फिल्म: पद्मावत (2018) – एक विस्तृत समीक्षा
निर्देशक: संजय लीला भंसालीमुख्य कलाकार:दीपिका पादुकोण (रानी पद्मावती)रणवीर सिंह (अलाउद्दीन खिलजी)शाहिद कपूर (राजा रतन सिंह)
फ़िल्म का आधार:"पद्मावत" फिल्म 16वीं शताब्दी के सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य "पद्मावत" पर आधारित है। यह एक ऐतिहासिक कल्पना (Historical Fiction) है, जिसमें रानी पद्मावती, चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के इर्द-गिर्द कहानी घूमती है।कहानी का संक्षिप्त विवरण
1. रानी पद्मावती का परिचय😊
फिल्म की शुरुआत सिंहल द्वीप (आज का श्रीलंका) में होती है, जहां सुंदर और बुद्धिमान राजकुमारी पद्मावती रहती हैं। एक संयोगवश, चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह वहाँ शिकार के लिए आते हैं और पद्मावती से प्रेम हो जाता है। दोनों विवाह कर लेते हैं, और पद्मावती चित्तौड़गढ़ की महारानी बन जाती हैं।
2. अलाउद्दीन खिलजी का लालच
दिल्ली का सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी एक क्रूर और महत्वाकांक्षी शासक होता है। वह किसी भी चीज़ को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। जब उसे एक गद्दार राजपुरोहित (राघव चेतन) से रानी पद्मावती की अनुपम सुंदरता के बारे में पता चलता है, तो वह उसे हर हाल में हासिल करने की ठान लेता है
3. चित्तौड़ पर हमला😑😑😑
अलाउद्दीन खिलजी अपनी विशाल सेना के साथ चित्तौड़गढ़ पर हमला कर देता है। लेकिन राजपूत योद्धा और राजा रतन सिंह बहादुरी से उसका सामना करते हैं।
4. राजा रतन सिंह की वीरगति😶😶😶
युद्ध के दौरान राजा रतन सिंह वीरगति को प्राप्त होते हैं। जब रानी पद्मावती और अन्य राजपूत स्त्रियों को यह पता चलता है कि खिलजी किले में प्रवेश करने वाला है, तो वे एक जौहर (आत्मदाह) करने का निर्णय लेती हैं।
5. पद्मावती का जौहर😭😭😭😭
फिल्म के अंतिम दृश्य में, रानी पद्मावती और हजारों राजपूत महिलाएं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जौहर कर लेती हैं, जिससे अलाउद्दीन खिलजी का सपना अधूरा रह जाता है।मुख्य थीम और संदेशसाहस और बलिदान – यह फिल्म राजपूत वीरता, त्याग और नारी सम्मान को दर्शाती है।महिलाओं का आत्मसम्मान – रानी पद्मावती का चरित्र एक मजबूत और आत्मसम्मान से भरी महिला का उदाहरण प्रस्तुत करता है।अत्याचार के खिलाफ संघर्ष – फिल्म दिखाती है कि अत्याचारी शासक भी धर्म और नारी शक्ति के आगे हार जाते हैं।तकनीकी और दृश्य प्रभावभव्य सेट डिजाइन: फिल्म में चित्तौड़गढ़ किले और दिल्ली सल्तनत के महलों को बड़े ही शानदार तरीके से दर्शाया गया है।संगीत और गीत: "घूमर" और "खलीबली" जैसे गाने बेहद लोकप्रिय हुए।रणवीर सिंह का अभिनय: उनकी भूमिका को बहुत सराहा गया, क्योंकि उन्होंने एक क्रूर और जुनूनी सुल्तान का प्रभावशाली चित्रण किया।
विवाद और नाम परिवर्तन😨😨😨
शुरुआत में फिल्म का नाम "पद्मावती" रखा गया था, लेकिन कई राजपूत संगठनों ने इसके ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर विरोध किया। इसके चलते फिल्म का नाम "पद्मावत" कर दिया गया और कुछ दृश्य बदले गए।
निष्कर्ष
"पद्मावत" सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि वीरता, त्याग और सम्मान की गाथा है। यह भारत के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दर्शाती है।
क्या आपको फिल्म पसंद आई?
😏😏😏
✨ रानी पद्मावती पर एक भावनात्मक शायरी ✨
🔥 शौर्य की मूरत, सम्मान की जान थी,राजपूतानी रानी, मेवाड़ की शान थी।
💔 खिलजी के लालच ने घेरा किला,मगर हिम्मत की दीवार अडिग थी खड़ी।
🌺 न झुकी, न टूटी, न सौदे में आई,स्वाभिमान की लौ में खुद को जलाया।
⚔️ वीरांगना थी, वह इतिहास बन गई,बलिदान की माटी में अमर हो गई।
🔥 आज भी चित्तौड़ की हवाएँ कहती हैं,रानी पद्मिनी कभी किसी की न होती हैं।
जय मेवाड़! 🚩