(जब उम्र की सरहदें इश्क़ के रास्ते में नहीं आतीं)
रणवीर, 32 साल का एक गंभीर और रौबदार व्यक्तित्व वाला आदमी, अपनी लाइफ में पूरी तरह से सेट था। उसका खुद का आर्किटेक्चर फर्म था, एक आलीशान अपार्टमेंट था, और सबकुछ परफेक्ट था बस एक चीज़ अधूरी थी… प्यार।
फिर एक दिन, उसकी मुलाकात आर्यन से हुई।
आर्यन 20 साल का, बिंदास, नटखट और बेपरवाह। वह एक कॉलेज स्टूडेंट था, जिसे आर्किटेक्चर में दिलचस्पी थी और जिसने इंटर्नशिप के लिए रणवीर की कंपनी में अप्लाई किया था।
रणवीर पहली ही मीटिंग में देख सकता था कि आर्यन में कोई अलग बात थी। उसकी आँखों में एक चमक थी, जो जिंदगी से भरी हुई थी। लेकिन सबसे ज्यादा परेशान करने वाली चीज़ यह थी कि… रणवीर उसकी तरफ खिंच रहा था।
इंटर्नशिप के दौरान, आर्यन और रणवीर की दोस्ती गहराने लगी।
"सर, आपको पता है, आप बहुत सख्त लगते हैं, लेकिन दिल के अच्छे हैं," आर्यन ने हंसते हुए कहा।
रणवीर ने हल्की मुस्कान दी। "और तुम्हें पता है, तुम बहुत बातूनी हो?"
"तो क्या आपको मेरी बातें पसंद नहीं आतीं?" आर्यन ने जानबूझकर आँखें झपकाईं।
रणवीर ने कुछ नहीं कहा, लेकिन अंदर ही अंदर वह जानता था उसे यह बातें अब अच्छी लगने लगी थीं।
एक दिन ऑफिस के बाद, बारिश हो रही थी। आर्यन बिना छतरी के ऑफिस से बाहर जाने लगा, तभी रणवीर ने उसे रोका।
"बिना छतरी के जाओगे तो बीमार पड़ जाओगे।"
"तो क्या करूँ?" आर्यन ने शरारत से पूछा।
रणवीर ने अपनी छतरी खोली और कहा, "चलो, मैं छोड़ देता हूँ।"
बारिश में चलते हुए, आर्यन अचानक फिसलने लगा। रणवीर ने उसे कसकर पकड़ लिया।
उनके चेहरे इतने करीब आ गए कि आर्यन की सांसें रणवीर के चेहरे को छू रही थीं।
"आप बहुत अच्छे लगते हैं, सर…" आर्यन ने धीमे से कहा।
रणवीर ने तुरंत अपनी पकड़ ढीली कर ली और कदम पीछे खींच लिए।
"यह गलत है, आर्यन… मैं तुमसे बहुत बड़ा हूँ।"
लेकिन आर्यन मुस्कुराया और कहा
"प्यार में उम्र नहीं देखी जाती, रणवीर।"
रणवीर कुछ नहीं कह सका।
एक रात, ऑफिस पार्टी के बाद, दोनों अकेले छत पर खड़े थे।
आर्यन ने शराब थोड़ी ज्यादा पी ली थी और हल्का-सा बहक रहा था।
"रणवीर… मुझे आपसे कुछ कहना है…"
रणवीर ने उसे संभालते हुए कहा, "आर्यन, तुम नशे में हो, जो भी कहोगे, उसका कल अफसोस होगा।"
लेकिन आर्यन ने रणवीर की शर्ट का कॉलर पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा और धीमे से कहा
"मुझे कोई अफसोस नहीं होगा, क्योंकि मैं आपसे प्यार करता हूँ।"
रणवीर एक पल को स्तब्ध रह गया। आर्यन की आँखों में एक सच्चाई थी जिसे वह झुठला नहीं सकता था।
लेकिन उसने खुद को रोकते हुए कहा
"यह सही नहीं है, आर्यन… मैं तुम्हारे लिए सही नहीं हूँ।"
आर्यन ने उसकी आँखों में झाँका और मुस्कुराया
"तो मुझे गलत होने दो, रणवीर…"
