Hamara Dil Aapke Paas he - 1 in Hindi Love Stories by Sunita books and stories PDF | हमारा दिल आपके पास है - चैप्टर 1

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हमारा दिल आपके पास है - चैप्टर 1

शादी का जश्न और पहली नज़र का प्यार

मुंबई के एक शानदार फार्महाउस में शादी की धूम मची हुई थी। पूरे माहौल में खुशियों की चहक थी, मेहमानों की हंसी-ठिठोली गूंज रही थी, और रंग-बिरंगी रोशनी में हर चेहरा जगमगा रहा था। लॉन के चारों ओर रेशमी पर्दों और फूलों की सजावट थी, हवा में गुलाब और चमेली की हल्की खुशबू तैर रही थी।

शहनाई की मधुर धुन के बीच हल्की बूंदाबांदी हो रही थी, जिससे माहौल और भी सुहावना लग रहा था। हर तरफ मेहमानों की चहल-पहल थी, कोई फोटोज क्लिक करवा रहा था, तो कोई खाने-पीने में मस्त था। डांस फ्लोर पर धमाल मचा हुआ था, जहां दोस्त और रिश्तेदार मिलकर डांस कर रहे थे।

इसी बीच, एक लड़की मंच की ओर बढ़ी। उसने पिंक कलर की सिल्क साड़ी पहनी थी, जिसके बॉर्डर पर सुनहरी कढ़ाई थी। जैसे ही उसने स्टेज पर कदम रखा, पूरे हॉल में एक अजीब-सी खामोशी छा गई। संगीत की धुन पर जब उसने अपने नाजुक कदम बढ़ाए, तो सभी की निगाहें उसी पर ठहर गईं। उसकी हर अदा में एक अलग-सी कशिश थी, उसकी चाल में एक अनोखी नजाकत थी।

उसके लंबे, खुले बाल उसकी हर हरकत के साथ लहराते और हवा उसकी शोख अदाओं को और निखार देती। उसकी गहरी, कजरारी आँखें जब किसी को देखतीं, तो लगता जैसे किसी ने मन में हलचल मचा दी हो। उसके डांस में ऐसा आकर्षण था कि सबकी निगाहें उसी पर टिक गईं।

अभय की पहली नज़र

इसी शादी में अभय भी मौजूद था। वह अपने करीबी दोस्त को शादी की बधाई देने आया था। अभय का व्यक्तित्व बेहद आकर्षक था—लंबा कद, चौड़ा सीना, चमकदार आँखें, और आत्मविश्वास से भरी हुई चाल। जब वह दोस्तों के साथ हंस-बोल रहा था, तभी उसकी नज़र स्टेज पर डांस कर रही उस लड़की पर पड़ी।

समय जैसे थम सा गया।

चारों ओर की आवाज़ें धीमी पड़ गईं। लोगों की चहल-पहल, संगीत की धुन, हंसी-मज़ाक—सब कुछ पृष्ठभूमि में चला गया। उसकी आंखों के सामने सिर्फ वही लड़की थी।

"ये कौन है?" अभय ने बिना अपनी नजरें हटाए दोस्त से पूछा।

"नेहा की सहेली है, जूही भल्ला।" दोस्त ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

जूही—नाम सुनते ही अभय के दिल की धड़कन और तेज हो गई। वह मंत्रमुग्ध होकर उसे देखता रहा। जब जूही ने अपने लंबे घने बालों को झटका, तो उसकी खुशबू जैसे हवा में घुल गई। अभय को पहली बार किसी के लिए ऐसा महसूस हुआ था।

डांस खत्म होने के बाद जूही थककर एक टेबल के पास आई और जूस का गिलास उठाया। उसने धीरे-से पहला घूंट लिया, और अभय की निगाहें उसकी हर अदा पर टिकी हुई थीं। जब उसके होंठ गिलास से छूते, जब उसकी आंखें हल्की बंद होकर जूस का स्वाद महसूस करतीं, तब अभय को महसूस हुआ कि उसने कभी किसी को इतने करीब से महसूस नहीं किया।

"अभय! कहाँ खो गया?" दोस्त ने उसकी चुटकी ली।

अभय ने झटके से सिर हिलाया और मुस्कुराकर कहा, "कुछ नहीं..." लेकिन उसके भीतर कुछ बदल चुका था।

एक इत्तेफाक या साजिश?

