Murder in Malhotra Mansion - Part 1 in Hindi Detective stories by Rohan Beniwal books and stories PDF | मल्होत्रा‌ मेंशन में मर्डर - भाग 1

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मल्होत्रा‌ मेंशन में मर्डर - भाग 1


7 जनवरी,2025

मल्होत्रा मेंशन

7 जनवरी 2025 ,सुबह 7:30 बजे,
सर्द सुबह के सन्नाटे को एक खौफनाक चीख ने चीर दिया। मल्होत्रा मेंशन में नौकरानी सुनीता हमेशा की तरह राजेश मल्होत्रा के लिए नाश्ता लेकर उनके कमरे में पहुंची लेकिन जैसे ही उसने दरवाजा खोल उसका खून जम गया । राजेश मल्होत्रा का निर्जीव शरीर कुर्सी पर झुका हुआ था । उसकी चीख इतनी तेज थी कि कुछ ही पलों में घर में मौजूद सभी लोग राजेश मल्होत्रा कमरे में थे । कमरे मे उन्होंने जो भयानक दृष्य देखा उसने सबके होश उड़ा दिए थे ।

रंजीत की एंट्री

मैं हूं रंजीत, इंस्पेक्टर रंजीत। इस केस की जांच का जिम्मा मुझे ही सौंपा गया है और मैं ही आपका नरेटर भी हुँ ।

तकरीबन सुबह के 7:45 बजे मेरे पास कमिश्नर सर का फोन आता है कि शहर के जाने-माने बिजनेसमैन राजेश मल्होत्रा अपने कमरे में मृत पाए गए हैं और मुझे इस केस की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। मैं तुरंत रवाना हो गया और 20 मिनट में मेरी गाड़ी रंजीत मल्होत्रा के घर के सामने खड़ी थी, घर कहना ग़लत होगा क्योंकि वह किसी  महल से कम तो बिल्कुल भी नहीं था। फॉरेंसिक टीम व सब इंस्पेक्टर पवन  अपने साथियों के साथ पहले ही पहुंच चुके थे। मुझे देखते ही उसने सैल्यूट किया और अब तक की रिपोर्ट मुझे दी।

जैसे ही मैं राजेश मल्होत्रा कमरे में पहुंचा मैंने जो देखा वह कुछ इस प्रकार है-
मिस्टर मल्होत्रा का शव कुर्सी पर पड़ा था। उनकी आँखे खुली हुई थी और मानो लग रहा था कि किसी भी पल निकल सकती है। कुर्सी की बगल में रखी टेबल पर चाय का कप लूड़का हुआ था व चाय फैली हुई थी। फर्स पर एक कांच की शीशी भी पड़ी हुई थी और कमरे में एक हल्की बदामी महक फैली हुई थी। क्या यह साइनाइड है!मैंने सोचा। मैंने पवन से पूछा कि क्या मौत का कारण साइनाइड है। 
शुरूआती जांच मे तो यही पता चला है और सुसाइड नोट भी मिला है, उसने बताया ।
शुरुआती तौर पर जांच करने पर हमें यही लगा कि यह आत्महत्या का ममला है। लेकिन क्योंकि यह एक हाई-प्रोफाइल मामला था, तो मैंने सोचा क्यों ना एक बार रोहन की राय ले ली जाए।

केस में रोहन की एंट्री 

क्या मैंने अब तक आपको रोहन के बारे में नहीं बताया। इसके लिए मैं माफी चाहूंगा। रोहन एक प्राइवेट डिटेक्टिव है यह कहना भी गलत नही होगा की वह एक शौकिया डिटेक्टिव है।  वैसे तो रोहन एक आलसी, लापरवाह व गैरजिम्मेदार किस्म का आदमी है, पर जब बात केस की आती है तो उसका दिमाग बुलेट ट्रेन से भी तेज चलता है और उसकी नजरों से बच पान तो लगभग नामुमकिन है। 

वह आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंच गया। आते ही उसने मृतक का फिर कमरे का बारीकी से मुआयना किया और फिर परिवार के लोगों के चेहरों को पढ़ने की कोशिश करने लगा । इसमें वह सफल हुआ या नहीं कह पान मुश्किल है।

