श्रुति को तक्ष पसंद है......
.....
……..Now on on……
…in car……
इशान : तूने कैसे मुंह बना लिया...
विवेक : भाई को ऐसा नहीं करना चाहिए था ……
इशान : क्या नही करना चाहिए था आदित्य को ……
विवेक : उन्हें पता है अदिति और मैं हमेशा से साथ है और हर वक्त मैं ही उसे protect करता हूँ ……भाई को मुझ-पर भरोसा नहीं है अब… जो उस तक्ष को अदिति की जिम्मेदारी दे दी ……
इशान : तो क्या हो गया विवू ……
विवेक : क्या हो गया. …मैं अदिति से (कहते हुए रुक जाता है)
इशान : क्या मैं अदिति से ….
विवेक : कुछ नहीं ….
इशान : कुछ नहीं. …(हंसकर) …प्यार करता हूँ ….right
विवेक : हां …. भाई.…
इशान : मुझे पहले से ही पता है …तुम दोनों के बारे में …अदिति एक अच्छी लड़की है इसलिए मैंने कभी तुझे मना नही किया ….मैं खुद यही चाहता हूं …वो तुम्हारी life patner बने ……
विवेक : thanks भैय्या.....
इशान : अब खुश हो गया …….वैसे वो लड़का मुझे कुछ अजीब लगा ….एक villager. ने इतनी जल्दी अदिति को ढुंढ लिया. ….वो कोई बात नहीं लाशो का ढेर अचानक कंकाल बन गया. …unbelievable ….
विवेक : क्या लाशो का ढेर कंकाल बन गया ……
इशान : हां ….
विवेक : (मन में) ये तक्ष सच में बहुत अजीब है …….
इशान : क्या हुआ विवू तू क्या सोचने लग गया ……?
विवेक : कुछ नहीं भाई .… आपको एक बात बताऊं ….please किसी से मत कहना
इशान : बोल ….
विवेक : उस रात जब मुझे चोट लगी थी न ….
इशान : हां ….फिर
विवेक : वो कोई नरभक्षी जानवर था ……जिसकी खबरें news में छाई हुई है. ……
इशान : वो घर में कैसे आ गया. ……
विवेक : ये तो नही पता ……
इशान : इन सबके बारे में मत सोच ……जो हो गया भूल जा अबकी बार घर की security मैं manage करूंगा ……
विवेक : ठीक है भैय्या.....
………in choudhary mansion ……
सुविता : आ गये तुम दोनों. ……
कामनाथ : अदिति मिल गई ……
इशान : जी पापा.. …
सुविता : कहां थी अदिति ….?
इशान : मां उस vk ने kidnap किया था…अदिति को मरने की धमकी देकर आदित्य को परेशान करने के लिए
सुविता : उस vk ने
इशान : हां …. मिल गई अदिति
सुविता : हमारे परिवार पर आफत बरस रही है …कभी कुछ होता है तो कभी कुछ …मुझे तो पंडित जी को बुलाकर पूजा करवानी पड़ेगी ….
इशान : मां क्यूं परेशान हो रही हो ये तो होता रहता है ….अब खाना लगवा दो जल्दी ….
सुविता : हां ….
……in aditi ' s house ……
Taksh room ….
उबांक : दानव राज.. आज शिकार के लिए नही जाएंगे....
तक्ष : आज दो तीन दिनों का खा लिया …पता नही और कितनी देर लगेगी मुझे मुक्त होने में….(गुस्से में )…तड़पा दूंगा तेरी रुह तक आदिराज….जैसे मुझे तड़पाया था …तेरी बेटी की चीखे मुझे कितनी शांति देंगी ……बस चार मावस और फिर मैं हमेशा के लिए मुक्त हो जाऊंगा ……
उबांक : दानव राज.. आपने उन सब को क्यूं मार दिया ….
तक्ष : जो मेरे और मेरे शिकार के बीच आएगा उसे मैं कच्चा खा जाऊंगा ….उसे सिर्फ मैं मारूंगा …कोई मुझसे मेरी बलि छिनेगा वो उसकी तरह ही मरेगा ….
उबांक : दानव राज.. और वो लड़का ….!
तक्ष : उसका क्या करना है ये मैं देख लूंगा बस मुझे इन दोनों के प्यार को खत्म करना है …
…Next Day ……
……in aditi ' s house …….