उसने धीरे से रणवीर की ठुड्डी ऊपर की और एक हल्का, मगर बेहद गहरा चुंबन उसके होठों पर रख दिया।
रणवीर ने एक पल के लिए खुद को छोड़ दिया… लेकिन फिर उसने खुद को पीछे खींच लिया और कहा, "यह नहीं हो सकता…"
और वह वहाँ से चला गया, आर्यन को अकेला छोड़कर।
रणवीर ने खुद को काम में डुबो लिया, लेकिन आर्यन का ख्याल उसके ज़ेहन से नहीं जा रहा था।
एक रात, आर्यन को बुखार हो गया। कोई उसे देखने वाला नहीं था। जब रणवीर को पता चला, तो वह तुरंत उसके घर पहुँचा।
"यह क्या हाल बना रखा है?" रणवीर ने चिंता से पूछा।
"कोई बात नहीं, वैसे भी अब आपको फर्क नहीं पड़ता, है ना?" आर्यन ने धीमे से कहा।
रणवीर ने कुछ नहीं कहा, बस उसके पास बैठ गया। उसने आर्यन का हाथ थामा, जो तेज़ बुखार से गरम था।
"मुझे फर्क पड़ता है, आर्यन… बहुत ज्यादा।"
आर्यन ने थकी हुई मुस्कान दी। "तो क्यों खुद को रोक रहे हो?"
रणवीर ने कोई जवाब नहीं दिया। उसने सिर्फ आर्यन को अपनी बाहों में समेट लिया और पहली बार खुद को पूरी तरह से उसके करीब जाने दिया।
उस रात, उनके बीच कोई दीवार नहीं रही न उम्र की, न समाज की, न किसी डर की।
रणवीर ने उसके माथे को चूमा और फुसफुसाया
"तू मेरा है, आर्यन… हमेशा के लिए।"
उस रात, जब रणवीर ने आर्यन को अपनी बाहों में लिया, तो पहली बार उसने अपने दिल की आवाज़ सुनी।
आर्यन की साँसें तेज़ थीं, उसके दिल की धड़कनें रणवीर के सीने से टकरा रही थीं। रणवीर ने धीरे से उसके चेहरे को अपने हाथों में लिया और उसकी आँखों में देखा वहाँ सिर्फ मोहब्बत थी… सिर्फ उसके लिए।
"तू मेरा है, आर्यन…" रणवीर ने फुसफुसाया और धीरे से अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए।
पहले यह एक हल्का, मगर गहरा एहसास था। लेकिन जैसे ही आर्यन ने उसकी कमर पर अपनी उँगलियाँ कसीं, रणवीर ने अपने अंदर की हर बंदिश तोड़ दी।
उनका प्यार अब सिर्फ शब्दों का मोहताज नहीं था… वह हर छुअन में था, हर साँस में था।
रणवीर ने धीरे से आर्यन को बिस्तर पर लिटाया और उसके गले पर हल्के से अपने होठों को फिराया।
आर्यन ने उसकी शर्ट की कॉलर पकड़कर उसे और करीब खींच लिया।
"अब मुझे रोकना मत, रणवीर…"
रणवीर ने कोई जवाब नहीं दिया। उसने सिर्फ उसकी गर्दन पर अपने होठों की गर्माहट छोड़ी, और धीरे-धीरे उसकी साँसों को महसूस करता गया।
उस रात, उनके बीच कोई दीवार नहीं रही न उम्र की, न समाज की, न किसी डर की।
सुबह जब आर्यन की आँखें खुलीं, तो वह रणवीर के सीने पर सिर रखकर सो रहा था। रणवीर की उंगलियाँ अब भी उसकी पीठ पर हल्के-हल्के घूम रही थीं।
"क्या अब भी डर है?" आर्यन ने मुस्कुराते हुए पूछा।
रणवीर ने उसकी उँगलियाँ अपने हाथों में लेते हुए कहा
"अब कोई डर नहीं… अब सिर्फ तू है, मैं हूँ… और हमारा प्यार।"
आर्यन ने हल्की हँसी के साथ उसे गले लगाया।
"तो अब हम हमेशा के लिए साथ हैं?"