मैंने उसे बताया कि शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का ही लग रहा है।
उसने पूछा क्यों ?
क्योंकि हमें सुसाइड नोट मिल गया है और कारण साफ है कि वह है एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इसके अलावा जबरन जहर दिया गया हो इसका भी कोई सुराग नहीं मिला है। मैंने कहा। 
रोहन ने कहा पर कुछ तो अजीब है ‌।
मैंने हैरानी से पूछा क्या ?
यही कि चाय से साइनाइड की महक आ रही है, अगर उन्हें आत्महत्या करनी ही थी तो साइनाइड को चाय में मिलाने की क्या जरूरत थी यह तो वैसे भी इतना खतरनाक होता है कि‌ जीभ पर रखते ही इंसान की जान ले लेता है। उसने कहा। 
उसकी इस बात ने तो मुझे भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या यह वाकई में एक सुसाइड है या मर्डर। 
मैंने पूछा कि तुम कहना चाहते हो कि यह एक..
मेरी बात बीच में ही काटते हुए उसने कहा हो सकता है।
फिर उसने पूछा क्या सबके बयान ले लिए गए हैं। 
मैंने कहा नहीं। अब लिए जाएंगे क्या तुम..
उसने फिर बात काटते हुए कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है तुम खुद ही ले लो। शायद यह एक सुसाइड ही हो। हाँ, लेकिन इस जगह को सील कर देना और हो सके तो एक कांस्टेबल को भी यहां पर तैनात कर दो।
मैंने पूछा क्यूं ?
हो सकता है फिल्हाल हमसे कुछ छूट गया हो, जो इस केस के लिए अहम हो और हमारी गैरमौजूदगी में उसे ठीकाने लगाने की कोशिश की जा सकती है।
तुम सही कहारहे हो।और कुछ? मैंने पूछा ।
नहीं फिलहाल के लिए तो इतना काफी है।  मैं फिंगरप्रिंट रिपोर्ट्स का इंतजार करूंगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आने में तो टाइम लगेगा। यह कहकर वह चल दिया लेकिन जाने से पहले एक बार फिर घर के लोगों के हाव-भाव पढ़ने की कोशिश की। 

8 जनवरी,2025

फिंगरप्रिंट रिपोर्ट 

अगले दिन फिंगरप्रिंट रिपोर्ट्स लेकर मैं उसके घर के सामने खड़ा था।
फिंगरप्रिंट रिपोर्ट्स देखकर उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक आ गई मानो वह इसी का इंतजार कर रहा था।
उसने मुझसे पूछा की रिपोर्ट देखकर तुम्हें क्या लगता है।
मैंने कुछ देर सोचते हुए बोला कि मुझे रिपोर्ट्स एकदम नॉर्मल लगी। कांच की शीशी पर सिर्फ़ मिस्टर मल्होत्रा ‌ की उंगलियों के निशान मिले हैं और कप पर मिस्टर मल्होत्रा व मिसेज अंजलि मल्होत्रा के निशान मिले हैं जो की लाजमी है क्योंकि चाय अंजलि मल्होत्रा ने ही बनाई थी।
यही तो अजीब बात है मेरे दोस्त रोहन ने कहा।
यह की अंजलि के फिंगरप्रिंट्स मिले है मैंने पूछा। 
इस पर उसने हंसते हुए बोला नहीं मेरे दोस्त अजीब यह है कि साइनाइड की शीशी पर मिस्टर मल्होत्रा की अंगुलियों के निशान मले हैं।
मैंने‌  चोंकते हुए पूछा कि इसमें अजीब क्या है? 
यही कि मिमिस्टर मलत्रा लेफ्टी थे और शीशी पर उनके दाएं हाथ के प्रिंट मिले हैं और मान भी लो की मिस्टर मल्होत्रा ने साइनाइड की शीशी को दाएं हाथ से पकड़ा हो  फिर भी शीशी खोलने के लिए दूसरे हाथ का प्रयोग तो  किया ही होगा। उसने कहा।
उसकी बात में दम था। मैंने इस ओर  ध्यान ही नहीं दिया था।‌ शीशी पर दोनों हाथ के फिंगरप्रिंट्स मिलने चाहिए थे।
तो तुम कहना चाहते हो कि किसी ने मिस्टर मल्होत्रा का कत्ल किया है और कांच की शीशी पर मिस्टर मल्होत्रा के उंगलियों के निशान ले लिए। मैंने पूछा।
बिल्कुल सही जवाब बरखुरदार उसने कहा। 
यह बताओ कि मिस्टर मल्होत्रा की मौत का वक्त क्या रहा होगा। उसने पूछा।
मैं आश्चर्य से उसकी और देखते हुए पूछा कि तुमने अब तक नहीं पता ।
वह हंसते हुए बोला कि मैं कल पूछना भूल गया था।
तकरीबन सुबह के 5:30 व 6:30 के बीच। मैंने कहा। 
चलो मल्होत्रा मेंशन चलते हैं क्योंकि अब वक्त है सब से मिलने का, और यह कहकर वह मेरी गाड़ी मे जाकर बैठ गया।

