Meghalaya: A wonderful journey amidst the clouds in Hindi Travel stories by Tapasya Singh books and stories PDF | मेघालय: बादलों के बीच एक अद्भुत सफर

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मेघालय: बादलों के बीच एक अद्भुत सफर

मेघालय: बादलों के बीच एक अद्भुत सफर

पहाड़ों से घिरी, हरियाली से लदी और बादलों में छुपी हुई मेघालय की धरती अपने नाम के अनुरूप ही है—"बादलों का घर"। हाल ही में मुझे इस स्वर्ग समान राज्य की यात्रा करने का अवसर मिला, और यह अनुभव अविस्मरणीय बन गया।शिलॉंग: पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड

मेरी यात्रा की शुरुआत मेघालय की राजधानी शिलॉंग से हुई, जिसे "पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड" भी कहा जाता है। यहां की ठंडी हवाएं, घुमावदार सड़कें और ब्रिटिश कालीन इमारतें किसी विदेशी शहर का एहसास दिलाती हैं। सबसे पहले, मैं शिलॉंग पीक पहुंचा, जहां से पूरे शहर का मनोरम दृश्य दिखता है। बादलों से ढके पहाड़ों को देखना एक स्वप्न जैसा था। इसके बाद एलिफेंट फॉल्स गया, जहां तीन चरणों में गिरता झरना प्रकृति की अनूठी कारीगरी लगता है।

चेरापूंजी: बारिश का जादू

शिलॉंग के बाद मेरी अगली मंजिल थी चेरापूंजी, जो दुनिया के सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में से एक है। रास्ते में मैं मौसिनराम भी गया, जो चेरापूंजी से भी अधिक वर्षा प्राप्त करता है। जैसे ही मैं चेरापूंजी पहुंचा, हल्की-हल्की बारिश ने मेरा स्वागत किया। यहां का नोहकालिकाई जलप्रपात, भारत का सबसे ऊंचा झरना, बादलों के बीच से गिरता हुआ ऐसा लग रहा था मानो स्वर्ग से उतर रही कोई नदी हो। आसपास की गुफाएं जैसे मावस्मई गुफा रहस्यमयी दुनिया की तरह लग रही थीं।

द्वितीय विश्व युद्ध संग्रहालय और उमियाम झील

शिलॉंग लौटते समय मैंने द्वितीय विश्व युद्ध संग्रहालय देखा, जहां ब्रिटिश शासनकाल और पूर्वोत्तर भारत के इतिहास की झलक मिली। इसके बाद उमियाम झील पहुंचा, जिसे "पूर्वोत्तर का स्वर्ग" कहा जाता है। यहां शांत पानी में नाव चलाते हुए मैंने सूरज को पहाड़ों के पीछे डूबते देखा—एक दृश्य जो हमेशा याद रहेगा।

मावलिननोंग: एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव

मेरी यात्रा की सबसे खास जगह मावलिननोंग गाँव था, जिसे एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव कहा जाता है। हर घर के बाहर फूलों से सजे बगीचे थे, और लोग सफाई को अपना कर्तव्य मानते थे। यहां से कुछ ही दूरी पर लिविंग रूट ब्रिज देखने गया, जिसे पेड़ों की जड़ों को आपस में जोड़कर बनाया गया है। यह मेघालय की अनूठी प्राकृतिक विरासत को दर्शाता है।

दावत और संस्कृति

मेघालय की यात्रा स्थानीय खान-पान के बिना अधूरी होती। मैंने जादोह (मांस और चावल से बनी डिश), दोह ख्लेह (पोर्क सलाद) और तूथसाद (चावल से बनी मिठाई) का स्वाद लिया। खासी जनजाति के लोगों से मिलकर उनकी संस्कृति और लोककथाओं को सुनना एक अलग ही अनुभव था।

निष्कर्ष

मेघालय की यह यात्रा केवल एक पर्यटन अनुभव नहीं थी, बल्कि यह प्रकृति और संस्कृति से जुड़ने का अवसर भी था। हरियाली से ढके पहाड़, झरने, स्वच्छ गाँव और दिल जीतने वाले लोग—यह सब मिलकर इसे भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक बनाते हैं। जब भी आप शांति, रोमांच और प्रकृति का संगम चाहते हों, तो मेघालय जरूर जाएं—यह आपको बादलों के बीच सपनों की दुनिया में ले जाएगा।

