Ishq da Mara - 66 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 66

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इश्क दा मारा - 66

गीतिका यूवी को हर तरफ देखती है मगर वो उसे कही पर भी नहीं मिलता है, तभी घबरा कर गीतिका रोने लगती है। तभी पीछे से कोई आता है और बोलता है, "क्या हुआ तुम यहां पर क्यों खड़ी हो ????

तब गीतिका पीछे मूड कर देखती है कि वो कोई और नहीं बल्कि यूवी होता है। तभी गीतिका जल्दी से यूवी के गले लग जाती है और रोने लगती है।

तब यूवी बोलता है, "क्या हुआ रो क्यों रही हों ???

तब गीतिका बोलती है, "आप गुस्से में मुझे छोड़ कर कहा चले गए थे "।

तब यूवी बोलता है, "मैं तुम्हें अकेला छोड़ कर कहा जाऊंगा, मैं तो तुम्हारे लिए खाना लेने गया था, तुम्हे भूख लग रही थी ना "।

तभी गीतिका यूवी को देखने लगती है। तब यूवी बोलता है, "तुम्हे क्या लगा था कि मैं गुस्से में तुम्हे छोड़ कर चला गया हूं "।

तब गीतिका हा मे सर हिलाती है। ये सुनते ही यूवी गुस्सा नहीं करता है मगर उसे गुस्सा तो बहुत आता है। तब वो आराम से बोलता है, "तुम बार बार रोने क्यों लगती हो, लगता है कुछ ज्यादा ही भूख लग रही है, चलो अब जल्दी से तुम्हे खाना खिला दूं पहले "।

उसके बाद यूवी गीतिका के साथ वापस वही पर जा कर बैठ जाता है और गीतिका को अपने हाथों से खाना खिलाने लगता है। गीतिका आराम से बैठ कर खाना खा रही होती है और तभी वो बोलती है, "आप सिर्फ मुझे क्यों खिला रहे हैं, खुद भी खाइए "।

तब यूवी बोलता है, "मुझे भूख नहीं लगता"।

तब गीतिका बोलती है, "ऐसे कैसे भूख नहीं है, इतनी देर हो गई है और आप ने कुछ खाया नहीं है"।

तभी गीतिका अपने मे खाना ले कर यूवी को खिलाने लगती है यूवी आराम से खाना खा लेता है।

थोड़ी देर बाद........

यूवी और गीतिका खाना खा लेते हैं। तब गीतिका बोलती है, "एक बात बोलूं"।

तब रमेश बोलता है, "हा बोलो"।

तब गीतिका बोलती है, "आपको अभी कुछ काम है क्या ????

तब यूवी बोलता है, "क्यों,,,, तुम क्यों पूछ रही हों "।

तब गीतिका बोलती है, "जितना पूछ रही हु उतना ही जवाब दीजिए"।

तब यूवी बोलता है, "नहीं मुझे कोई काम नहीं है"।

तब गीतिका बोलती है, "अच्छा ठीक है तो फिर मैं सो जाती हूं, क्योंकि मुझे आपके पास बहुत सकून मिलता है। उसके बाद गीतिका यूवी के गोद पर सर रख कर सो जाती है।

यूवी बस ये सब देखता रह जाता है उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा होता है जो गीतिका बोलती है।

गीतिका आराम से यूवी के गोद में सर रख कर सो जाती है और यूवी काफी प्यार से गीतिका को देखते रहता है।

शाम हो जाती है........

मीरा कॉलेज के बाहर खड़ी हो कर यूवी और गीतिका का इंतजार कर रही होती है। वो बार बार उन्हें कॉल कर रही होती है मगर वो कॉल भी नहीं उठते हैं। मीरा बहुत डर जाती है और उसे समझ में नहीं आता है कि वो क्या करे।

उधर यूवी के पापा बहुत ही गुस्से में होते हैं क्योंकि आज यूवी मने एक भी काम नहीं किया होता है और उसके दुश्मन उसका फायदा उठा कर वो काम कर लेते हैं............