मल्होत्रा मेंशन के लोगो  का परिचय

 क्या मैंने आपको मिस्टर मल्होत्रा के घर में रहने वाले लोगों के बारे में बता दिया ? ऑफ्हो मैं भी ना। 
मिस्टर मल्होत्रा के घर में रहने वाले लोगों का वर्णन कुछ इस प्रकार है -

मिस्टर मल्होत्रा-मिस्टर राजेश मल्होत्रा जिनका कत्ल हो गया, शहर के जाने-माने बिजनेसमैन थे और उनकी उम्र 65 वर्ष थी। 

 माही शर्मा - उम्र 30 वर्ष है। मिस्टर मल्होत्रा की दूसरी पत्नी है । (मिस्टर मल्होत्रा की पहली पत्नी सोनिया कुमार का 2 साल पहले स्वर्गवास हो गया था) 

अमित मल्होत्रा-यह मिस्टर मल्होत्रा का सबसे बड़ा बेटा है और उम्र 35 वर्ष है।

रोहित मल्होत्रा- मिस्टर मल्होत्रा का दूसरा बेटा और उम्र 32 वर्ष। अपने पिता के साथ इसकी नहीं बनती है क्योंकि गैर जिम्मेदार है और अय्यास किस्म का व्यक्ति है।

शाक्क्षी मलहोत्रा -मिस्टर मल्होत्रा की इकलौती बेटी, उम्र 27 साल है और तीनों भाई बहनों में सबसे काबिल भी यही है।

अंजलि मल्होत्रा-अमित मल्होत्रा की पत्नी है, उम्र 34 साल।

कनिका मल्होत्रा-रोहित मल्होत्रा की धर्मपत्नी है, उम्र 30 साल व एक जर्नलिस्ट है।

कार्तिक मल्होत्रा-अमित मल्होत्रा का बेटा है, उम्र 12 साल।
 ‌
काव्य मलहोत्रा-अमित मल्होत्रा की बेटी है, उम्र 10 साल।
 
अनिता-घर की नौकरानी है उम्र 33 साल। 

दयाराम-ड्राइवर है, उम्र 57 साल। 

शोभाराम-रसोईया है ,उम्र 45 वर्ष।

फूली देवी व रती राम- दंपति है और मल्होत्रा मेंशन के सबसे पुराने  नोकर है।

रोहन का परिचय

हम दोनों मल्होत्रा मेंशन के सामने खड़े थे।
अंदर जाने से पहले उसने मुझसे बोला की कत्ल हुआ है इस बात को अभी के लिए राज रखा जाए और यह कहकर वह अंदर चला गया। 
घर में प्रवेश करते ही मुझे सुनीता दिखाई दी। मैंने उसे घर के सभी लोगों को बुलाने के लिए कहा।
इत्तेफाक से सभी लोग घर में ही मौजूद थे।
मैंने रोहन का परिचय उन सब से कराया। 
वे लोग रोहन को कल भी देख चुके थे लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि वह मशहूर जासूस रोहन है।
वैसे तो रोहन इस काम में नया ही था लेकिन शंकर चौधरी मर्डर केस वह अल्बर्ट डायमंड रोबरी केस को सॉल्व करने के कारण वह लोगों की नजरों में आ गया था, और यही कारण था कि जब उन्हें पता चला कि रोहन इस केस की तहकीकात कर रहा है तो उन्हें बेहद आश्चर्य हआ पर जाहिर किसी ने नही किया।
इसके बाद एक-एक करके रोहन ने सबको इंटरोगेट करना शुरू किया।