रणवीर ने उसकी ठुड्डी ऊपर की और हल्के से उसके होठों को चूमा।
"हमेशा के लिए…"
और फिर… इश्क़ ने अपनी मुकम्मल शक्ल ले ली।
रणवीर और आर्यन की जिंदगी अब एक खूबसूरत सपने जैसी थी। उनके बीच कोई फासले नहीं थे, कोई डर नहीं था। लेकिन… प्यार जितना गहरा होता है, उसे आज़माने वाली मुश्किलें भी उतनी ही बड़ी होती हैं।
एक रात, जब दोनों अपने अपार्टमेंट में साथ डिनर कर रहे थे, तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी।
रणवीर ने दरवाजा खोला, और सामने उसका अतीत खड़ा था…
"अर्जुन?" रणवीर के चेहरे का रंग उड़ गया।
"कैसे हो, रणवीर?" अर्जुन ने हल्की मुस्कान दी, लेकिन उसकी आँखों में कुछ और ही था।
आर्यन दरवाजे के पास आ गया और उत्सुकता से देखने लगा।
"ये कौन है?" उसने धीरे से पूछा।
रणवीर ने एक लंबी साँस ली और कहा, "ये अर्जुन है… मेरा पहला प्यार।"
कई साल पहले, रणवीर अर्जुन के साथ था। वे कॉलेज में मिले थे और एक-दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे। लेकिन अर्जुन ने उसे छोड़ दिया था… बिना कुछ कहे, बिना कोई वजह बताए।
और अब… वह लौट आया था।
रणवीर अब भी सदमे में था।
"तुम यहाँ क्या कर रहे हो?" रणवीर ने कड़े लहजे में पूछा।
अर्जुन ने हल्की हँसी के साथ कहा, "तुमसे मिलने आया हूँ… और शायद फिर से तुम्हारा दिल जीतने।"
आर्यन की आँखों में कुछ जल उठा। उसने रणवीर का हाथ पकड़ लिया, जैसे उसे अर्जुन से दूर रखना चाहता हो।
"रणवीर अब अकेला नहीं है," आर्यन ने ठंडे लहजे में कहा।
लेकिन अर्जुन ने एक चालाक मुस्कान दी और कहा, "देखते हैं, कितनी जल्दी ये बदलता है…"
रणवीर जानता था कि अर्जुन की वापसी उनके प्यार के लिए खतरा बन सकती है। लेकिन वह यह भी जानता था कि… आर्यन उसके लिए अब सिर्फ एक मोहब्बत नहीं, बल्कि उसकी ज़रूरत बन चुका था।
अर्जुन के आने के बाद, रणवीर थोड़ा परेशान रहने लगा।
आर्यन ने उसे कई बार अर्जुन से बात करते देखा। उसकी बेचैनी बढ़ने लगी।
एक रात, आर्यन ने रणवीर को अर्जुन के साथ अकेले बैठे देखा। अर्जुन उसकी शर्ट की कॉलर को हल्के से ठीक कर रहा था, और रणवीर चुपचाप खड़ा था।
आर्यन से यह बर्दाश्त नहीं हुआ।
जैसे ही अर्जुन चला गया, आर्यन सीधे रणवीर के पास आया।
"तुम अब भी उससे प्यार करते हो, है ना?" उसने गुस्से से पूछा।
रणवीर ने उसकी आँखों में देखा, "पागल हो? मैं सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ।"
लेकिन आर्यन अब तिलमिला चुका था। उसने रणवीर की कॉलर पकड़ ली और उसकी तरफ खींचते हुए कहा
"तो मुझे साबित करके दिखाओ… अभी, इसी वक्त।"
रणवीर ने एक पल के लिए कुछ नहीं कहा… फिर उसने अचानक आर्यन को अपनी बाहों में भींच लिया।
"तुझे सबूत चाहिए, ना?"
