अपनी बुआ जी की बाते सुन कर गीतिका मायूस हो जाती है और सोचने लगती है कि अब वो यूवी से कैसे मिलेगी।
तभी मीरा बोलती है, "मां आप भी कैसी बाते कर रही हों, अब हम कोई बच्चे थोड़े ही है जो खो जाएंगे, और वैसे भी मैं रोज भाई के साथ इसलिए कॉलेज जाती थी क्योंकि मैं अकेली थी, मगर अब तो गीतिका आ गई है, तो फिर किस बात का डर, हम दोनों अकेले ही चले जाएंगे, आप ड्राइवर काका को भेज देना हमारे साथ "।
तब गीतिका बोलती है, "जी बुआ जी, वैसे भी हम बड़े हो गए हैं, और हमे अपने काम खुद ही करने चाहिए "।
तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "अच्छा ठीक है चले जाओ दोनों ड्राइवर के साथ "।
ये सुनते ही गीतिका के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो जल्दी से उठ कर कमरे में जाती है और यूवी को मैसेज करती है और घर से चली जाती है।
थोड़ी देर बाद मीरा और गीतिका कॉलेज पहुंच जाते हैं। वहां जा कर दोनों यूवी को ढूंढने लगते हैं। तभी मीरा बोलती है, "तूने मैसेज तो किया था ना ???
तब गीतिका बोलती है, "हा मैने मैसेज किया था "।
तब मीरा बोलती है, "तो फिर कहा है आपके महबूब"।
तभी मीरा के पीछे से कोई बोलता है, "ये रहे इनके महबूब"।
तभी मीरा मूड कर देखती है कि वो युवी होता है। तब गीतिका बोलती है, "कहा रह गए थे आप, कब से इंतजार कर रही हूं"।
तब यूवी बोलता है, "सॉरी आने में थोड़ा लेट हो गया"।
तभी यूवी गीतिका का हाथ पकड़ कर उसे ले जाता है। तब गीतिका बोलती है,"आप मुझे कहा ले कर जा रहे हैं"।
तब यूवी बोलता है, "मैं क्यों बताऊं खुद ही चल कर देख लो"।
तभी यूवी कार का डोर खोलता है और गीतिका को बैठने के लिए बोलता है। गीतिका बैठ जाती है उसके बाद यूवी भी बैठ जाता है और कार ले कर चला जाता है।
उधर गीतिका की मॉम उसके डैड से बोलती है, "और तैयारी तो सारी हो गई है हमारी, देखना इस बार मेरा बेटा ही MLA बनेगा"।
तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "हा क्यों नहीं "।
उधर यूवी गीतिका को ले कर ऐसी जगह आता है जहां पर नदी और पहाड़ होते हैं। ये देख कर गीतिका बहुत ही खुश होती है और बोलती है, "वाव कितनी सुंदर जगह है यूवी, मैने तो बस ऐसी जगह फिल्मों में ही देखी थी"।
तब यूवी बोलता है, "तो लो आज हकीकत में ही देख लो "।
वो जगह देख कर गीतिका बहुत खुश होती है और और चारों तरफ घूमती रहती है। तभी यूवी उसके पास जाता है और बोलता है, "लगता है ये जगह तुम्हे बहुत पसंद आई है और तुम्हारा अकेले घूमने का मन कर रहा है, तो फिर ठीक है घूमो अकेले मैं जा रहा हूं यहां से"।
तभी यूवी पीछे मूड जाता है तो गीतिका उसका हाथ पकड़ लेती है और बोलती है, "आप कहा जा रहे हैं, मुझे छोड़ कर "।
तब यूवी बोलता है, "तुम्हे ये जगह मुझ से ज्यादा अच्छी लग रही है ना तभी तो मुझे अकेला छोड़ कर बड़े ही आराम से घूम रही हो, तो घूमो"।
तब गीतिका बोलती है, "आप ये कैसी बात कर रहे हैं, आपके ज्यादा कुछ अच्छा लग सकता है भला मुझे "।
तब यूवी बोलता है, "बस बस रहने दो, बाते मत बनाओ "।
तब गीतिका बोलती है, "सॉरी ना गलती हो गई, अब नहीं होगी, और अब मैं आपका हाथ पकड़ कर ही घूमूंगी"।
तब यूवी बोलता है, "मैं यहां पर तुम्हे इसलिए लाया था कि तुम ये जगह देख कर खुश हों जाओगी और मुझे और ज्यादा प्यार करोगी, मगर तुम तो ये जगह देख कर मुझे ही भूल गई "।
तब गीतिका यूवी का हाथ पकड़ कर उसे नदी के पास ले जाती है और वहां पर जा कर बैठ जाती है और उसके कंधे पर सर रख कर बोलती है, "अच्छा तो आप चाहते हैं कि मैं आपसे और ज्यादा प्यार करु, तो फिर बताइए कि कितना प्यार करु ?????
तब यूवी बोलता है, "जितना मैं सोच भी नहीं सकता हूं"।
तब गीतिका बोलती है, "और आपकी सोच मुझे कैसे पता चलेगी"।
तब यूवी बोलता है, "अब ये तुम्हारा काम है जानना"।
तब गीतिका बोलती है, "पहले आप मुझे सच सच बताइए कि आप मुझे यहां पर क्यों ले कर आए हैं"।
तब यूवी बोलता है, "बोला तो अभी की तुम मुझ से और ज्यादा प्यार करो "।
तब गीतिका बोलती है, "तो आपको क्या लगता है कि मैं आप से प्यार नहीं करती हूं "।
तब यूवी बोलता है, "ऐसा नहीं है, वो कल तुम मेरी वजह से परेशान हो गई थी और कितना रोई थी, तो मैने सोचा कि तुम्हे आज खुश कर देता हूं।
तब गीतिका बोलती है, "ओह हो इतना प्यार ......
तब यूवी बोलता है, "तो क्या तुम्हे मेरे प्यार पर शक है "।
ये सुनते ही गीतिका हंसने लगती है और बोलती है, "नहीं .....
वो दोनों एक दूसरे से बाते कर रहे होते हैं।
और वही दूर उन्हें कोई देख रहा होता है और अंदर ही अंदर जल रहा होता है और बोलता है, "कर लो जितना प्यार करना है, बहुत जल्द दोनों को मैं खुद अलग कर दूंगा................