इंटेरोगेशन

सबसे पहले रोहन ने माही शर्मा को बुलाया। 

रोहन-आप मिस्टर मल्होत्रा की पत्नी हैं।

माही-जी थी।(और वह रोने लगी)

 रोहन ने उसे संभालते हुए बोला कि देखिए मैं समझ सकता हूं कि इस वक्त आप पर क्या बीत रही है। लेकिन यह जरूरी है कि आप मेरे प्रश्नों का जवाब दे।

माही-लेकिन मैंने कल ही अपना बयान दर्ज कर दिया था।   

रोहन-मैं माफी चाहता हूं पर आपको दोबारा कष्ट उठाना पड़ेगा। 

माही -जी पूछिए आप क्या जानना चाहते हैं। (वह अपने आंसू पूछते हुए बोली)

रोहन -आप एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर है, सोशल मीडिया पर आपके 90 लाख से ज्यादा फॉलोअर है फिर भी आपने चार महीने पहले मिस्टर मल्होत्रा से शादी की जो आपसे उम्र में दुगने है ?
यह कहकर रोहन उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगा।

माही-जी प्यार उम्र देखकर नहीं होता,बस हो जाता  है।

रोहन-(अपनी हंसी को काबू करते हुए बोला) जी बिल्कुल। 

रोहन-क्या वसीयत में...

माही-(रोहन की बात को बीच में काटते हुए गुस्से में बोली) देखिए मिस्टर मैं समझ रही हूं आप बात को किसी और ले जाना चाहते हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि मैं राजेश जी से प्यार करती थी, उनके पैसों से नहीं इसलिए उनसे शादी की। और बात आती है वसीयत की तो मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। (यह कहकर माही उठकर जाने ही वाली थी कि रोहन ने थोड़े सख्त लहजे में उन्हें बैठने के लिए कहा और वह चुपचाप बैठ गई)

पता नहीं क्यों पर उसका गुस्सा मुझे बनावटी लगा।

रोहन-आप सुबह 5:30 से 6:30 के बीच कहां थी।

माही-अपने कमरे में।

रोहन-जी मैंने देखा कि मिस्टर मल्होत्रा औरआप ‌अलग-अलग रहते हैं, क्या मैं इसका कारण जान सकता हूं।

माही-राजेश जी लगभग 2 महीने से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ वक्त से उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह सीढ़ियां चढ़ने में भी असमर्थ हो चुके थे । यही कारण था कि वह नीचे रहते थे।

रोहन-आप कमरे में थी इसका कोई ऐलिबाई है आपके पास।

माही-जी हजारों। 

रोहन-मतलब। 

माही-मैं उसे वक्त लाइव स्ट्रीम कर रही थी।

रोहन उसका फोन देखता है। वह वाकई में लाइव स्ट्रीम कर रही थी और अपने कमरे में थी।

रोहन-जी आप जा सकती है। लेकिन जाने से पहले आपको बता दूं कि मिस्टर मल्होत्रा ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उनकी हत्या की गई है।

ऐसा कहकर रोहन रुक गया और माही को पढ़ने की कोशिश करने लगा। 

माही -(आश्चर्य से) क्या! आप कहना चाहते हैं कि मेरे राजेश जी की हत्या हुई है।

रोहन-(रोहन ने उसकी बात को अनसुना करते हुए कहा) जी आप जा सकती हैं लेकिन उसे तरफ से नहीं जहां घर के लोग इकट्ठा है।

इससे पहले की माही कुछ और कह पाती वहां मौजूद लेडी कांस्टेबल रोहन के इशारे पर उन्हें कमरे से बाहर ले जा चुकी थी।

 रोहन को देखकर लग रहा था कि वह खुश नहीं हैं। मानो वह जिसकी उम्मीद कर रहा था वैसा कुछ हुआ नहीं। 

एक लंबी सांस छोड़ते हुए उसने अमित को बुलवाय।

रोहन-कृपया बैठ जाइए 

अमित-जी धन्यवाद। 

रोहन-आपके पिता ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनका कत्ल हआ है।(इस बार रोहन ने शुरुआत में ही बम फड़ा)

अमित-(आश्चर्य से) क्या! पापा कि किसी ने हत्या की है।

रोहन-(एक नजर अमित के हाव-भाव को देखने के बाद पूछता है) आप कल सुबह 5:30 से 6:30 के बीच कहां थे। 

अमित-जी मैं कल सुबह 5:00 बजे ही ऑफिस के लिए निकल गया था एक जरूरी काम था।
 
रोहन-आपका ऑफिस कितनी दूरी पर है।

अमित- जी 40 मिनट की दूरी पर।

रोहन- क्या आपको किसी पर शक है?

