राज रोज़ रात के वक्त नौ बजे की मेट्रो ट्रेन से अपने घर जाता था। हर-रात की तरह उस रात भी राज अपने घर जाने के लिए मेट्रो स्टेशन पहुंचता है और ट्रेन का इंतजार करने लगता है। हर बार की तरह ट्रेन अपने समय में आई थी। राज ट्रेन में चढ़कर एक सीट में बैठ जाता है। थोड़ी देर बाद उसकी नजर एक लड़की में जाती है,उसे उस लड़की को देखकर थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि वह 5 महीनों से इसी मेट्रो ट्रेन से घर जाता है मगर इतने दिनों में उसके अलावा इस ट्रेन में कोई भी नहीं चढ़ता था। खैर राज उस लड़की को अनदेखा करके अपनी डायरी में कुछ लिखने लगता है। तभी उसे एक आवाज आती है वह सर उठा कर देखता है तो वो लड़की उसके बिल्कुल करीब बैठी हुई थी।
लड़की- तुम क्या लिख रहे हो
अचानक उस लड़की को अपने पास देखकर राज थोड़ा घबरा जाता है। राज उसका चेहरा अब अच्छे से देख पा रहा था उसके चेहरे में बहुत से नाकोचे हुए दाग थे बड़ी-बड़ी और काली आंखें और लंबे और बिखरे हुए बाल थे। राज को जो उसके चेहरे में सबसे अजीब बात लग रही थी वह थी उस लड़की की मुस्कान। वो बहुत अजीब तरह से राज को देखकर मुस्कुरा रही थी।
लड़की- क्या हुआ ,तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?
राज- वो कुछ नहीं असल में बात यह है कि यहं ट्रेन अक्सर खाली रहती इसलिए तुम्हें देखकर हैरानी हो रही है।
लड़की- वो क्या है ना मुझे आज एक भी बस या टैक्सी नहीं मिला इसलिए मुझे ट्रेन से घर जाना पड़ रहा है। क्या तुम रोज इसी ट्रेन से जाते हो।
राज-हां ...
लड़की- मेरी दोस्त बोल रही थी, यह ट्रेन बिल्कुल खाली रहती है।
राज - हां ,ये ट्रेन अक्सर पता नहीं क्यों खाली रहती है।
लड़की- मैंने सुना है रात में मेट्रो में सफर करने वाले लोगों की भी रहस्यमय तरीकों से मौत हो रही है। 11 लोगों के साथ ऐसा हुआ है।
राज - क्या कहा लोगों की मौत हो रही है।
लड़की- लोग कहते हैं चार महीने पहले किसी ने ट्रेन के अंदर एक लड़की का खून कर दिया था। उसी लड़की की आत्मा लोगों को मार रही है ।
राज - मुझे यह बात नहीं पता थी।
पता नहीं क्यों राज की बात सुनकर वो लड़की एक डरावनी सी मुस्कुराहट देती है। राज उसे फिर से अनदेखा कर अपनी डायरी में लिखने लगता है।
लड़की- तुम क्या लिख रहे हो ?
राज - मैंने एक गौल बनाया है एक साल में 20 लोगों की मदद करने की, वही के बारे में लिख रहा था।
लड़की- ये तो बहुत अच्छी बात है क्या तुम मेरी भी मदद करोगे मैं अपनी जिंदगी से खुश नहीं हूं मुझे ऐसा क्या करना चाहिए कि मैं खुश रहो।
तभी राज को एक डरावनी हंसी सुनाई देती है।
राज - तुम्हें कुछ सुनाई दिया।
लड़की- नहीं।
राज - ध्यान से सुनो आवाज ट्रेन के बाहर से आ रही है।
ये कहते हुए राज ट्रेन के दरवाजे के बाहर देखने लगता है।
लड़की- क्या आवाज अभी भी आ रही है।
राज - हां..
लड़की- हटो,मै देखती हूं।
ये बोलकर वो लड़की बाहर देखती है।
लड़की- नहीं ,मुझे तो कुछ सुनाई नहीं दे रहा।
तभी राज उस लड़की को दरवाजे के बाहर धक्का दे देता है और अपनी सीट में आकर बैठ जाता है और एक अजीब सी मुस्कुराहट के साथ अपनी डायरी में लिखता है।
आज मैंने एक और इंसान को उसकी परेशानी बड़ी जिंदगी से आजाद किया है। अब सिर्फ आठ लोग और बचे हैं ,उसके बाद मेरा काम खत्म हो जाएगा।