बागेश्वर धाम के बाबा, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार या पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध कथावाचक और हिन्दू धर्मगुरु हैं। वे मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के प्रमुख हैं, जो बालाजी (हनुमान जी) का एक प्रसिद्ध मंदिर है।बागेश्वर धाम और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कहानी1. प्रारंभिक जीवन:
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा गाँव में हुआ था। उनका परिवार धार्मिक था, और उनके दादा भगवानदास गर्ग भी एक कथावाचक थे। धीरेंद्र ने छोटी उम्र में ही आध्यात्मिकता की ओर रुझान दिखाया और अपने दादा से धार्मिक शिक्षा प्राप्त की।2. बागेश्वर धाम की स्थापना और पहचान:
बागेश्वर धाम एक प्राचीन मंदिर है जो हनुमान जी को समर्पित है। कहा जाता है कि यह धाम पहले सामान्य मंदिरों की तरह था, लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता के बाद इसे देशभर में पहचान मिली। उन्होंने यहाँ ‘दिव्य दरबार’ लगाना शुरू किया, जिसमें भक्तों की समस्याएँ बिना बताए ही पढ़ने और उनके समाधान बताने का दावा किया जाता है।3. दिव्य दरबार और विवाद:
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि वे हनुमान जी की कृपा से लोगों की समस्याएँ बिना पूछे जान सकते हैं और उन्हें समाधान भी देते हैं। इसे लेकर कई बार विवाद भी हुए हैं, जहाँ कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, जबकि उनके भक्त इसे दैवीय शक्ति कहते हैं।4. प्रसिद्धि और प्रचार:धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाएँ और दिव्य दरबार सोशल मीडिया और टीवी के माध्यम से देशभर में प्रसिद्ध हो गए।वे सनातन धर्म, हिन्दू संस्कृति और गौ-सेवा के प्रचारक हैं।उन्होंने हिंदू एकता और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की कई मुहिम चलाई हैं।5. आलोचना और समर्थन:उनके समर्थक उन्हें एक दिव्य पुरुष और हनुमान जी का भक्त मानते हैं।आलोचक उन पर चमत्कार के नाम पर अंधविश्वास फैलाने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के खिलाफ जाने का आरोप लगाते हैं।निष्कर्ष:
बागेश्वर धाम और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रति लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ उन्हें संत और चमत्कारी गुरु मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्होंने बागेश्वर धाम को एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बना दिया है और लाखों लोग उनकी कथाओं और दिव्य दरबार में विश्वास रखते हैं।
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ChatGPT said:बागेश्वर धाम सरकार की लोकप्रियता और प्रभाव
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। उन्होंने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।1. बागेश्वर धाम में चमत्कारों का दावा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने दिव्य दरबार में भक्तों की बिना बताए समस्याएँ जानने और उनके समाधान बताने का दावा करते हैं। उनके अनुसार, यह सब हनुमान जी की कृपा और सिद्धियों के कारण संभव है।भक्तों का कहना है कि वे उनकी ज़िंदगी से जुड़े गहरे रहस्य और समस्याएँ बिना बताए ही बता देते हैं।वे कुछ भक्तों को एक पर्ची (चिट्ठी) देते हैं, जिसमें उनकी समस्या और समाधान लिखा होता है।यह पूरी प्रक्रिया लाखों लोगों को चमत्कारी लगती है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे चुनौती दी जाती रही है।2. सनातन धर्म और हिंदू एकता का प्रचार
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री न केवल एक कथावाचक हैं, बल्कि हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रचारक भी हैं। वे हिंदू समाज को एकजुट करने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं।वे घर वापसी अभियान का समर्थन करते हैं, जिसमें वे हिंदू धर्म छोड़कर अन्य धर्म अपनाने वाले लोगों को फिर से सनातन धर्म में वापस लाने का प्रयास करते हैं।वे धर्मांतरण के खिलाफ कड़ा रुख रखते हैं और कई बार इस विषय पर विवादित बयान भी दे चुके हैं।उनके अनुयायी उन्हें हिंदू समाज को जागरूक करने वाला एक आध्यात्मिक नेता मानते हैं।3. बागेश्वर धाम का सामाजिक योगदान
बागेश्वर धाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह कई सामाजिक कार्यों में भी शामिल है:
✅ गौशाला संचालन – बागेश्वर धाम में सैकड़ों गायों की देखभाल की जाती है।✅ गरीबों की सहायता – मंदिर परिसर में गरीबों को भोजन और वस्त्र वितरित किए जाते हैं।✅ नशामुक्ति अभियान – धीरेंद्र शास्त्री युवाओं को नशे से दूर रहने और आध्यात्मिकता अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।✅ शिक्षा और संस्कार – वे बच्चों को धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए धार्मिक शिक्षा देने की बात करते हैं।4. विवाद और आलोचना
जहाँ उनके करोड़ों भक्त हैं, वहीं उन पर कई तरह की आलोचना और विवाद भी होते रहे हैं।(A) अंधविश्वास का आरोपकुछ वैज्ञानिक और तर्कवादी लोग उनके दिव्य दरबार को अंधविश्वास और मनोवैज्ञानिक ट्रिक बताते हैं।2023 में महाराष्ट्र के अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने उन्हें खुली चुनौती दी थी कि वे अपने चमत्कारों को वैज्ञानिक परीक्षण में साबित करें, लेकिन शास्त्री ने इसे हनुमान जी की कृपा बताया और चुनौती स्वीकार नहीं की।(B) राजनीतिक संबंधधीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाषणों में कई बार हिंदू राष्ट्र और राजनीति से जुड़े बयान होते हैं, जिससे यह आरोप लगता है कि वे किसी खास राजनीतिक विचारधारा का समर्थन करते हैं।कई विपक्षी दलों ने उन पर राजनीतिक दलों के लिए प्रचार करने का आरोप भी लगाया है।(C) कुछ विवादित बयानउन्होंने कई बार हिंदू धर्म के पक्ष में और धर्मांतरण के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं, जिससे विवाद हुआ है।कुछ जगहों पर उनके प्रवचनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठ चुकी है।5. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की अपार प्रसिद्धि
हालांकि विवाद और आलोचना के बावजूद, उनकी लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हो रही है।सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो – उनके कथाओं और दिव्य दरबार के वीडियो यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर करोड़ों लोग देखते हैं।देश-विदेश में प्रवचन – वे न केवल भारत में बल्कि विदेशों (जैसे अमेरिका, कनाडा और दुबई) में भी कथा करने जाते हैं।भक्तों की लंबी कतारें – बागेश्वर धाम में हजारों लोग हर दिन आते हैं, और दिव्य दरबार में शामिल होने के लिए महीनों पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।निष्कर्ष
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बागेश्वर धाम की कहानी श्रद्धा, आस्था, विवाद और सामाजिक प्रभाव का अनोखा मिश्रण है।
✔️ समर्थकों के अनुसार – वे हनुमान जी के कृपापात्र और एक दिव्य संत हैं, जो सनातन धर्म की रक्षा कर रहे हैं।❌ आलोचकों के अनुसार – वे अंधविश्वास फैला रहे हैं और उनके चमत्कारों के दावों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
लेकिन एक बात निश्चित है – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज भारत में सबसे चर्चित धार्मिक व्यक्तियों में से एक हैं, और उनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।