Shyari form Guri Baba - 4 in Hindi Poems by Guri baba books and stories PDF | Shyari form Guri Baba - 4

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Shyari form Guri Baba - 4

मैंने खुद को बर्बाद कर लिया,

तेरी मोहब्बत में खुद को खो दिया।


जो खुद को बचा सकता था,

वो दूसरों के लिए टूट गया।


अपनी दुनिया को छोड दिया था,

तुम्हारे लिए सब कुछ खो दिया था।


मैंने खुद को मिटा लिया,

तुमसे प्यार करने के लिए।


जिंदगी की राह में खुद को खो दिया,

तुम्हारे प्यार में सब कुछ खो दिया।


सच्चा प्यार करना सीखा था मैंने,

लेकिन खुद को भूल बैठा था।


मुझे खुद से मोहब्बत करनी चाहिए थी,

पर मैंने तुमसे ही खुद को खो दिया।


कभी खुद को ढूंढने निकला था,

लेकिन अब खुद को खो दिया था।


दिल को तसल्ली दी थी,

पर खुद को टूटते हुए देख लिया।


तुमने जो कहा, वही किया मैंने,

खुद को खोकर तुम्हारा हो गया।


मैंने अपनी पहचान खो दी,

तुमसे मोहब्बत करते हुए।


अपनी उम्मीदों को तोड़ दिया था,

तुम्हारी हंसी के लिए खुद को तोड़ दिया था।


मैंने खुद को बर्बाद कर लिया,

तुमसे वफ़ा करने के बाद।


कभी खुद को समझाने की कोशिश की थी,

लेकिन फिर भी तुमसे दूर हो गया था।


मेरे दिल में कभी अपनी जगह नहीं थी,

तुमने उसे अपना बना लिया था।


मैंने खुद को खोकर पाया था तुमको,

और अब खुद को खोने का अफसोस है।


तुमने जो प्यार किया था,

उसमें खुद को पूरी तरह से खो दिया था।


मेरे दिल में बस तुम थे,

लेकिन खुद को खोते हुए तुम थे।


जो मैं खुद को समझता था,

वो तुम्हारी यादों में कहीं खो गया।


अपनी पहचान की कीमत चुकाई थी,

तुम्हारी यादों में खुद को खोकर।


खुद को प्यार करना सीखा था मैंने,

पर तुम्हें चाहने में खुद को गवा दिया।


सिर्फ तुमसे प्यार किया था,

अब खुद को खोकर जी रहा हूँ।


तुम्हारे बिना जीना तो अब नामुमकिन सा लगता है,

खुद को खोने के बाद फिर क्या जीना।


तुमसे दूर होने का डर था मुझे,

लेकिन खुद को खोने की सजा मिली।


तुमसे मोहब्बत करने का खमियाजा भुगता,

मैंने खुद को टूटने के लिए छोड़ दिया।


मेरे दिल की धड़कन तुम हो,

लेकिन अपनी पहचान को खोने का डर अब मुझे है।


मैंने तुमसे मोहब्बत करने की कीमत चुकाई,

खुद को खोकर अपना सब कुछ खो दिया।


जो कुछ भी था, उसे खो दिया था,

तुमसे दिल लगाने के बाद।


मैंने तुम्हारे लिए खुद को खो दिया था,

अब खुद से ही डरने लगा हूँ।


तुमसे प्यार करते हुए खुद को भुला दिया था,

अब खुद को पाने के लिए तरस रहा हूँ।


तुमसे मोहब्बत में खो बैठा था,

अब खुद को ठीक करने की कोशिश कर रहा हूँ।


मेरे दिल में सिर्फ तुम थे,

लेकिन खुद को खोने का डर अब सताता है।


मेरे सपनों में तुम थे,

लेकिन अपने आप को खो दिया था।


मैंने खुद को तो खो दिया था,

तुमसे दिल लगाने के बाद।


तुमसे प्यार करते करते खुद को खो दिया था,

अब अपनी पहचान तलाश रहा हूँ।


वो मोहब्बत का सिला था,

जो मैंने खुद को खोकर पाया था।


मैंने खुद को तुम पर निछावर किया था,

अब खुद से ही कुछ छुपाने लगा हूँ।


तुमसे प्यार करने में खुद को खो दिया था,

अब तुम्हारी यादों में जी रहा हूँ।


मेरे दिल में बस तुम हो,

लेकिन खुद को खोने का अहसास बढ़ गया है।


तुम्हारी खातिर खुद को खो बैठा था,

अब खुद को ढूँढ रहा हूँ।


तुमसे दूर होकर भी,

मैंने खुद को खो दिया था।


तुमसे मोहब्बत करने का अफसोस नहीं है,

बस खुद को खोने का डर है।


कभी खुद से प्यार किया था,

लेकिन तुम्हारी यादों में खुद को खो दिया।


मैंने खुद को तुम्हारे लिए खो दिया था,

अब खुद को पाने की उम्मीद छोड़ दी है।


जो खुद को समझ नहीं सका,

वो तुझसे प्यार करते हुए खो बैठा।


मैंने खुद को खो दिया था,

तुमसे मोहब्बत करते हुए।


अपने सपनों को साकार किया था,

लेकिन खुद को तो खो दिया था।


मेरे दिल की खामोशी का कारण तुम हो,

तुम्हें खोने के बाद खुद को खो दिया।


तुमसे मोहब्बत के चक्कर में,

अपनी पहचान खो बैठा था।


मैंने खुद को खोकर तुझे चाहा था,

अब खुद को पा सकूँ तो कुछ मिलेगा।