अभय की नज़रों में जूही को और करीब से देखने की चाहत थी। वह कुछ सोच ही रहा था कि तभी एक वेटर उसके पास आया। अभय ने धीरे से उसके कान में कुछ कहा। वेटर ने सिर हिलाया और आगे बढ़ गया।

वह वेटर सीधा जूही के पास पहुंचा और जानबूझकर उससे टकरा गया। ड्रिंक उसके कपड़ों पर गिर गया।

"ओह!" जूही चौंक गई और अपनी साड़ी देखने लगी। हल्का सा दाग पड़ चुका था।

"सॉरी, मैम!" वेटर ने माफी मांगी।

"इट्स ओके," जूही ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया।

उसने वेटर से वॉशरूम का रास्ता पूछा।

"उस तरफ, मैम," वेटर ने इशारा किया।

जूही बताए गए रास्ते पर बढ़ गई। वह एक गलियारे में पहुंची, जहां दोनों ओर लकड़ी के दरवाजे थे। माहौल थोड़ा शांत था, क्योंकि ज्यादातर मेहमान हॉल में थे। वह एक कमरे में घुसी और सीधे बाथरूम की ओर चली गई।

उसने नल खोला और अपनी साड़ी पर हल्का पानी डालकर दाग साफ करने लगी। आईने में खुद को देखते हुए वह हल्के-से मुस्कुराई। लेकिन तभी...

कमरे के बाहर धीमे कदमों की आहट हुई।

जूही ने कान लगाकर सुना। कोई धीरे-धीरे दरवाजे के पास आ रहा था।

उसका दिल जोर से धड़कने लगा।

क्या यह कोई संयोग था? या किसी की सोची-समझी चाल?

दरवाजे के बाहर खड़ा शख्स कौन था?

जूही की सांसें तेज हो गईं। वह धीरे-से दरवाजे के करीब आई और हल्के-से उसे खोलने की कोशिश की।

दरवाजे के बाहर अभय खड़ा था।

जूही और अभय की नज़रें मिलीं। कुछ पलों के लिए दोनों के बीच एक अजीब-सी खामोशी छा गई।

अभय कुछ कहना चाहता था, लेकिन शब्द उसके होंठों तक नहीं आ रहे थे।

जूही भी चुपचाप उसे देख रही थी।

क्या यह महज एक इत्तेफाक था, या कुछ ओर

जूही इस वक़्त वाशरूम के दरवाजे पर खडी थी उसका पल्लू थोड़ा पानी से भीगा था | तभी साड़ी का वही पल्लू अचानक ही खिसक कर कंधे से नीचे आकर कलाइ पर टिक गया | जूही के सामने खड़ा अभय ये सब देख रहा था जूही ने देखा  अभय उसे ही घूर रहा था वो थोड़ा असहज होकर अभय से बोली, "एक्सक्यूज मी तुम कौन और यहां क्या कर रहे हो, " जूही ने कहा | "तुम वहां बहोत खुबसूरत डांस कर रहीथी और इस साड़ी में भी बहोत हाॅट लग रहु हो, " अभय ने आंखों में आंखे डाल कर कहा "| अभय कि बात सून जूही को अच्छा नही लगा | अभय अपनी आंखों से जूही को ऊपर से नीचे तक देख रहा था उसकी नजर जूही के शरीर के हर हिस्से को छूकर निकल रही थी | जूही जैसे ही अपने पल्लू को सभाल कर कमरे से जाने लगी अभय ने उसके खिंच कर दिवार से सटा देता है | अभय ने एक बार फिर जूही का पल्लू कंधे से सरका दिया और अपने दोनों हाथों को दिवार पर जूही के इरद गिरद  टेक दिये | जूही कि दिल कि धड़कन डर से तेज हो चुकी थी उसे अभय के मुंह से शराब कि महक आ रही थी | "आर यू  ड्रांक.... ",जूही ने घबरा कर कहा | "हां लेकिन मैं नशे में नहीं हूं, " आंखों में आंखे डाल कहा | इस वक़्त दोनों के होठों आमने सामने थे जूही कि गरम सांसे जब अभय के चेहरे पर पडती तो वो उसे ओर अच्छे से महसूस कर एक पल को आंखे बंद कर लेता | "डरो नहीं, " अभय ने कहा |"देखो मुझे जाने दो वरना मैं अभी शोर मचा कर सभी को इकट्ठा कर लूगी फिर जो तुम्हारे साथ जो होगा उसके कसूर वार तुम खुद रहोगे, " जूही ने कहा |अभय से बात करते हुए जूही कि एक बालों कि एक लट चेहरे पर आ गई, ये देख अभय फूंक मार कर उस लट को चेहरे से हटाने कि कोशिश करता है जिससे जूही अपना चेहरा थोड़ा दूसरी ओर घूमा लेती है |