Chingari jo Bujhi nahi - 1 in Hindi Short Stories by Sumit Sharma books and stories PDF | चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1

Featured Books
Categories
Share

चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1





प्रस्तावना:

हर किसी के भीतर कुछ जलता है...
कभी सपना, कभी पीड़ा, कभी अधूरा प्यार,
और कभी एक ऐसी उम्मीद —
जो ज़िन्दगी की राख से भी खुद को फिर जला लेती है।

उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी गाँव का लड़का, आरव, जिसने बचपन से पहाड़ों की छांव में रंगों और लफ़्ज़ों से दोस्ती कर ली थी।
वो मिट्टी में रंग मिलाकर पेड़ों को कैनवस बनाता, और दीवारों पर अपनी कविताएं लिख देता था।

पर गाँव में ऐसे "हुनर" को बेवकूफी कहा जाता था।
“ये सब शहरों में चलता है बेटा, यहाँ नहीं। यहाँ तो खेत, फावड़ा और सरकारी नौकरी चलती है।”

पिता की आँखों में सिर्फ बोझ दिखता था, माँ की आँखों में डर —
कि कहीं आरव भी उसी ख्वाबों के पीछे न भाग जाए जो कभी पूरे नहीं होते।

एक दिन आरव की एक कविता गाँव के स्कूल के दीवार पर लिखी मिली —

"मैं एक सपना हूँ,
जो दिन में जलता है
रात को रोता है
और सुबह फिर खुद को सहेज लेता है।"

वो कविता मिटा दी गई।

पर उसके अंदर जो चिंगारी थी — वो नहीं बुझी।

कॉलेज की लाइब्रेरी में पहली बार उसने सिया को देखा।
वो अकेली बैठी थी, और धीमी आवाज़ में खुद से कुछ गुनगुना रही थी।
उसके सामने एक फटी-सी डायरी थी, जिसमें गानों के बोल थे, लेकिन कहीं भी संगीत नहीं था।

आरव ने धीरे से कहा,
"शब्द तब तक अधूरे हैं, जब तक उन्हें कोई महसूस न करे।"

सिया ने उसकी ओर देखा, "और जो महसूस ही न कर पाए, उसका क्या?"
"तो फिर वो ही शब्द किसी और के दिल में उतर जाते हैं, जैसे तू उतर रही है अब मेरी कविता में।"

वो हँसी — पहली बार मुस्कुराई, और वही दिन दोनों के जीवन की दिशा बदल गया।

सिया एक छुपी हुई गायिका थी, जिसकी आवाज़ में दर्द था, और सपनों में संकोच।
आरव एक पेंटर और कवि था, जिसके अंदर जल रही चिंगारी अब किसी की मुस्कान से रोशनी लेने लगी थी।

दोनों ने मिलकर एक यूट्यूब चैनल बनाया —
“Chingari”
जहाँ सिया के गाने, आरव की कविताएं और उनकी मिलीजुली रचनात्मकता एक नये युग की शुरुआत बन गई।

कुछ महीने बाद, सिया की आवाज़ में कंपन आने लगा।
उसके गले में दर्द रहता, साँसें थकने लगीं।
जाँच में पता चला — "वोकल कोर्ड कैंसर"।

“आरव, अब मैं कभी नहीं गा सकूंगी... मेरी आवाज़... मेरा सब कुछ...”
वो टूटी, बेसुध होकर फूट-फूट कर रोई।

आरव ने उसे सीने से लगाकर कहा,
"चिंगारी कभी सिर्फ आवाज़ नहीं होती,
वो तो वो दर्द होता है जो बिना बोले भी पूरी दुनिया को जला देता है।"

दोनों ने मिलकर एक आखिरी वीडियो बनाया।
वो वीडियो बिना संगीत के था, बिना शोर के, सिर्फ आरव की आवाज़ और सिया की आँखें थीं।

"ये आवाज़ नहीं, एक आग है,
जो अब मेरी नहीं, तुम्हारी है।
अगर कभी हिम्मत हारे, तो इसे सुन लेना।
क्योंकि चिंगारी कभी मरती नहीं।"

ये लाइन आज भी लाखों दिलों में गूंजती है।

वीडियो वायरल हुआ।
लाखों लोग बोले — हमने दर्द सुना नहीं, जिया है।

सिया अब नहीं रही...
पर उसकी आँखों की चिंगारी, आरव के दिल में राख की तरह नहीं, चिराग की तरह जलने लगी।

आरव ने एक स्टूडियो खोला —
“Sparks of Sia”,
जहाँ टूटे दिल, खोए हुए सपने, और छुपे हुए कलाकार अपनी कला को आवाज़ देते हैं।

हर चित्र, हर कविता, हर सुर — अब किसी नए “चिंगारी” को जन्म देता है।

अंतिम पंक्तियाँ (Takeaway)

"चिंगारी वो नहीं जो बस जलती है,
चिंगारी वो है जो किसी और को भी जलाने का साहस दे।
वो पीड़ा से जन्म लेती है, प्रेम से बढ़ती है,
और कला में बदलकर अमर हो जाती है।"

           - लेखक: सुमित शर्मा 🙏