अमित -जी नहीं। मुझे नहीं पता कि पापा को आखिरकार कौन मारना चाहेगा। 

रोहन-माही के बारे में आप क्या सोचते हैं। 

अमित-क्या आपको लगता है माही ने यह किया है। (उसने आश्चर्य से पूछा)

रोहन-जी नहीं यह बस एक सवाल है। 

अमित-जी मैं समझ रहा हूं कि आपने यह सवाल क्यों पूछा। पर मुझे नहीं लगता वह ऐसा कुछ कर सकती है। 

रोहन- कोई खास कारण ?

अमित-बस मुझे ऐसा लगता है।

रोहन-जी आप जा सकते हैं।

अमित जा ही रहा होता है कि वह पलट कर रोहन को बोलता है की कुछ दिनों से पापा परेशान थे।

रोहन -क्या आप इसका कारण जानते है।

अमित -जी नहीं।

रोहन- यह बात बताने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद अब आप जा सकते हैं, मैं इस पर जरूर गौर करूंगा।

रोहन ने अब रोहित को बुलवाया।

रोहन-गुड मॉर्निंग मिस्टर रोहित मल्होत्रा। 

रोहित-(थोड़ा चौंकते हुए) गुडमॉर्निंग।(शायद उसे इसकी उम्मीद नहीं थी)

रोहन-आप सुबह 5:30 से 6:30 के बीच कहां थे।
रोहित-जी जिम में था।

रोहन- आप कितने बज जिम केलए घर से निकले थे।

रोहित-जी तकरीबन 4:30 बजे।

रोहन-क्या आप रोज जिम जाते हैं।

रोहित-जी हां। 

रोहन - इसी वक्त। 

रोहित- जी हां।

रोहन-वापस कब लौटे।

रोहित-जी तकरीबन 7:30 बजे के आसपास।

रोहन-आपको क्या लगता है आपके पिता की हत्या किसने की होगी?

रोहित-क्या! आपका कहना है कि पापा की हत्या हुई है।

रोहन-जी हां। क्या आपकों किसी पर शक है? 

रोहित- मुझे लगता है, नहीं बल्कि मुझे यकीन है कि यह काम माही का है। मैं बता रहा हूं आपको उसने पापा से शादी सिर्फ पैसों के लिए की है। 

रोहन-जी मैं इस बारे में सोचूंगा। अब आप जा सकते हैं। 

रोहित के जाने के बाद मैंने रोहन से पूछा कि क्या अब शाक्क्षी  को बुलाउ।

इस पर रोहन ने बोला नहीं इसकी जरूरत नहीं है कल साक्षी दोपहर को मुंबई से जयपुर पहुंची थी इस बात की कोई संभावना नहीं है कि उसने जहर मिलाया होगा। और मैंने उसका बयान जो उसने पुलिस को दिया था पढा है उसमें कुछ भी अजीब नहीं लगा मुझे। हां अगर उसकी मुंबई से जयपुर आने वाली बात झूठी है तो कुछ कहा नहीं जा सकता।

तुम एक काम करो अंजलि और कनिका दोनों को एक साथ बुलाओ।

रोहन-क्या आप जानती हैं मिस्टर मल्होत्रा का कत्ल हआ है।

दोनों ने एक साथ कहा -क्या!

इस पर रहन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसे देखकर लगा कि वह उनके चेहरे पढ़ने की कोशिश कर रहा है। इस बार कुछ अलग था उसे देखकर लगा कि उसे केस की वह कड़ी मिल गई है जिसकी वह अब तक तलाश कर रहा था।
कुछ दर बाद रोहन ने बोला जी हां उनकी हत्या हई है।

