डोनर गर्ल
भाग 1 - यह कहानी एक ऐसी लड़की का है जिसके जन्म के समय का फ्रोजेन स्टेम सेल आगे चल कर किसी व्यक्ति की जान बचाता है ….
प्रेम सैनी पंजाब का रहने वाला था . उसकी एक छोटी बहन थी जो उस से दो साल छोटी थी . उसकी माँ का देहांत कुछ साल पहले हो गया था .भारत में बी. टेक करने के बाद प्रेम को अमेरिका में आगे की पढ़ाई करने की इच्छा थी . उसके पिता ने कहा “ बेटा , तुम्हारी इच्छा है तो मैं रोकूंगा नहीं पर बेटी की शादी के बाद मैं यहाँ बिल्कुल अकेला रह जाऊंगा . “
“ पापा , मैं वहां रहने नहीं जा रहा हूँ . एम एस करने के बाद कुछ दिन नौकरी करने के बाद वापस आ जाऊंगा . “
“ ठीक है . तुम जाओ पर सभी बच्चे यही कह कर जाते हैं कि लौट आऊंगा पर आता कोई नहीं है . “
“ नहीं पापा , मेरा वादा रहा . मैं लौट कर जरूर आऊंगा . “
प्रेम अमेरिका गया . पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाक़ात एक अमेरिकी लड़की सोफिया से हुई . सोफिया अकेली रहती थी . बचपन में ही उसके माता पिता दोनों अलग हो गए थे . फिर दोनों ने दूसरी शादी कर अपनी अपनी अलग दुनिया बसा ली थी . शुरू में सोफिया कभी चाचा , कभी मामा या मौसी के यहाँ रहती थी . स्कूल की पढ़ाई के बाद वह अपना स्वत्रंत जीवन गुजार रही थी . इसी दौरान प्रेम से सम्पर्क में आयी और दोनों में प्यार हुआ . डेढ़ साल के अंदर मास्टर्स करने के बाद प्रेम ने नौकरी ज्वाइन किया . इस बीच सोफिया से उसकी शादी हुई . प्रेम ने पापा को जब अपनी शादी की बात बताई तब वे बहुत नाराज हुए और उन्होंने कहा “ तुमने ईसाई से शादी कर अच्छा नहीं किया है . पता नहीं अब तुम्हारी बहन का हाथ कोई थामेगा या नहीं . अब तुम्हें यहाँ आने की कोई जरूरत नहीं है . मैं समझूंगा मुझे बस एक बेटी ही है .अब तुमसे मेरा कोई रिश्ता नहीं रहा . “
“ कुछ दिनों में मैं इंडिया वापस आऊंगा तब सारी बात आपको समझा दूंगा . “
“ तुम्हें मेरे यहाँ आने की कोई जरूरत नहीं है और न ही मुझे समझाने की . “ पापा ने कहा , फिर आगे उन्होंने बेटी से कहा “ मेरी एक अंतिम इच्छा है , उसकी मान रखना . मेरे मरने की खबर प्रेम को नहीं देना . हो सके तो मेरी अंतिम क्रिया तुम ही सम्पन्न कर देना या फिर जैसे किसी लावारिश का होता है वही हश्र मेरा होगा . “
“ छिः , ऐसा क्यों बोल रहे हैं . हमलोग यहाँ हैं न . “
इसके एक साल के अंदर प्रेम की बहन ने अपनी मर्जी से लव मैरेज कर लिया . उसके पिता इस शादी के विरुद्ध थे . उनके दोनों ने बच्चे उनकी मर्जी के विरुद्ध जा कर शादी कर लिया था . इस बात का उन्हें गहरा सदमा लगा था . उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी . उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनकी अंतिम क्रिया प्रेम की बहन और बहनोई ने मिलकर किया .
प्रेम तीन साल और अमेरिका में रहा . इस बीच सोफिया दो बार गर्भवती हुई पर दुर्भाग्यवश दोनों बार उसका मिसकैरेज हो गया .
प्रेम इंडिया आना चाहता था , उसने सोफिया से पूछा “ क्या तुम मेरे साथ चलना चाहोगी ? “
“ अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है तो निश्चित रूप से तुम्हारे साथ चलूंगी . वैसे भी मेरा यहाँ कौन है ? “
“ गुड . “
“ मरने के बाद मुझे इंडिया की पवित्र धरती में दफना देना . मेरी आत्मा को बहुत शांति मिलेगी . “
“ ठीक है , पर अभी शुभ शुभ बोलो . “
प्रेम अमेरिका में एक मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में सीनियर इंजीनियर था . उसकी कम्पनी भारत में पुणे में अपना एक नया ब्रांच खोलने जा रही थी . प्रेम ने कम्पनी से अपनी इंडिया आने की बात बताई . कम्पनी ने प्रेम का ट्रांसफर पुणे के नए ब्रांच में कर दिया .