उसने बिना इंतजार किए आर्यन को दीवार से सटा दिया और उसके होंठों को अपने होठों से ढक लिया।
यह सिर्फ एक किस नहीं थी… यह जुनून था, अधिकार था, प्यार का सबसे इंटेंस रूप था।
रणवीर ने धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर अपने होठों की छाप छोड़ी और उसकी कमर पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
"अब भी शक है?" उसने गहरी आवाज़ में पूछा।
आर्यन की साँसें तेज़ थीं, उसकी आँखें झुकी हुई थीं, लेकिन फिर भी उसने फुसफुसाकर कहा
"थोड़ा और…"
रणवीर ने हल्का-सा हँसते हुए उसे बिस्तर पर गिराया और उसके ऊपर झुक गया।
"आज सारी गलतफहमियाँ खत्म कर देते हैं, जान…"
उस रात… अर्जुन की परछाईं भी उनके इश्क़ को हिला नहीं पाई।
अर्जुन इतनी आसानी से हार मानने वालों में से नहीं था।
अगले दिन, उसने रणवीर को एक मीटिंग के लिए बुलाया।
जब रणवीर वहाँ पहुँचा, तो अर्जुन ने सामने एक पुराना खत रखा।
"यह देखो… और खुद फैसला करो कि तुम्हें किसके साथ रहना चाहिए।"
रणवीर ने खत खोला, और उसके चेहरे का रंग उड़ गया।
खत में लिखा था
"रणवीर, मैं तुम्हें कभी छोड़कर नहीं गया था… मुझे मजबूर किया गया था।"
"अगर तुम सच जानना चाहते हो, तो मेरे साथ एक आखिरी बार मिलो।"
रणवीर के हाथ काँपने लगे।
क्या वह अपने अतीत की सच्चाई जाने बिना आगे बढ़ सकता था?
क्या वह अपने और आर्यन के रिश्ते को एक पुराने राज़ के लिए दांव पर लगा सकता था?
"अब फैसला तुम्हारे हाथ में है, रणवीर…" अर्जुन ने कहा।
रणवीर अब दोराहे पर खड़ा था।
एक तरफ आर्यन था उसका आज, उसकी खुशी, उसका जुनून।
दूसरी तरफ अर्जुन था उसका अतीत, एक अनसुलझी पहेली, एक जख्म।
अब रणवीर को तय करना था कि वह किस रास्ते पर चलेगा…
उसने खत को देखा, फिर अर्जुन की आँखों में झाँका।
"अगर यह सच है, तो पहले दिन ही तुमने मुझे क्यों नहीं बताया?" रणवीर की आवाज़ में नाराजगी थी।
अर्जुन की आँखें नम हो गईं।
"क्योंकि मैं डरता था कि तुम मुझे माफ नहीं करोगे…"
रणवीर ने गहरी साँस ली।
"मुझे सच जानना होगा, लेकिन मैं अपनी जिंदगी का फैसला खुद करूंगा, अर्जुन।"
रणवीर ने अर्जुन के साथ मिलने का फैसला किया, लेकिन उसने यह आर्यन को नहीं बताया।
आर्यन को शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है। उसने रणवीर के फोन पर अर्जुन का मैसेज देखा
"कल रात मिलते हैं, तुम्हें सब बताना है।"
आर्यन का खून खौल गया।
"तो ये फिर से मुझसे कुछ छिपा रहा है?" उसने खुद से कहा।
उस रात, रणवीर एक पुराने होटल में अर्जुन से मिलने गया। लेकिन जैसे ही वह कमरे में दाखिल हुआ, अर्जुन का चेहरा उतरा हुआ था।
"रणवीर, हम मुश्किल में हैं… हमें धोखा दिया गया था।"
"क्या मतलब?" रणवीर ने चौंककर पूछा।
"तुम्हारे पापा को किसी ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने हमें अलग नहीं किया, तो तुम्हारी कंपनी और परिवार को तबाह कर दिया जाएगा। इसीलिए उन्होंने मुझे जबरदस्ती भेज दिया था…"
रणवीर का दिल धड़क उठा।
"किसने?"
