Nafrat e Ishq - 38 in Hindi Love Stories by Sony books and stories PDF | नफ़रत-ए-इश्क - 38

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नफ़रत-ए-इश्क - 38

विराट तपस्या को बाहों में उठाकर मंदिर की तरफ ले जाता है और तपस्या उसके मुंह से अपनी शादी की बात सुनकर आंखें बड़ी किए तुरंत उसके गोद से उतरने की कोशिश करते हुए बोली....."आप हमारे साथ मजाक कर रहे हैं ना?"विराट उसे वापस से अपनी बाहों में कसकर भरते हुए सर्द आवाज में......"आज कर लिया दोबारा से कभी मेरे बाहों से खुद को छुड़ाने की कोशिश की तो अंजाम बहुत बुरा होगा mrs अग्निहोत्री।"

"लेकिन mrs अग्निहोत्री तो हम चार दिन बाद बनने वाले हैं ना यूं अचानक से आप....

 "आप ने ही तो कहा था थोड़ी देर पहले के अभी इसी वक्त ही मेरा होना चाहते हैं आप ।".....तपस्या की बातों को आधे में काटते हुए विराट ने कहा और बोलते बोलते ही वो मंदिर तक पहुंच चुका था जहां पंडित जी शादी का सामान रेडी करते हुए खुद रेडी होकर खड़े हुए थे।

विराट पंडित जी के ऊपर एक नजर डालकर फिर तपस्या के ऊपर नजर डाल बोला....."विल यू मैरी मी प्रिंसेस ?"कहते हुए उसने तपस्या को नीचे उतार दिया।

तपस्या बस उसे और मंदिर के पुजारी को देखे जा रही थी । विराट कुछ जवाब न पाकर  उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ लेते हुए बोला......"वैसे ये मैटर नहीं करता कि आपकी क्या मर्जी है लेकिन फिर भी मैंने पूछा तो जवाब देना तो बनता ही है ना प्रिंसेस ।"

तपस्या अपने कदम रोककर......"आर यू सीरियस विराट ? हम यूं मंदिर में शादी करने वाले हैं? और वो भी किसी को बिना बताए छिप कर, लेकिन आपने तो हमसे वादा किया था....

तपस्या घबराते हुए और डर के साथ बोल ही रही थी कि विराट एकदम से उसे खींचकर अपने करीब कर सीने से  लगा लिया और उसके कमर के इर्द-गिर्द अपनी बाहें लपेट कर  सर्द आवाज में बोला......"क्या बात है प्रिंसेस अभी से साथ छोड़ दिया अभी तो पूरी जिंदगी का सफर बाकी है ।".....कहते हुए उसने तपस्या के आंखों को गौर से देखा और बोला....."डर प्रिंसेस?! डर लग रहा है आपको ,भरोसा नहीं है मुझ पर ?"

कह कर उसने तपस्या के चेहरे पर बिखरे बालों को कानों के पीछे किया और उसके माथे को चुनते हुए बोला......"चलिए वापस चलते हैं शादी-4 दिन बाद ही होगी।"कहकर वो तपस्या को अपनी बाहों से रिहा कर मुड़कर जाने लगा।

तपस्या वही खड़ी रही और  उसे बस जाते हुए देखती रही । विराट तपस्या को खड़ा देख पीछे मुड़कर....."क्या हुआ प्रिंसेस घर नहीं चलना है ? सब वेट कर रहे होंगे ना।"

कह कर वो तपस्या के पास आ गया और  उसका हाथ पकड़ कर बोला...."चलिए मिस रायचंद  आपको मैसेज अग्निहोत्री बनाने के लिए मुझे और चार दिन वेट करना पड़ेगा ।"कहते हुए वो तपस्या की कलाई खींचकर ले जाने लगा।

तपस्या उसे रोकते हुए...."क्या आपको हम पर यकीन नहीं है विराट ?"