आदित्य : अदि……आज college जाएगी ……
अदिति : हां …. भैय्या.....
आदित्य : तो जल्दी ready हो जा ……
अदिति : हां ….
आदित्य : ठीक ……तक्ष भी तुम्हारे साथ जाएगा …
अदिति : तक्ष भी ….पर मुझे काॅलेज में कौन सा खतरा है …?
आदित्य : अदि…तक्ष जाएगा तुम्हारे साथ बस
अदिति : एक बार तक्ष से तो पुछ लो ….
आदित्य : ठीक है …..(आदित्य तक्ष को बुलाता है)
उबांक दर्द से तक्ष के कमरे में जाता हैं ….
….उबांक : दानव राज..
तक्ष : क्या हुआ उबांक ……?
उबांक : दानव राज.. ये आपको अदिति के साथ भेज रहे हैं …!
तक्ष : तो ठीक है..…तू क्यूं परेशान हो रहा हैं ….
उबांक : दानव राज.. मुझे कोई परेशानी नही है अगर आप बाहर जाएंगे तो बाहर कुत्ते आप पर हमला न कर दे …वो तो आपको पहचान जाएंगे....
तक्ष : तू क्यूं घबराता है मुझे परिस्थिति का अनुमान था इसलिए मैं गंधनिंयंत्रिका औषधि को पी चुका हूँ ….
उबांक : फिर ठीक है दानव राज.. …दानव राज.. ये क्या है ….?
तक्ष : ये तावीज मैंने अपनी शक्ति से बनाया है ….अब इसे पहने से अदिति का वशीकरण नही टूटेगा ……चलो अब…
तक्ष नीचे आता है ….
तक्ष : जी …
आदित्य : तक्ष अदिति की सुरक्षा के लिए तुम उसके साथ काॅलेज चले जाओ ….
तक्ष : ठीक है ……मैं चला जाऊंगा
आदित्य : अब ठीक है ……(आदित्य अपने कमरे में चला जाता हैं)
अदिति : (मन में) विवेक को कल इसी ह पर गुस्सा आई थी पता नहीं आज कैसा reaction होगा ……?
तक्ष : अदिति ये पहन लो ….
अदिति : ये क्या है तक्ष ……?
तक्ष : इसे पहन लेना (तक्ष के वश में होने के कारण अदिति वो तावीज पहन लेती हैं)
अदिति और तक्ष काॅलेज पहुंचते हैैं ……
……in college ……
विवेक तक्ष को देखकर मुंह फेर लेता है …
अदिति : hello guys ……
श्रुति : hi …अदिति ……who is this. ….?
अदिति : तक्ष ….पापा के दोस्त का बेटा ….!
कंचन : ओह ! I think ……जिसे तो पिशाच बता रही थी ….
अदिति : तू पागल है कुछ भी बोलती है ….
कंचन : मैं क्यूं (विवेक रोकता है)
विवेक : कंचन …उस time अदिति की तबियत ठीक नही थी …
अदिति उलझन भरी निगाहों से दोनों को देखती है ….
अदिति : विवेक ….
विवेक अदिति की आवाज को अनसुना कर देता है …
विवेक : guys ...class time हो गया है चलो ….
अदिति : विवेक (विवेक चले जाता हैं) …ये मुझे क्यूंकि ignor कर रही है …….तक्ष तुम यही wait करना अंदर class में नहीं जा सकते ….
तक्ष : ठीक है …तुम जाओ ……
हितेन : डूड ….क्या हो गया. …अदिति को क्यूं ignore कर रहा हैं …. झगड़ा हो गया क्या तुम दोनों. का
विवेक : नही यार……
श्रुति ; यार ! ये तक्ष कितना हेंडसम है और तू इसे पिशाच बता रही थी ……
कंचन : ओ मेडम सब पर लाइन मारने लगती हैं …. चल पागल ….ये अदिति और विवेक कुछ suspicious होते जा रहे हैं ….
श्रुति : (मन में) पहले विवेक से प्यार किया वो अदिति का हो गया ….please god इस बार तक्ष को से मिलवा दो ….
कंचन : ये पता नहीं क्या ख्याली पुलाव बना रही है
…….After class …….
………to be continued ………