Monster the risky love - 36 in Hindi Horror Stories by Pooja Singh books and stories PDF | दानव द रिस्की लव - 36

Featured Books
Categories
Share

दानव द रिस्की लव - 36

अचानक अदिति को क्या हुआ...

…….Now on ……..

 
तक्ष : मुझसे दूर रहना ही तुम्हारे और अदिति के लिए सही है...(चला जाता हैं)...
विवेक : you….…
कंचन : ये क्या बोल गया.…तुम्हारे और अदिति के लिए सब है......
विवेक : अदिति को तो मैं कुछ नहीं होने दूंगा...guys तुम्हें बताया था न मैंने मुझ-पर हमला हुआ था.....!
तीनों ने एक साथ हां कहा.….(विवेक बीती हुई सारी बातें सबको बता देता है)
हितेन : सच में वो तेरे इस लाकेट की वजह से तुझे छु नही पाता....
विवेक : हां ….
श्रुति : ऐसा कैसे हो सकता है ….वो तुम्हें कहां से …नरभक्षी लगती है..
विवेक : अब तुम भी अदिति की जैसे नासमझ बन रही हो..
हितेन : मुझे भाई ऐसा ही लगता श्रुति ठीक कह रही है. ….बिना सबुत के तो हम भी कुछ नहीं कह सकते …..
विवेक : तो क्या सबुत देखना चाहोगे.....
हितेन : कैसे दिखाओगे......?
विवेक : इसी लाकेट से …....
श्रुति : चलो दिखाओ फिर.......
कंचन : विवेक सबुत बाद में दिखाना पहले जाओ अदि के पास जो गुस्से में यहां से गई है.....
हितेन : right .....विवेक जा तू.....
विवेक : हां …. (मन में) तक्ष से दूर रहना अदिति के लिए सही होगा ......मैं कैसे पता करू आखिर क्या है ये तक्ष ....?.....bye see you tomorrow......
All : bye ......
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
Door bell ring......
अदिति : ताई  देखो कौन में ....(तक्ष ऊपर जाते जाते रूक गया).....
बबिता : दीदी जी...... विवेक बाबू है.....
अदिति : क्यूं आऐ हो.....?
विवेक : सोच रहा था घुमने जाऊं अकेले मन नहीं था तो आ गया......
अदिति : (नजरअंदाज करते हुए कहा).....जाओ फिर श्रुति को (बीच में रोक दिया)
विवेक : क्या क्या श्रुति श्रुति कर रही हो.. अगर मैंने कुछ कह दिया तो उसके support में तो सही नही है.... यार वो भी तो friend है 
अदिति : तो ठीक है न जाओ फिर....मैं कुछ नहीं हूँ तुम्हारी...(विवेक ने बबिता को जाने का इशारा किया)....
तक्ष : (मन में) ये मानेगा नही......
विवेक : हो न (पास जाकर कमर से पकड़ लेता है).... मेरी sweet heart.....तुम समझती नही हो बस....
अदिति : हटो मुझसे.....
विवेक : इतना गुस्सा.....
अदिति : श्रुति के लिए तक्ष ठीक नही है पर तुम किसी को पिशाच नही कह सकते.....
विवेक : ठीक है नही कह सकता .....पर क्या तुम खुद देखना चाहोगी ....
अदिति : मतलब ....
विवेक : जो लाकेट तुमने पहना है न ..
अदिति : तो....
विवेक : देखो तक्ष अगर पिशाच नही है तो वो तुम्हें छु सकता है और अगर हैं तो वो तुम्हें नहीं छु सकता …...
अदिति : पागल हो ऐसा कैसे हो सकता......
विवेक : हो सकता है बुलाओ तक्ष को......
तक्ष : (मन में) ये मुझे फंसवा देगा …...उबांक ये द्रव्य बबिता को देकर आ और उससे कह देना मेरे नीचे आने से पहले अदिति को पिला दे....... मैंने मना किया था मेरी जासूसी मत कर... अदिति को ही झटका देना पड़ेगा...
उबांक : जी....
अदिति तक्ष को आवाज लगाती है....." तक्ष ....तक्ष नीचे आओ प्लीज जल्दी " 
तक्ष : अभी आया.....
""""""""""
उबांक : लो दानव राज.. ने इसे अदिति के पेय में मिलाने के लिए कहा है बिना सवाल किये दे आओ अदिति को....
बबिता : तुम ये अच्छा नहीं कर रहे हो......
उबांक : और सुन तुझे डरने की जरुरत नहीं है बस कह देना विवेक ने उसे एक दवाई दी थी....