दोनों के चेहरे इस कदर सफेद पड़ चुके थे जैसे मानो उन्होंने कोई भूत देख लिया हो।

रोहन-क्या आपको किसी पर शक है। 
दोनों ने एक साथ उत्तर दिया - नहीं ।

रोहन-आप दोनों जा सकती हैं।

उनके जाते ही मैंने रोहन से बोला कि मुझे तो इन्ही पर शक है। क्योंकि कनिका के बयान के मुताबिक वह सुबह तब तक अपने कमरे में ही थी जब तक उसने अनीता की  चीख है नहीं सुनी थी। लेकिन इससे साबित करने के लिए उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं है और अंजलि की बात करें तो उसी ने ही तो चाय बनाई थी।

इस पर रोहन हंसते हुए बोला कि शक करना अच्छी बात लेकिन बिना सबूत के कुछ कहना ठीक नहीं। 
फिर वह बोला कि क्या तुम मुझे बता सकते हो कि कल पूरे दिन तुमने क्या किया ओर साथ ही तुम मुझे हर एक चीज़ का सबूत भी दे सकते हो। 
रोहन की बात में दम तो था।
फिर मैंने रोहन से पूछा कि अब किसे बुलाना है।
इस पर  रोहन ने बोला कि किसी को नहीं। 6:30 तक सारे नौकर कॉटेज में ही थे । हां इसकी पुष्टि करनी बाकी है। लेकिन चिंता मत करो क्योंकि कॉटेज मेंशन के बाहर पीछे की तरफ है इसलिए मैंने पवन को बोल दिया है कि उस तरफ लगे सीसीटीवी कैमराज की फुटेज चेक करें।
इसके बाद उसने मुझसे कहा कि तुम मेरा इंतज़ार करो मैं अभी आया। 
मैंने पूछा तुम कहां जा रहे हो। 
बच्चों से बातचीत करने। तुम्हें पुलिस यूनिफॉर्म में देखकर वे शायद खुलकर बात ना कर पाए। 
यह कहकर में बच्चों की तरफ चला गया। उसने कुछ देर तक बच्चों से बात की उसके बाद वह रतिराम से बात करने चला गया। 
क्योंकि इस दौरान मैं उसके साथ नहीं था तो मैं यह नहीं बता सकता कि उसने क्या बात की हगी। लेकिन एक बात तो तय थी उसे यह तो पता चल गया था कि अब आगे उसे क्या करना है। 
रतिराम से बात करते ही वह मेरे पास आया और उसने पूछा की क्या तूमने नाश्ता कर लिया है । 
मैंने हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए नहीं मैं जवाब दिया। शायद मझे इसकी उम्मीद नहीं थी इसलिए मैं थोड़ा हैरान हुआ।
यह तो बहुत ही अच्छी बात है । मेरे घर से 10 मिनट की दूरी पर सेठ पन्नालाल के समोसे की दुकान है। बहुत ही लाजवाब समोसे व चाय बनता है। चलो चलते हैं। उसने कहा। 
मैं कुछ कहता उससे पहले ही उसने कहा फिलहाल के लिए यहां हमारा काम खत्म हो गया है और अब हमें यहां से चलना चाहिये। लेकिन पहले मैं अपने घर जाऊंगा क्योंकि मैं जिम से लौटा ही था कि तुम आ पहुंचे। समझे।

सेठ पन्नालाल की समोसों की दुकान

रोहन सेठ पन्नालाल की दुकान पर समोसे और चाय का मजा ले रहा था। वह समोसे वह चाय तो ऐसे खत्म किए जा रहा था जैसे वह जन्मों से भूखा हो। 

