Saat fere Hum tere - Secound - 38 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ३८

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ३८

संजना ने और कुछ पुछा नहीं और अपना पैकिंग शुरू कर दिया और फिर विक्की ने देखा और समझ गया कि संजना नाराज़ हो गई है तो विक्की ने कहा संजू तुम नाराज़ हो क्या? कुछ बोलों।।संजना ने कपड़े बैग में रखते हुए बोली कि मुझे कोई नाराजगी नहीं है कोई अधिकार भी तो नहीं है।।विक्की ने कहा अरे बाबा ऐसा कुछ नहीं है कोई ज़रूरी काम आ गया है मुझे जल्दी ही यू एस पहुंचना होगा।
संजना ने कहा हां पैकिंग हो गई है चलें।विक्की ने अभी अपनी पैकिंग कर लिया और फिर दोनों होटल से चेक आउट करके चले गए।तीन घंटे बाद ही दोनों यू एस पहुंच गए।संजना पुरे समय चुप रही पर वो बेचैन हो गई थी कि ऐसा क्यों किया विक्की ने मेरे साथ वो वापस आ गए और फिर मुझे कुछ बताया भी नहीं कि हुआ क्या है?विक्की ने बंगले में पहुंच कर ही संजना को दरवाजे से ही कहा की मुझे अभी निकलना होगा तुम घर जाओ जाकर आराम करो।संजना ने कहा पर विक्की सब लोग हैं घर पर?विक्की ने कहा हां मैं जानता हूं मैं माया दी से बात करता हूं तुम प्लीज़ अपना बैग मैनेज कर लो। ओके!संजना रोने लगी पर वो चुप चाप सी बेल बजाया तो रैना ने दरवाजा खोला और बैग ले लिया और फिर बोली अरे मैडम आप?तभी माया आ गई और फिर बोली आओ संजना।संजना दौड़ कर माया के गले लग गई और रोने लगी।माया ने कहा अरे सम्हालो खुद को।देखो ऐसा हो सकता है कभी ,कभी ।संजना ने कहा हां पर मुझे कुछ बताया नहीं?माया ने कहा हां, कोई जरूरी बात होगा तुम तो बचपन से जानती हो उसे।फिर संजना अपने कमरे में चली गई।उधर आखिर विक्की को क्या पता चला है जो वो अपने हनीमून से वापस आ गया।रास्ते में ही अनिक अपनी कार में था।और फिर विक्की भी बैठ गया और फिर अनिक ने बोलना शुरू किया अरे सुनो मैंने नैना को एक लड़के के साथ देखा पर दोनों ही जख्मी हालत में थे।विक्की ने कहा हां ठीक है पर तुमको ये नहीं पता कि किस अस्पताल में भर्ती है?अनिक ने कहा अरे बाबा ये तो एक ही बात है ओक्सेनफोर्ड पोट में जाकर पता करते हैं।विक्की ने कहा हां ठीक है चलो।।विक्की ने कहा मेरा तो किस्मत ही खराब है जिसके लिए जीना चाहता था वो ही साथ छोड़ दिया इतना गुरूर इतना गुरूर अपनी खुबसूरती का था उसे।और जब शादी कर ली तो पता चला कि वो यहां है।क्या खेल खेला किस्मत ने मेरे साथ।।अनिक ने कहा हां ठीक है अब शान्त हो जा।फिर कुछ देर बाद दोनों पहुंच गए और काउंटर पर पुछताछ करने लगे और फिर काफी पुछताछ करने के बाद उसने जो बताया वो सुनकर विक्की चिल्लाने लगा।अनिक ने कहा "मेरे दोस्त"सम्हाल खुद को।।उस महिला ने कहा कि दोनों पुरी तरह से जल चुके थे बचाना मुश्किल था और फिर कोई था भी नहीं उनका इसलिए लावारिस समझ कर मशीन में दे दिया गया।और फिर उसमें एक लड़की थी जिसके हाथ में कंगन और अंगुठी था शायद आप इनको देख कर पहचान पाए?विक्की ने कहा हां ज़रूर हमें दिखाइए।फिर वो महिला ने फोन पर बात किया तो एक नर्स ने आकर वो‌ पैकट रख दिया और फिर विक्की ने कांपते हुए हाथों से वो पैकेट खोला तो देखा कि कंगन और अंगुठी था जो नैना को दादी मां ने दिया था। विक्की को समझते देर नहीं लगी कि ये कोई और नहीं नैना थी और वो हमेशा के लिए मुझे छोड़ कर चली गई कभी वापस नहीं आएगी।एक आस थी, पुरी प्यास थी, एक आहट सुनाई तो लगा कि तुम हो,पर अब तेरे साए का एहसास हुआ मुझे।।।मायुस हो कर दोनों जाकर गाड़ी में बैठ गए।विक्की ने कहा चल घर चलते हैं मुझे संजना से माफी मांगनी होगी।