बबिता : पर अदिति दीदी बता देंगी....
उबांक : उसकी चिंता मत कर.... उसे कुछ याद नही रहेगा... जा अब .....
""""""'"""""""""""""
अदिति : ताई.... जूस भी बना दिया तुमने....
बबिता : आप थक गई होंगी इसलिए ......
अदिति : thanks ताई.... विवेक को दे दो....
बबिता : लिजिए.....
विवेक : हां ये तक्ष को ज्यादा time नही लग रहा है....
अदिति : आ रहा है देखो.....
विवेक : मुझे लगा डर गया.…
बबिता : दीदी जी ये पी लिजिए.....
अदिति : हां ताई..... (अदिति जूस पी लेती हैं)....
विवेक : अदिति जाओ इसके पास.....
अदिति : हां ….
अदिति थोड़ा खड़े ही होती है.... लड़खड़ा जाती हैं...
विवेक : अदिति .....ok न ....
अदिति : विवेक......व (बेहोश हो जाती हैं)
विवेक : अदिति....... अदिति उठो क्या हुआ तुम्हें...?
बबिता : क्या हुआ दीदी को....?.(बबिता नासमझी का नाटक करती है)....
विवेक : अचानक क्या हुआ..... पानी दो... (विवेक पानी की छिंटे मारता है पर अदिति को कुछ फर्क नहीं पड़ता)..... अदिति...तुमने ही कुछ किया है न (तक्ष की तरफ देखकर)
तक्ष : मैं तुम्हारे सामने आया हूं कही तुमने
विवेक : shut up....(विवेक अदिति को गोद में उठाकर बाहर कार में लेटाता है)...  मैं इसे hospital लेकर जा रहा हूँ.......(in phone)..भाई ! आप hospital पहुंच सकते हैं...?
इशान : क्या हुआ विवू....?
विवेक : भाई अदिति को hospital लेकर जा रहा हूँ.... आदित्य भाई phone receive नही कर रहे हैं......
इशान : ठीक है मैं पहुंचता हूं....!
...............in hospital.........
विवेक : डाक्टर......
डाक्टर : क्या हुआ इन्हे...?
विवेक : अचानक जूस पीते ही बेहोश हो गई और अभी तक होश नही आया.......
डाक्टर : वार्ड बाय इन्हे इमरजेंसी वार्ड में ले जाओ जल्दी.....(इशान आता है).....
इशान : क्या हुआ विवू.....?
विवेक : पता नहीं भैय्या..... अचानक बेहोश हो गई...?
इशान : तू परेशान मत हो ठीक हो जाएगी अदिति.... आदित्य भी आ रहा है... तू रूक मैं डाक्टर से consult करके आता हूं.....
विवेक : ठीक‌ है......
"""""""""""""""""""""""""""""""
उबांक : दानव राज.. आपके द्रव्य के बारे में पता चल गया.… तो..
तक्ष : (तीखी मुस्कुराहट के साथ)... नही उबांक.. मेरे इस द्रव्य को कोई नहीं जांच पाएगा....
उबांक : दानव राज.. आपने ऐसा क्या किया है ….?
 तक्ष : अदिति के सोचने समझने की शक्ति को खत्म किया है....अब बस ये तावीज बन जाए फिर मुझे बलि मावस तक कोई चिंता नहीं.....
"""""""""""""""""""""""""""""""""
आदित्य पहुंचता है …...
आदित्य : इशान क्या हुआ अदि को.... ?.(तभी डाक्टर बाहर आते है)...डाक्टर क्या हुआ हुआ है मेरी बहन को....?
डाक्टर : आप भाई है patient के ....
आदित्य : हां ….
विवेक : डाक्टर हुआ क्या है अदिति को....?
डाक्टर : देखिए बेहोशी की वजह तो पता नहीं चल रही है ….लेकिन हमने अपनी तरफ से treatment दे दिया है कल तक होश आ जाएगा…...
विवेक : बेहोश क्यूं हुई पता नहीं चला डाक्टर...?
डाक्टर : i'm sorry लेकिन बेहोशी का कारण नहीं पता चला..
इशान : अदिति ठीक हो जाएगी न बस .....
डाक्टर : हां ...हमारी उम्मीद है  उन्हेंं कल तक होश आ जाएगा.....(डाक्टर चले जाते है)....
आदित्य : पता नहीं अदिति को हो क्या रहा है.....
विवेक : भाई मेरी एक बात माने तो इस तक्ष को वापस भेज दो ….मुझे वो ठीक नही लगता …..
आदित्य : क्या मतलब ….…?
विवेक : भाई …..ये तक्ष ….इंसान नही है नरभक्षी है …..
आदित्य : क्या …..?
 
............to be continued …….…..