विराट जो चलने के लिए कदम बड़ा ही रहा था रुका और उसके चेहरे पर एक मिस्टीरियस स्माइल आ जाती है। वो पीछे मुड़कर तपस्या की तरफ देखता है । उसे खामोश देख तपस्या अपना सवाल दोबारा से दोहराते हुए......"क्या आपको हम पर हमारे प्यार पर यकीन नहीं है?""

"""नहीं है प्रिंसेस ।"तपस्या को दोबारा पूछते देख विराट ने बिना किसी भाव के जवाब दिया और तपस्या को करीब लाकर अपनी बाहों में भरते हुए उसके गालों को अपने उग्लियों से सहलाते हुए बोला......"मुझे बस खुद पर खुद के प्यार पर भरोसा है प्रिंसेस ।किसी और के ऊपर भरोसा करना मेने सालों पहले छोड़ दिया है।"

तपस्या उसके चेहरे को अपनी हथेली में भर ते हुए....."आपको लगता है हम आपको धोखा देंगे ?"

तपस्या के छूने से विराट अपनी आंखें बंद कर लेता है और कुछ याद करते हुए बोला......"धोखा देना इंसान का फितरत होता है हर इंसान देता है। कभी उसे मजबूरी का नाम देकर कभी बेबसी का कभी डर तो कभी  अपनों की फर्ज के लिए। और कभी बदले केलिए।"

कहते हुए उसने अपनी आंखें खोली और तपस्या के हथेली जो उसके चेहरे को छू रही थी अपने हाथों में  भर कर बोला......"अभी जो आप मेरे लिए फील कर रहे हैं वो तो बस आदत है जो मैं आपको फील करने पर मजबूर कर रहा हूं। प्यार होना तो अभी बाकी है, फिर पागलपन फिर दीवानगी फिर वो शिद्दत वाला लव जो मुझे आपकी आंखों में देखना है मेरे लिए। कुछ भी कर गुजरने का पागलपन उसके लिए अभी बहुत वक्त है प्रिंसेस और मुझे तब तक वेट करना है।"

कह कर वो तपस्या के हाथों को हल्के से चूम ते हुए बोला....."अभी चलिए वरना हिटलर रायचंद आपको ढूंढते ढूंढते यहां तक आ जाएगा।"बोलकर विराट उसे लेकर वहां से चलने लगा ।

तपस्या उसे अपनी और  खींच  लेती है । विराट आंखें छोटी कर उसे देखते हुए......"क्या?"

"पंडित जी को कब तक वेट करवाना है मिस्टर अग्निहोत्री चलिए?" बोलकर वो विराट को खींचकर अपने साथ मंदिर की तरफ ले जाती है । विराट सिर टेढ़ा किए उसे देखते हुए....."आर यू sure प्रिंसेस? बहुत इंतजार किया है और 4 दिन भी कर सकता हूं।"

तपस्या चलते-चलते ही...."लेकिन अब हम वेट करना नहीं चाहते हैं आपकी शिद्दत वाली लव की लिस्ट काफी लंबी है और हम जल्दी-जल्दी अपना गोल अचीव करना चाहते हैं।"

पंडित जी सारे रसों के साथ उन दोनों की शादी करने लगे पूरा वक्त विराट की नजर तपस्या पर ही थी और तपस्या की पंडित जी के हर बोले गए मंत्र पर जो वो दिल से सुन भी रही थी और समझने की कोशिश भी कर रही थी। विराट मुस्कुरा दिया।

फिरों के बाद पंडित जी ने विराट को तपस्या की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र डालने के लिए बोला तो तपस्या के चेहरे पर खुलकर एक मुस्कान आ गई । विराट ने उसके मांग में सिंदूर भरा और अपनी पॉकेट से निकालकर एक सिंपल सा मंगलसूत्र उसके गले में बांध ने लगा। मंगलसूत्र बांधने के बाद तपस्या उसके पेंडेंट को अपने मुट्ठियों में भरते हुए खुद से ही....."कंग्रॅजुलेशंस mrs तपस्या विराट अग्निहोत्री ।"बोलते हुए इतराकर विराट की ओर देख बोली"कंग्रॅजुलेशन टू यू too mr अग्निहोत्री, अभी से आप हर छिपकली से दूर रहिए गा।"

विराट उसे गले से लगाते हुए....."ऐसे थोड़ी ही शादी के बधाई दी जाती है mrs अग्निहोत्री वो तो होठों को.....