पांच समोसे व चार कप चाय खत्म करने के बाद उसने एक और समोसा और चाय लाने के लिए बोल दिया।
अब उसने मेरी तरफ ध्यान देते हुए कहा की माफ करना दोस्त पर  मुझे बहुत तेज भूख लगी थी। अब जाकर कहीं शांति मिली है। 
अगर शांति मिल गई हो तो हम कैसे की बात करले। मैंने थोड़ा सख्त लहजे मे कहा। हालांकि ऐसा नहीं है कि मैं उस पर गुस्सा था क्योंकि मैं उसकी खाने की आदत को जानता हूं। रोहन उन लोगों की श्रेणी में आता हैं जो खानें के लिए जीते है न कि जीने के लिए खाते हैं।
अब उसने भी थोड़ा सीरियस होते हुए कहा कि हां बिल्कुल। 
लेकिन वह बात करने ही वाला था कि उसकी एक और प्लेट समोसा और चाय आ गई। 
उसने समोसा और चाय उठाते हुए मेरी तरफ दखा और मुझसे बोला तुम लोगे।
मैंने ना में सिर हिलाया।
मैंने मन ही मन सोचा कि मुझे कुछ देर और इंतजार करना पड़ेगा ।
लेकिन ऐसा नहीं था उसने खाते-खाते ही मुझसे पूछा कि तुम्हें क्या लगता है कि हत्या किसने की होगी।
मुझे इस बात की उम्मीद नहीं थी वह इतनी जल्दी केस की बात करेगा इसलिए मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ।
मैंने कहा मुझे तो अंजलि मल्होत्रा पर ही शक है।
उसने कहा हो सकता है ।
तुम्हें किस पर शक है मैंने पूछा।
फिलहाल तो सब पर है।
माही शर्मा ने मिस्टर मल्होत्रा से शादी उनके पैसों के लिए की है ना कि वह उन्हें प्यार करती है। जब मैं उनसे बात कर रहा था मुझे तभी इस बात का अंदाजा हो गया था। लेकिन मानना पड़ेगा एक्टिंग बड़ी जबरदस्त करती है।
मुझे अमित पर भी शक है भले ही उसने दर्शाया नहीं पर उसकी अपने पिता से बनती नहीं थी।
रोहित मल्होत्रा भी हो सकता है क्योंकि रोहित मल्होत्रा का कैरेक्टर कोई खास अच्छा है नहीं।
मैंने आश्चर्य से उसकी बात बीच मैं काटते हुए कहा कि एक मिनट तुम्हें कैसे पता चला कि अमित की
उसने मुझे बीच मैं ही रोक दिया और बोला पहले सुन लो।
फिर उसने कहा अंजलि मल्होत्रा भी हो सकती है क्योंकि उसी ने चाय बनाई थी और जब मैंने उसे बताया की मिस्टर मल्होत्रा  का कत्ल हुआ है तो उसके चेहरे पर डर साफ-साफ देखा जा सकता था मानो उसकी गलती पकड़ी गई हो। 
शक तो मुझे कनिका पर भी है पर फिलहाल  मैं कुछ कह नहीं सकता क्योंकि  वह काफी चालाक मालूम पड़ती है और जब उसे पता चला कि मिस्टर मल्होत्रा का कत्ल हुआ है तो मुझे कुछ ऐसा अजीब उसके हाव-भाव से पता चला नहीं। शायद वो पहले से ही तैयार थी। 

और शाक्क्षी  मैंने पूछा। क्या तुम्हें उस पर शक नहीं है।
फिलहाल के लिए नहीं। क्योंकि वह तो इस शहर में ही नहीं थी । रोहन ने बोला।
हां यह बात तो है मैंने कहा। 
फिर उसने कहा तुम एक काम करो।
मैंने पूछा क्या? 
पता करो क्या‌ अमित सच में ऑफिस में ही था क्या और रोहित के बयान को भी क्रॉस चेक कर लेना ।
और मैं पता करता हूं की क्या शाक्क्षी वाकई में दोपहर को ही वापस लौटी थी। उसने कहा। 
ठीक है पर यह तो बताओ तुम्हें यह सब पता कैसे चला। मैंने पूछा।
इस पर उसने हंसते हुए कहा कि आज की जनरेशन के बच्चे बहुत चालाक होते हैं। और फिर वह काउंटर पर समोसे और चाय का भुगतान करने चला गया।

