमेशा शाही व्यंजनों, व्यक्तिगत शेफ और महंगे डिनर से भरा था। लेकिन आज रात, उसके पास सिर्फ ₹500 थे और उसे नहीं पता था कि यह कितने दिनों तक चलेंगे।

वह एक सड़क किनारे खाने के ठेले के पास गया। "एक थाली का कितना है?" उसने पूछा।
"₹80," दुकानदार ने जवाब दिया।
इशान हिचकिचाया। अगर उसने अभी पैसा खर्च कर दिया, तो कल क्या करेगा? लेकिन उसका शरीर अब और सहन नहीं कर सकता था। उसने खाना मंगवाया।
पहली बार, उसने स्वाद के लिए नहीं, बल्कि जिंदा रहने के लिए खाना खाया।
उसे पता था कि यह तो बस शुरुआत है। असली लड़ाई अभी बाकी थी।

रात के 2:00 बजे, इशान एक पार्क की बेंच पर सोने की कोशिश कर रहा था। अचानक, एक चीख ने सन्नाटे को तोड़ दिया। उसने देखा कि कुछ गुंडे एक गरीब सब्जीवाले को पीट रहे थे।
"पैसे निकाल वरना जान से मार देंगे!" उनमें से एक चिल्लाया।
वह दुकानदार गिड़गिड़ाया, "साहब, मेरे पास कुछ नहीं है!"

इशान चुपचाप देखता रहा। उसका दिमाग कह रहा था, "इससे दूर रहो। अब तुम कमजोर हो।" लेकिन उसका दिल कुछ और कह रहा था।
एक अजीब ऊर्जा उसके भीतर दौड़ने लगी। इससे पहले कि वह कुछ सोच पाता, उसके कदम खुद-ब-खुद आगे बढ़ गए।
"इसे छोड़ दो," उसने शांत लेकिन मजबूत आवाज़ में कहा।

गुंडे हंस पड़े। "तू कौन है बे? हीरो बनने चला है?"
इशान चुपचाप खड़ा रहा। तभी एक गुंडा उस पर झपटा।
बिना सोचे-समझे, इशान ने उसकी कलाई पकड़कर इतनी जोर से मरोड़ा कि एक तेज़ चटाक की आवाज़ गूंज उठी।

बाकी गुंडे घबरा गए। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, इशान ने फिर से वार किया—तेज़, सटीक और ताकतवर। कुछ ही सेकंड में वे सब ज़मीन पर कराह रहे थे।
सब्जीवाले ने हैरानी से उसे देखा, "बेटा, तूने मेरी जान बचा ली!"
इशान ने कोई जवाब नहीं दिया। उसने बस अपना बैग उठाया और आगे बढ़ गया।

लेकिन अंदर से, कुछ बदल चुका था।
पहली बार, जब से उसने सब कुछ खोया था, उसे दर्द के अलावा कुछ और महसूस हुआ—उसे ताकत महसूस हुई।

वह अपनी दौलत खो चुका था, लेकिन वह अब भी इशान अग्रवाल था।
और वह फिर से उठेगा।

To be continue....