Shoharat ka Ghamand - 134 in Hindi Women Focused by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 134

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शोहरत का घमंड - 134

आलिया ये सब सोच कर रास्ते में चल रही होती है। तभी वहां पर कबीर शेखावत की कार आती है और वो आलिया को देख कर अपनी कार साइड में खड़ी कर देता है और आलिया को आवाज देता है।

आलिया मूड कर देखती हैं वो कबीर शेखावत होता है।

मगर आलिया वहां पर खड़ी रहती है वो कबीर शेखावत के पास नहीं जाती है । तभी कबीर शेखावत खुद आलिया के पास आता है और बोलता है, "आप रोड पर क्या कर रही है आलिया ?????

तब आलिया बोलती है, "मैं अपने घर जा रही हूं"।

ये सुनते ही कबीर शेखावत चौक जाता है और बोलता है, "इस तरह पैदल घर जा रही हो, आलिया आप ठीक तो हो ना"।

तब आलिया बोलती है, "हा मैं बिल्कुल ठीक हु "।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "तो इस तरह बीच सड़क पर क्यों चल रही हो, और आप इतनी परेशान क्यों लग रही हो, कोई प्रॉब्लम है तो बताओ"।

तब आलिया बोलती है, "नहीं कोई प्रॉब्लम नहीं है, मैं बस घर जा रही हूं "।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "आप तो रात में ही होटल से चली गई थी, तो आप रात में घर नहीं गई थी क्या ?????

ये सुनते ही आलिया घबरा जाती है और सोचती है कि अब मैं क्या बोलूं कि मैं कहा थी "।

तब कबीर शेखावत दोबारा पूछता है, "क्या हुआ बताओ "।

तब आलिया बोलती है, "वो मैं अपनी फ्रेंड के घर चली गई थी क्योंकि मेरा घर दूर था और मेरी फ्रेंड का घर पास था"।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "आलिया मुझे आप ठीक नहीं लग रही है, चलिए मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूं "।

तब आलिया बोलती है, "नहीं मैं ठीक हू और खुद अपने घर चली जाऊंगी "।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "नहीं आलिया आप मुझे ठीक नहीं लग रही है और आप जिद क्यों कर रही हैं, मैं बोल रहा हूं न कि मैं आपको आपके घर छोड़ कर आ जाऊंगा "।

तभी आलिया आर्यन के बारे में सोचने लगती है कि आर्यन पहले ही इतनी घटिया घटिया बाते कर चुका है और अगर उसने दोबारा दोनों को एक साथ देख लिया तो पता नहीं और क्या क्या बोलेगा। ये सोच कर वो रोने लगती है और रोते हुए बोलती है, "प्लीज आप मुझे अकेला छोड़ दीजिए मैं खुद अपने घर चली जाऊंगी "।

तभी कबीर शेखावत बोलता है, "आप रो क्यों रही हैं, देखिए मुझे पता है कि आप मेंटली डिस्टर्ब है, और मैं इस तरह आपको बीच सड़क पर नहीं छोड़ सकता हूं क्योंकि कल रात आपके साथ जो भी हुआ मेरी वजह से ही हुआ है "।

तब आलिया रोते हुए बोलती है, "आपकी वजह से कुछ भी नहीं हुआ है, मैं क्या करु मेरी किस्मत ही ऐसी है"।

तभी कबीर शेखावत आलिया का हाथ पकड़ कर उसे अपनी कार की तरफ लाता है। तभी आलिया बोलती है, "आपने मेरा हाथ क्यों पकड़ा है छोड़िए मेरा हाथ "।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "मैं आपके साथ कोई बदतमीजी नहीं कर रहा हूं, मैं तो बस आपको आपके घर छोड़ने जा रहा हूं "।

तभी वो आलिया को कार में बैठा देता है और कार चलाने लगता है।

उधर अरुण गुस्से में आर्यन के कमरे में जाता है और देखता है कि आर्यन शराब पी रहा होता है तभी वो चिल्ला कर बोलता है, "बस तुझे यही करना आता है, इसके अलावा तू कुछ कर भी नहीं सकता है"।

तब आर्यन बोलता है, "देख मेरा दिमाग अभी ठीक नहीं है तू जा यहां से "।

तब अरुण बोलता है, "नहीं जाऊंगा बोल क्या कर लेगा, तू सच में कितना गिरा हुआ इन्सान है, तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही है क्या, क्यों उस बेचारी लड़की को इतना परेशान कर रहा है, तुझे जो चाहिए था तुझे वो मिल चुका है, तो फिर अब क्यों उसे परेशान कर रहा है, रहने दे न आराम से उसे, जीने दी उसे उसकी जिंदगी "।

तब आर्यन गुस्से में बोलता है, "रात को मैं उसके पास नहीं गया था, बल्कि वो खुद मेरे सामने आई थी "।

तब अरुण बोलता है, "देख तू अब सच कुछ भूल जा और उसे डिवोर्स दे दे और सोच की तुझे कभी आलिया मिली ही नहीं थी और तू उसे जानता तक नहीं था "।

तब आर्यन बोलता है, "ताकि वो कबीर शेखावत के साथ आराम से इश्क फरमाए "।

ये सुनते ही अरुण गुस्से में बोलता है, "सच में तेरा कुछ भी नहीं हो सकता है, ये बोल कर वो कमरे से बाहर आ जाता है और आर्यन शराब पीने लगता है।

उधर आर्यन के डैड और मॉम आर्यन को पूरे घर में देख लेते हैं मगर वो नहीं मिलता है। तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "मैने आपको पहले ही बोला था कि ये लड़का कभी भी नहीं सुधरने वाला है"।

उधर कबीर शेखावत आलिया को ले कर समुंदर के किनारे आ जाता है। और वो आलिया को नीचे उतरने के लिए बोलता है। आलिया समुंदर को देख कर घबरा जाती है और सोचती है ये इसे यहां क्यों लाया है ये तो घर ले जाने वाला था ....................