"Shhhh पंडित जी हैं और हम मंदिर में है इस वक्त।"कहकर उसने पंडित जी से इजाजत ली और अपनी गाड़ी की तरह बढ़ गए।

रायचंद हाउस

अभय अपने रूम में ही कुछ काम कर रहा था। वो यशवर्धन रायचंद को भरपूर अवॉइड करने की कोशिश कर रहा था, तो जब वो ऑफिस में होते थे अभय कोशिश करता था खुद को उनसे दूर रखने के लिए। वो अपने काम में ही बिजी था कि अपने कमरे का दरवाजा knock होने की  आवाज से बिना देखे ही"कम इन।"

बोलता है और वापस से अपने काम में बिजी हो गया ।कुछ पल बाद किसी की गहरी नजर वो खुद पर महसूस करने लगा तो नजर उठा कर देखा और प्रिया को अपने सामने देख कर एकदम से शॉक्ड हुए....."आप यहां?"

प्रिया मुस्कुराते हुए उसके पास आते हुए....."क्यों नहीं आ सकती क्या?"

अभय लैपटॉप बंद कर साइड में रखते हुए प्रिया को देखकर....."जी बिल्कुल आ सकती हैं।"

प्रिया वही बेड पर अभय से थोड़े दूर बैठकर...."आपके पास हमारे लिए वक्त नहीं है या फिर यूं  कहें की आप हमारे लिए वक्त निकालना नही चाहते है तो हमने सोचा के आप से थोड़ा वक्त चुरा लें।"

अभय बंग से मुस्कुराते हुए...."जब हमारा एक  भी पल खुद हमारा ही नहीं है तो उस पर से हम खुद क्या रखें और आपको क्या दें?"

"क्या आप ये रिश्ता तोड़ना चाहते हैं अभय?"...अभय की बात सुनकर  प्रिया ने एकदम से पूछा ।अभय उसके तरफ बिना किसी भाव के देखते हुए....."क्या मेने कभी आपके साथ रिश्ता जोड़ा भी था ? मैंने तो आपसे इंगेजमेंट के दिन ही बोल दिया था कि मैं ये इंगेजमेंट बस मां की खुशी के लिए कर रहा हूं।"

प्रिया ने कुछ नहीं कहा और नजर झुका ली। अभय उसके थोड़ा करीब आकर.... "आई एम सॉरी। मैं आपका  दिल  तोड़ना नहीं चाहता था और इसीलिए हमने पूरी कोशिश की थी के आप खुद ही ये रिश्ता तोड़ दे ।"कहते हुए अभय रुक गया ।

प्रिया उसे खामोश  देखकर....."इंगेजमेंट तोड़ रहे हैं?" 

अभय उसका हाथ थाम कर उसकी आंखों में देखते हुए ....." आप कहीं तो हम इंगेजमेंट नहीं तोड़ेंगे और आपसे शादी भी कर लेंगे लेकिन पत्नी होने का हक कभी दे नहीं दे पाएंगे।"

कहते हुए वो एक गहरी सांस लेता है और थके हुए आवाज में बोला....."वो  हमारे बस  में नहीं है ।"कहते हुए वो पलट कर जाने लगा ।

"नाम नहीं बताएंगे उस खुशनसीब लड़की का जो न होकर भी आपके साथ हमेशा है ।"अभय मुड़कर दर्द के साथ मुस्कुराते हुए...."हमारी वजह से बहुत बदनामी हो चुके हैं उनकी । नाम लेकर और बदनाम नहीं करना चाहते हैं उन्हें ।और रही किस्मत की बात तो हमसे प्यार करना उनकी सबसे बड़ी बदकिस्मती थी शायद।"

