Ishq da Mara - 80 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 80

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इश्क दा मारा - 80

यूवी की बात सुन कर गीतिका चौक जाती है और बोलती है, "इतनी रात में कहा जाना है ????

तब यूवी बोलता है, "जहां मैं ले कर जा रहा हूं "।

तब गीतिका बोलती है, "और आप मुझे कहा ले कर जा रहे हैं"।

तब यूवी बोलता है, "वो मैं क्यों बताऊं "।

चलो अब जल्दी से उठो और अपने बाल ठीक करो और मुंह धो लो "।

उसके बाद गीतिका अपने बालों को ठीक करती है और मुंह धो कर विराट के साथ छत पर आ जाती है। विराट छत के रास्ते से गीतिका को नीचे ले कर आता है और अपनी बाइक पर बैठा कर ले जाता है।

तब गीतिका दोबारा बोलती है, "बताइए न आप मुझे कहा पर ले कर जा रहे हैं ????

तब यूवी बोलता है, "चुप चाप बैठी रहो और जहां पर ले कर जा रहा हूं चुप चाप चलो"। 

थोड़ी देर बाद यूवी एक पेड़ के पास अपनी बाइक खड़ी करता है और गीतिका का हाथ पकड़ कर उसे ले कर जा रहा होता है।

यूवी गीतिका को एक बहुत बड़े तालाब के पास ले कर आता है और उस तालाब में चांद पूरा नजर आ रहा था। वहां पर चारों तरफ अंधेरा होता है और तालाब के अंदर चांद की रोशनी होती है जो दिखने में बहुत ही अच्छी लग रही होती है।

गीतिका ये देख कर बहुत ही खुश हो जाती है और बोलती है, "वाओ यूवी ये नजारा कितना अच्छा लग रहा है"।

तब यूवी बोलता है, "पसंद आया ????

तब गीतिका खुश हो कर बोलती है, "बहुत पसंद आया, कितना सुकून मिल रहा है यहां पर, और कितनी शांति है और हम दोनों के अलावा कोई भी नहीं है यहां पर"।

यूवी गीतिका को खुश देख कर उसे सुकून मिल रहा होता है क्योंकि उसने जो गीतिका की हालत देखी थी उसकी वजह से वो बहुत ही परेशान था। तब यूवी बोलता है, "एक बात बोलूं "।

तब गीतिका बोलती है, "बोलिए ?????

तब यूवी बोलता है, "मैं तुम्हारी गोद में सर रख कर सो जाऊ"।

तब गीतिका हा मे सर हिलाती है। उसके बाद गीतिका वहां पर बैठ जाती है और यूवी उसकी गोद में बैठ जाता है और गीतिका को देखने लगता है। गीतिका भी यूवी को देखती रहती है।

थोड़ी देर बाद गीतिका बोलती है, "यूवी मुझे यहां पर बहुत अच्छा लग रहा है"।

तब यूवी बोलता है, "तभी तो यहां पर लाया हु "।

तब गीतिका बोलती है, "एक बात बोलनी थी मुझे"।

तब यूवी बोलता है, "हा बोलो ????

तब गीतिका बोलती है, "मैने आज अच्छे से खाना नहीं खाया था और मुझे अब बहुत भूख लग रही है और मेरा मन आपके हाथ से बने खाने का मन कर रहा है"।

तब यूवी बोलता है, "तो तुम्हे पहले बोलना चाहिए था न बच्चा, मैं तुम्हारे लिए कुछ बना कर ले आता, अच्छा बताओ क्या खाना है। ????

तब गीतिका बोलती है, "अब क्या फायदा अब कहा से लाएंगे आप खाना"।

तब यूवी बोलता है, "तुम बताओ तो सही, क्या खाना है "।

तब गीतिका बोलती है, "मुझे चिल्ली पनीर और पराठा खाना है"।

उसके बाद यूवी उसकी गोद से उठता है और खड़ा हो जाता है और हाथ पकड़ कर गीतिका को भी खड़ा कर देता है और बोलता है, "चलो"।

तब गीतिका बोलती है, "कहा ?????