अनिक ने कहा हां दोस्त अब तक तो दो जिंदगी जी रहा था पर अब तो नैना चली गई और फिर संजना है अभी तेरी पत्नी।।फिर कुछ घंटो बाद बंगले में पहुंच गए।।और सब लोग डाईंग रूम में बैठ कर बातें कर रहे थे।सारा ने विक्की को देखते ही कहा अरे भाई आ गए।माया ने देखते ही कहा अरे विक्की,बस इतना बोलते ही विक्रम सिंह शेखावत एक टूटे हुए इन्सान की तरह माया के गले लग कर रोने लगा और फिर धीरे धीरे बोला दीदी सब कुछ खत्म हो गया नैना नहीं रहीं।।माया भी एकदम से चौंक गई और फिर बोली अरे तुम तो बहुत बहादुर जांबाज सिपाही हो ऐसा नहीं कर सकते हो।विक्की ने कहा कि हां ठीक कहा तुमने मैं ठीक हूं आप लोग खाना खाने बैठ जाइए मैं अभी आता हूं।।विक्की जब सीढ़ी चढ़ने लगा तो देखा कि संजना नीचे उतर रही थी दोनों की आंखें लाल थीं पर वजह अलग-अलग थी।संजना नीचे उतर गई और फिर सबसे बात करने लगी।अनिक, सागर,अमन, अतुल बिमल सब एक साथ बैठ गए खाना खाने और फिर इधर चाचा-चाची और सागर के पापा मम्मी भी बैठ गए एक तरफ सारा और सपना भी बैठ गई और फिर संजना भी उन दोनों के बीच बैठ गई।उधर विक्की बहुत देर तक शावर लेता रहा शायद इसलिए कि कुछ अतीत से बाहर निकल आए और फिर नैना की आत्मा की शांति की दुआ भी करने लगा शायद कुछ देर पानी के साथ आंसु भी बह गए क्या पता किसे की ये आंसु है या फिर पानी?.कौन जाने क्या क्या होता है लोग तो किसी से सच्चा प्यार करने में पुरी जिंदगी बिता देते हैं पर विक्की ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि उसके साथ संजना की जिंदगी जुड़ गई है और फिर विक्की कितने दिन अपने आप को रोक सकता है आखिर वो भी तो इंसान हैं उसका दिल धड़कता है, तड़पता है, मचलता है।।विक्की ने फैसला कर लिया कि अब वो संजना को वो प्यार देगा जिसका हक सिर्फ संजना को है और फिर विक्की नीचे खाना खाने बैठ गए और सबसे पहले की तरह बात चीत करने लगा।चाचू ने कहा क्यों विक्की हनीमून छोड़ कर आ गए? ऐसे ही क्यों?विक्की ने कहा हां, कुछ जरूरी काम था और फिर आप लोग नहीं थे तो अच्छा भी नहीं लग रहा था।सागर ने कहा हां,सच कहा तो ठीक है वापस जाने से पहले चलो फिर एक लम्बी टूर पर चले।सपना ने कहा वाह भाई क्या बात है? चाची ने कहा हां ठीक है सब चलेंगे।सब हंसने लगे। संजना चुपचाप सी प्लेट पर खाना चम्मच से हिला रही थी बस , विक्की सब कुछ समझ रहा था और फिर सब खाना खाने के बाद उठ कर बाहर टहलने लगे।विक्की ने इशारे से संजना को अपने पास बुलाया पर संजना देख कर अनदेखा कर दिया और सपना से बात करने लगी।।अतुल बिमल ने कहा दोस्त इस बार कहां जाना है?विक्की ने कहा हां,रुक लैपटॉप पर देखेंगे, वैसे कोई भी अपनी पसंदीदा जगह बता सकता है।।सपना ने कहा हां, हां इशारा तो संजना को किया जा रहा है।।माया ने कहा हां, समझदारो के लिए इशारा ही काफी है!विक्की ने कहा हां, कोई माने या न माने,जो कल तक थे अनजाने वो आज हमें जान से भी प्यारे हो गए।
सब लोग विक्की की तरफ देखने लगे और फिर माया ने कहा भाई गाना हो जाएं।।विक्की ने कहा हां क्योंकि चलो सब स्टडी रूम में चले ।।सब लोग पहुंच गए पर संजना नहीं गई और अपना फोन देखने लगी।विक्की ने गाना शुरू किया।।जाने क्या सोच कर नहीं गुज़रा।।हो जाने क्या सोच कर।।।दो घड़ी जीने की मोहलत तो मिली है सबको।तुम भी मिल जाओ घड़ी भर को ये कम लगता है।।सब ताली बजा कर खुशी जाहिर किया।।क्या विक्की अपना प्यार जता पाएगा अपनी बचपन की दोस्त पर।।क्या विक्की अपना सब कुछ देकर भी खुश नहीं रह पाएगा?क्या संजना को विक्की का सच्चा प्यार मिल पाएगा?ये सब जानने के लिए अगला अध्याय जरूर पढ़ें।क्रमशः