 यात्रा के आगे के अनुभव

मेरी यात्रा का हर पड़ाव रोमांचक था, लेकिन आगे का सफर और भी अविस्मरणीय रहा। मावलिननोंग गाँव के बाद मैंने मेघालय के कुछ और अनोखे स्थानों की खोज की, जो किसी जादुई दुनिया से कम नहीं लगे।

दावकी और उमनगोत नदी: भारत-बांग्लादेश सीमा का स्वर्ग

मेघालय की यात्रा अधूरी रह जाती अगर मैंने दावकी और उमनगोत नदी का अनुभव नहीं लिया होता। दावकी भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित एक छोटा सा कस्बा है, लेकिन यहां की उमनगोत नदी अपनी क्रिस्टल-क्लियर पानी के लिए विश्व प्रसिद्ध है। जब मैं नाव में बैठा, तो ऐसा लगा जैसे नाव हवा में तैर रही हो, क्योंकि नदी का पानी इतना साफ था कि नीचे की तलहटी और कंकड़ आसानी से दिख रहे थे। इस शांत जल में बहने का अनुभव किसी स्वप्न से कम नहीं था।

नोंगख्लियाट ट्रेक: सात बहनों का जादू

मेरे भीतर का रोमांच प्रेमी मुझे नोंगख्लियाट ट्रेक पर ले गया, जो मेघालय का सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थान है। यह ट्रेक सात बहन झरनों (Seven Sisters Waterfalls) की ओर जाता है, जो एक विशाल चट्टान से सात अलग-अलग धाराओं के रूप में गिरते हैं। यहाँ का नज़ारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला था। घने जंगल, झरनों की गूंज और पहाड़ों की ठंडी हवा ने इस ट्रेक को बेहद खास बना दिया।क्रें

ग सूरी वॉटरफॉल: प्रकृति का छुपा खजाना

एक स्थानीय व्यक्ति ने मुझे क्रेंग सूरी जलप्रपात जाने की सलाह दी, और मैं शुक्रगुजार हूँ कि मैंने उनकी बात मानी। यह जगह ज्यादा मशहूर नहीं थी, लेकिन इसका नीला पानी और आसपास का हरा-भरा माहौल किसी जन्नत से कम नहीं लगा। यहाँ मैंने कुछ समय बिताया और इस शांत वातावरण का पूरा आनंद लिया।रा

त का अनुभव: खासी जनजाति के साथ

मेघालय सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि अपनी अनोखी जनजातीय संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। मैंने रात बिताने के लिए एक स्थानीय खासी जनजाति के घर में रहने का फैसला किया। यहाँ मैंने उनकी पारंपरिक जीवनशैली देखी, उनके लोकगीत सुने और बांस से बनी झोपड़ी में सोने का अनुभव लिया। यह मेरी यात्रा का सबसे यादगार हिस्सा था, क्योंकि इसने मुझे प्रकृति और जीवन की सादगी से जोड़ दिया।

यात्रा का समापन: यादों का खजाना

मेरी मेघालय यात्रा का अंत हो चुका था, लेकिन दिल और दिमाग में अनगिनत यादें बस चुकी थीं। शिलॉंग की ऊँची पहाड़ियां, चेरापूंजी की झमाझम बारिश, मावलिननोंग की स्वच्छ गलियां, उमनगोत नदी का कांच जैसा साफ पानी, और खासी जनजाति के लोगों की सरलता—इन सबने मेरे सफर को अविस्मरणीय बना दिया।

अगर आप कभी किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहाँ प्रकृति, शांति, रोमांच और संस्कृति एक साथ मिले, तो मेघालय से बेहतर कोई स्थान नहीं हो सकता। यह सच में बादलों के बीच छुपा हुआ एक स्वर्ग है, जो हर यात्री के दिल में बस जाता है। मैं वादा करता हूँ, एक बार मेघालय जाने के बाद आप इसे भूल नहीं पाएंगे!