तब यूवी बोलता है, "तुम बस चलो और सवाल मत करो "।

उसके बाद गीतिका यूवी की बाइक पर बैठ कर चली जाती है।

थोड़ी देर बाद युवी अपने उस घर में पहुंच जाता है जहां पर वो पहले गीतिका को ले कर आया था । वहां पर पहुंच कर गीतिका बोलती है, "आप मुझे इस टाइम यहां पर क्यों लाए हैं, अगर घर में कोई मुझे देखने आ गया और मैं नहीं मिली तो"।

उसके बाद यूवी टीवी ऑन कर देता है और बोलता है, "तुम चुप चाप टीवी देखो "।

तब गीतिका बोलती है, "और आप कहा जा रहे हैं  ????

यूवी कुछ भी नहीं बोलता है सीधा किचन में चला जाता है।

थोड़ी देर बाद.....

गीतिका का टीवी देखने का मन नहीं करता है और वो बोर हो जाती है। तभी वो उठ कर किचन में जाती है और देखती है कि यूवी खाना बना रहा होता है।

तभी गीतिका बोलती है, "यूवी आओ इतनी रात में खाना बना रहे हैं"।

गीतिका को किचन में देख कर यूवी गुस्सा करने लगता है और बोलता है, "बच्चा तुम यहां पर क्या कर रही हों, मैने मना किया था ना तुम्हे यहां पर आने के लिए, चलो जाओ, यहां कितनी गर्मी हो रही है और तुम्हारे ऊपर तेल वगैरह गिर जाएगा "।

तभी गीतिका पीछे से ही यूवी को गले लगा लेती है और बोलती है, "I Love You यूवी, मैं सच में कितनी खुशनसीब हूं कि मुझे आप मिले "।

तब यूवी बोलता है, "बच्चा ये रोमांस करने की जगह नहीं है जाओ यहां से देखो मेरा बेलेंस बिगड़ जाएगा "।

तब गीतिका बोलती है, "मैं नहीं जाऊंगी मैं यही पर ही रहूंगी " ।

तब यूवी बोलता है, "बच्चा जिद मत करो और मुझे गुस्सा मत दिखाओ चलो जाओ यहां से और जा कर कमरे में बैठ जाओ मैं बस आ रहा हूं "।

उसके बाद गीतिका कमरे में चली जाती है।

थोड़ी देर बाद यूवी चिल्ली पनीर और पराठा ले कर आता है। खाने को देख कर गीतिका बहुत ही खुश होती है और बोलती है, "मुझे बहुत भूख लग रही है चलिए अब जल्दी से मुझे खिलाइए"।

उसके बाद यूवी गीतिका को अपने हाथों से खाना खिलाने लगता है। गीतिका बहुत ही खुश होती है और बड़े ही आराम से खाना खा रही होती है।

थोड़ी देर बाद.......

गीतिका खाना खा लेती है। तब यूवी बोलता है, "चलो बच्चा "।

तब गीतिका बोलती है, "अब कहा जाना है ?????

तब यूवी बोलता है, "घर और कहा "।

तब गीतिका बोलती है, "मैं यहां पर हमेशा के लिए कब आऊंगी ?????

तब यूवी बोलता है, "बहुत जल्दी ही"।

उसके बाद यूवी गीतिका को ले जाता है।

सुबह होती है..........

राधा किचन में खाना बना रही होती है। तभी रानी उसके पास आती है और उससे लड़ने लगती है और बोलती है, "दीदी तुमने मेरी पायल चुराई है न"।

तब राधा रानी को देखती है और बोलती है, "मैने चुराई नहीं ली है"।

तब राधा बोलती है, "इसे लेना नहीं चुराना कहते हैं, और तुम्हारी आदत गई नहीं न चुराने वाली, अब तो तुम्हारी शादी हो गई है अब तो मेरी चीजें मत चुराओं"।

तब राधा बोलती है, "मैने चुराई नहीं है ली है और क्या हो गया जो मैने तुम्हारी पायल ले ली, मेरा पहनने का मन कर रहा था "।

तब रानी बोलती है, "हा तो अपने पति से बोलो कि तुम्हे पायल पहननी है मेरी क्यों चुरा रही हो "।

ये सुनते ही राधा को बहुत ही गुस्सा आता है और वो गुस्से में पायल उतारती है और रानी की तरफ फेक कर दे देती है।

ये देखते ही रानी चौक जाती है..............