अर्जुन ने एक नाम लिया, और रणवीर की आँखें चौड़ी हो गईं।
"नहीं… यह सच नहीं हो सकता…"
उसी समय, आर्यन होटल पहुँच गया। उसने दरवाजे की दरार से देखा
रणवीर और अर्जुन आमने-सामने बैठे थे, और अर्जुन ने रणवीर का हाथ पकड़ रखा था।
आर्यन के दिमाग में बिजली कौंधी "तो यह सब झूठ था? रणवीर मुझे धोखा दे रहा है?"
उसका दिल टूट गया। बिना कुछ कहे, वह वहाँ से चला गया।
जब रणवीर घर पहुँचा, तो उसे आर्यन का फोन बंद मिला।
वह घबराया और सीधे उसके घर पहुँचा।
दरवाजा खुला था। अंदर अंधेरा था। उसने लिविंग रूम में आर्यन को देखा एक हाथ में शराब की बोतल, आँखों में आँसू।
रणवीर ने घबराकर उसके पास जाकर कहा, "आर्यन, तुम ठीक हो?"
आर्यन ने उसकी तरफ देखा उसकी आँखों में अब प्यार से ज्यादा दर्द था।
"क्या तुम मुझे छोड़ने की सोच रहे हो, रणवीर?"
रणवीर का दिल चीर उठा।
"पागल हो? मैं तुमसे प्यार करता हूँ। अर्जुन सिर्फ…"
"तो फिर तुम मुझसे छिपाकर उससे मिलने क्यों गए?"
रणवीर चुप हो गया।
आर्यन उठकर उसकी तरफ बढ़ा और उसकी शर्ट की कॉलर पकड़ ली।
"मैं तुम्हारे लिए सब कुछ छोड़ने को तैयार था, लेकिन तुम? तुमने मुझे सबसे बड़ा डर दिखा दिया धोखे का डर!"
रणवीर ने उसकी कमर पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा।
"मैंने तुम्हें धोखा नहीं दिया, आर्यन! मैं सच का पता लगा रहा था!"
आर्यन की आँखों में आँसू छलक आए।
"मुझे अब भी तुम पर भरोसा है, रणवीर… लेकिन अगर तुमने मुझे छोड़ने का फैसला किया, तो बता दो। मैं खुद ही चला जाऊँगा।"
रणवीर ने उसके होठों को अपने होठों से चुप करा दिया।
यह किस किसी वादे की तरह था गहरा, जुनूनी, और बेइंतहा मोहब्बत से भरा।
"तू मेरा है, आर्यन… और मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा।"
अगले दिन, रणवीर ने अपने परिवार से सच्चाई पूछी।
"क्या तुमने सच में अर्जुन को धमकी दी थी?"
उसके पिता ने नजरें झुका लीं।
"हमने तुम्हें बचाने के लिए किया, रणवीर… दुनिया ऐसे रिश्तों को नहीं अपनाती।"
रणवीर की आँखों में गुस्सा और दर्द था।
"अगर आप मुझसे प्यार करते, तो मेरे प्यार की इज्जत करते।"
वह आर्यन के पास लौटा और उसे कसकर गले लगा लिया।
"अब कोई हमें अलग नहीं कर सकता।"
आर्यन मुस्कुराया, और पहली बार उसने खुद को पूरी तरह से रणवीर के हवाले कर दिया दिल से, आत्मा से, और जिस्म से।
उस रात… उनकी मोहब्बत सिर्फ एक अहसास नहीं रही, वह एक सच बन गई।
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