फॉरेंसिक रपोर्ट

शाम को रोहन क्रिकेट खेल रहा था जब मैं उसके पास पहुंचा।
मुझे देखकर उसने बोला क्या बात है ऐसी शक्ल क्यों बना रखी है । कोई भूत देख लिया क्या ?
ऐसा ही कुछ। फॉरेंसिक रिपोर्ट थमते हुए मैंने कहा ।
चाय के सैंपल वह कप की रिपोर्ट आ गई? रिपोर्ट लेते हुए उसने कहा। 
रिपोर्ट को देखकर तो एक बार उसे भी झटका लगा।
उसके चहरे की सारी हंसी गायब हो चुकी थी। 
इसका मतलब अब तक हमने जो भी जांच की वह गलत दिशा में थी उसने गंभीर स्वर में कहा।
मैंने हाँ में जवाब दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चाय मैं साइनाइड तो मिला है पर कप पर मिस्टर मल्होत्रा के सलाइवा के ट्रेसेस नहीं मिले हैं। उसने थोड़े गंभीर स्वर मैं कहा।
अब हमें जांच को एक एक नए नजरिए से देखना होगा मैंने बला।
यह केस तो वक्त के साथ पेचीदा होता जा रहा है। मैंने आगे कहा।
हां तुम सही कह रहे हो जितना सरल यह केस शुरुआत में लग रहा था उतना ही पेचीदा अब हो गया है ‌। ऐसा कहकर वह अपने ख्यालोंम खो गया।
अब हमें एक नए सिरे से जांच को शुरू करना पड़ेगा। उसे इस तरह खाया देखा मैंने बला।
कुछ देर सोचते हुए वह बोला क्या तुमने अमित और रोहित के बयानों को क्रॉस चेक किया‌।
हां मैंने कहा। दोनों के बयानों में ही कुछ गड़बड़ है। 
मतलब उसने पूछा। 
मतलब यह है कि दोनों के बयान तो सही थे पर उनके बताए समय में गड़बड़ थी। 
अमित ऑफिसत गया था पर वह 6:30 बजे ऑफिस पहुंचा था और रोहित 5:45 पर ही जिमस निकल गया था। मैंने उसे बताया।
अच्छा रोहन ने बोला।
पर उसके हाव-भाव देखकर ऐसा लगा की उसे इस बात का पहले से ही अंदाजा था।
अच्छा एक और बात बताऊं मैंने उसे बोला।
क्या ?उसने पूछा।
यह की रोहित मेंशन के बाहर लगे सीसी टीवी कैमरे में बाहर जाते तो दिख रहा है पर वापस आते नहीं दिखाई दे रहा।
क्या! रोहन ने आश्चर्य से मेरी ओर देखते हुए कहा। 
उसे देखकर लगा कि इसकी तो उसे भी उम्मीद नहीं थी।
फिर मैंने पूछा कि तुम भी तो शाक्क्षी के बारे में पता करने वाले थे ना?
उसका बयान सही था वह वाकई में मुंबई से जयपुर आई थी। पर 11:00 बजे पहुंच गई थी।
मैं चौंक कर बोला, क्या! पर उसने बोला की वह दोपहर को लौटी थी। 
मैंने इसके बारे में भी पता कर लिया है। तुम चिंता मत करो उसने बला।
वह 11:00 बजे पहुंच कर किसी नवजीवन NGO में गई थी। 
मैंने बोला यह तो वही NGO है ना जो लक्ष्मी वीहार मैं अनाथालय चलाता है।
हां, उसने कहा। 
वह वहां क्या करने गई होगी ?
किसी सवित्री देवी नाम की महिला से मिलने गई थी। क्यों मिलने गई थी यह तो सावित्री देवी जी ही बता सकती है।
अब हमें क्या करना चाहिए मैंने पूछा।
फिलहाल तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शायद मिस्टर मल्होत्रा का खराब स्वास्थ्य ही उनका मौत का कारण बना।
इसका मतलब मिस्टर मल्होत्रा की डेथ नेचरल थी। मैं थोड़ा चौंकते हुए पूछा।
नेचुरल डेथ थी या मर्डर था यह तो अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही बता सकती है। लेकिन चाय में साइनाइड का मिलना इस बात को तो साफ कर ही देता है की मिस्टर मल्होत्रा को मारने की कोशिश तो की गई है। उसने कहा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट कब तक आएगी? उसने पूछा। 
परसों सुबह तक आ जाएगी मैंने बोला। 
अच्छा। 
फिर वह कुछ सोचते हुए बोला कल हमें दो काम करने हैं।
क्या? मैंने पूछा।
पहले तो हमें सावित्री देवी से मिलना हगा और दूसरा हमें मिस्टर मल्होत्रा के वकील से भी मिलना है। मुझे उनसे कुछ सवाल करने है।
वसीयत के बारे में। मैंने पूछा।
हां।
ठीक है तो मैं कल दोपहर में उनसे मिलने का बंदोबस्त करता हूं । मैंने कहा।
ठीक है तो कल सुबह 6:00 में तुम्हारे घर के सामने ही तुम्हें मिल जाऊंगा।