कहते हुए वो  जाने लगा और कुछ सोच कर मुड़कर प्रिया की तरफ देखते हुए....."यह रिश्ता हम  दोनों का था तो इसे लेकर कोई भी फैसला भी हम दोनों का ही होना चाहिए हमने अपना फैसला बता दिया है लेकिन फिर भी जो भी फैसला आप करेंगे हम मानलेंगे।"अभय बोला और वहां से चला गया।

*************************

"हम कहां जा रहे हैं?" गाड़ी के पैसेंजर सीट में बैठे हुए विराट की ओर देखकर तपस्या ने पूछा।विराट गाड़ी चलाते हुए शरारती अंदाज में....."शादी के बाद जो करते हैं वही करने जा रहे हैं प्रिंसेस।"

तपस्या शर्म से एकदम से ठिठक ते हुए दोनों हाथों को रब करने लगी।विराट मुस्कुराते हुए......"अभी तो मेने बस बोला ही है आप तो अभी से शर्माने लगी है प्रिंसेस ।"

तपस्या खुद से बुदबुदाते हुए....."हमारे साथ सब उल्टा पुल्टा क्यों हो रहा है आज शादी है और सुहागरात है कल हल्दी है फिर मेहंदी फिर शादी और फिर से......."फिर से सुहागरात प्रिंसेस ।"

उसके बातों को पूरा करते हुए विराट ने कहा और फिर सिर टेढ़ा किया उसके झुकी नज़रों को देख बोला....…"इस वक्त सब कुछ अनऑफिशियल मना लेते हैं फिर ऑफिशल करेंगे ।"

तपस्या धीमी आवाज में मासूमियत के साथ बोली...…"घर पर सब वेट कर रहे होंगे ,हमें देर हो जाएगी। क्या जवाब देंगे हम सबको?"

विराट सर्द आवाज में....."नहीं mrs अग्निहोत्री अब से आपको किसी को कुछ भी जवाब देने की जरूरत नहीं है। आपका हर वक्त आपका हर एहसास आपका हर सवाल जवाब अब सिर्फ मेरे साथ है।"कहते हुए विराट  गाड़ी रोक लेता है। और गाड़ी रुकने से तपस्या के दिल की धड़कन जो ऑलमोस्ट  रुक-रुक कर चल रही थी तेजी से धड़कने लगी ।

वो मुड़कर विराट के और देखने लगी तो विराट उसे इशारों में बाहर देखने के लिए बोला। तपस्या ने मुड़कर देखा तो सामने समंदर था और गाड़ी बीच के पास रूकी हुई थी ।तपस्या  विराट को देखती है तो विराट मुस्कुराते हुए उसके करीब थोड़ा झुकते हुए बोला....…"शादी के बाद घूमना फिरना भी तो होता है ना प्रिंसेस आपके डर्टी माइंड में कुछ और थॉट्स आ रहे थे क्या?"

विराट की बात सुनकर तपस्या एकदम से चेहरा घूमा लेती है और फिर एक नजर भी विराट के और ना देखते हुए तुरंत गाड़ी से उतरकर बीच के तरफ भाग गई।विराट उसे बीच के और भागते हुए देखता रहा। इस वक्त उसके चेहरे पर जीत की खुशी भी थी और आंखों में प्यार का सुकून भी । उसने थके हुए अपना  सिर गाड़ी के सीट से टिका दिया। और बीच में भागते दौड़ते खिलखिलाते हुए तपस्या को देख बोला

"कुछ दगाबाजी हम तेरे एतबार से यूं करेंगे ........तुझसे नफरत भी जालिम हम तुझ पर प्यार लुटा कर करेंगे।"           


कहानी आगे जारी है ❤️