प्रेम और सोफिया दोनों पुणे आ गए . प्रेम ने अपनी कंपनी में ज्वाइन किया . सोफिया एक मिशनरी स्कूल में पढ़ाने लगी . सोफिया को भारत की नागरिकता भी मिल गयी थी . भारत आने के कुछ दिनों के बाद सोफिया एक बार फिर प्रेग्नेंट हुई . तीन महीने के बाद सैनी दंपत्ति डॉक्टर के यहाँ चेकअप के लिए गए थे . चेकअप के बाद डॉक्टर ने कहा “ इस बार बच्चा बिल्कुल ठीक है . मुझे पूरी उम्मीद है कि आपके घर नया मेहमान आएगा . हाँ , मैंने जैसा कहा है वैसे दवा लेते रहें और सावधानी बरतें . मंथली चेकअप कराना न भूलें . बीच में भी कोई प्रॉब्लम महसूस करें तो मुझे फौरन सूचित करें एनी टाइम , मैं चौबीसों घंटे अपने पेशेंट के लिए अवेलेबल हूँ . “
“ थैंक्स डॉक्टर . “ बोल कर प्रेम और सोफिया ख़ुशी ख़ुशी अपने घर गए .
जब प्रसव का दिन निकट आया तब सैनी दम्पत्ति डॉक्टर से मिलने गए . डॉक्टर ने कहा “ वैसे तो सब ठीक है पर बेबी का गर्भनाल ( umbilical cord ) उसके गले में लिपटा दिख रहा है . डिलीवरी डेट दो सप्ताह बाद है पर बेहतर है कि आप डिलीवरी एक दो दिनों के अंदर करा लें अन्यथा बेबी को खतरा हो सकता है . “
“ नो डॉक्टर , हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं . आप जब चाहें डिलीवरी करा सकते हैं . “ मिसेज सैनी ने कहा
“ ठीक है , आप कल आ जाएँ . ज्यादा चांस है सिजीरियन करना होगा . “
अगले दिन सोफिया की डिलीवरी थी .उस समय डॉक्टर के पास एक आदमी आया था . डॉक्टर ने नर्स को सोफिया की डिलीवरी की तैयारी करने को कहा . फिर उस आदमी का परिचय प्रेम से कराया “ ये मिस्टर विलियम हैं , चेन्नई से आये हैं . भारत में पहली बार एक नयी संस्था खुली है या यूं समझ लें स्टेम सेल बैंक . मैं कोई पैरवी नहीं कर रहा हूँ पर आपलोग चाहें तो बेबी के स्टेम सेल का इनके यहाँ रजिस्ट्री करा कर फ्रीज़ कर सकते हैं . “
“ इस से क्या होता है डॉक्टर ? “ प्रेम ने पूछा
“ बेबी के अम्बिलिकल कॉर्ड का एक कतरा ये अपने बैंक में फ्रीज कर के रखेंगे . भविष्य में आपके किसी नजदीकी रिलेशन को बोन मैरो की जरूरत हुई तब यह स्टेम सेल उनके लिए लाइफ सेवर होगा . वैसे भगवान न करे आपको इसकी जरूरत पड़े पर इनकी संस्था दुनिया भर के स्टेम सेल रजिस्ट्री सेंटर से आपस में जुड़ी है और आवश्यकता हुई तो दुनिया में कहीं भी इसे भेज कर किसी की जान बचायी जा सकती है . फिलहाल आपके पुणे या भारत में और कहीं भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है . “
“ ठीक है , आई एम रेडी फॉर इट . “
करीब पांच घंटे बाद डॉक्टर ने खुद आ कर प्रेम से कहा “ मिस्टर सैनी , बधाई हो . आपको बेटी हुई है , मदर एंड बेबी दोनों स्वस्थ हैं पर हो सकता है कुछ दिन उन्हें ऑब्ज़र्वेशन में रखना पड़े . हम पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज करेंगे . “
“ नो इशू डॉक्टर . “ प्रेम बोला
“ मैंने विलियम को बेबी के अम्बिलिकल कॉर्ड ब्लड सैंपल कलेक्ट करने के लिए कहा है . उसके लिए आपको पेमेंट करना होगा . “
प्रेम ने एक चेक लिख कर विलियम को दिया . विलियम बोला “ आपकी बेबी का स्टेम सेल हमारे चेन्नई रजिस्ट्री में फ्रोजेन रहेगा . “
“ उसे कितने दिनों के लिए फ्रीज़ करते हैं आपलोग ? “
“ वैसे तो यह कम से कम 30 साल तक सेफ रहेगा पर हमलोग 20 साल की फीस लेते हैं . हो सकता है उसके बाद आपको और पैसे देने हों . “
“ नो प्रॉब्लम , गो अहेड . “
कुछ कागजी कार्रवाई के बाद बेबी के गर्भनाल रक्त को विलियम ने एक विशेष रूप से तैयार किये बॉक्स में रख लिया . वहां से वह सीधे एयरपोर्ट गया ताकि कॉर्ड का सैंपल यथाशीघ्र चेन्नई लैब में फ्रीज़ किया जा सके .
एक सप्ताह के बाद सोफिया बेबी को ले कर घर आयी . बेबी बहुत सुंदर थी , बिल्कुल किसी अमेरिकी बेबी की तरह . किसी भी एंगल से देखने में वह भारतीय नहीं लगती थी . सैनी दंपत्ति ने बेटी का नाम जूली रखा . लड़कियों का यह नाम भारत और अमेरिका दोनों देशों में सुना जाता है .
क्रमशः