Detective dev in Hindi Detective stories by Sami Ahmad books and stories PDF | जासूस देव

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जासूस देव

शहर के दो अलग-अलग इलाकों में एक ही व्यक्ति की लाश पाई जाती है। दोनों जगहों पर एक जैसी पहचान, कपड़े, और डीएनए रिपोर्ट एक ही इंसान की पुष्टि करती है। पुलिस के लिए यह मामला पहेली बन जाता है, लेकिन जब यह केस डिटेक्टिव देव के पास आता है, तो वह इस रहस्य से पर्दा उठाने का फैसला करता है।सुबह 6:30 बजे—पुलिस को सूचना मिलती है कि शहर के दक्षिणी इलाके में एक सुनसान गली में एक व्यक्ति की लाश पड़ी है। मृतक की पहचान विक्रम मेहरा के रूप में होती है।सुबह 7:15 बजे—एक और फोन कॉल आता है। इस बार शहर के उत्तरी हिस्से में, रेलवे ट्रैक के पास, बिल्कुल उसी व्यक्ति विक्रम मेहरा की लाश पाई जाती है।दोनों मामलों में शवों की तस्वीरें और रिपोर्ट्स देखकर पुलिस चौंक जाती है। दोनों लाशें एक ही व्यक्ति की हैं, लेकिन दोनों जगहों पर एक ही समय में मृत कैसे हो सकता है?यह मामला डिटेक्टिव देव को सौंपा जाता है।देव पहले दोनों घटनास्थलों पर जाता है।पहली लाश (सुनसान गली):मृतक की जेब में एक होटल की रसीद है, जिस पर रात 11:30 बजे का समय दर्ज है।शरीर पर चोटों के निशान हैं, लेकिन खून बहुत कम दिखता है।दूसरी लाश (रेलवे ट्रैक):मृतक की घड़ी रुकी हुई है, जो 3:45 बजे का समय दिखा रही है।शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं है, लेकिन खून जम चुका है।दोनों शवों की मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि होती है कि यह एक ही व्यक्ति है।देव मृतक विक्रम मेहरा के बारे में जानकारी निकालता है। वह एक डबल लाइफ जी रहा था—दुनिया के लिए वह एक व्यापारी था, लेकिन असल में वह एक अंडरवर्ल्ड सिंडिकेट के लिए काम करता था।देव होटल की रसीद से उस होटल तक पहुँचता है। वहाँ के सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि विक्रम रात 11:30 बजे होटल में आया था, लेकिन होटल से बाहर जाने की कोई फुटेज नहीं है।तो फिर वह गली में कैसे पहुँचा?देव होटल के कमरे की जाँच करता है और एक गुप्त सुरंग का पता चलता है, जिससे वह चोरी-छिपे बाहर निकला था।देव को पता चलता है कि विक्रम मेहरा का एक जुड़वां भाई विवेक मेहरा था, लेकिन वह 5 साल पहले लापता हो गया था और सभी ने उसे मृत मान लिया था।देव गहराई से जाँच करता है और पता चलता है कि विक्रम और विवेक दोनों एक ही सिंडिकेट के लिए काम कर रहे थे। एक मिशन के दौरान विवेक को मारने की साजिश रची गई थी, लेकिन वह बच निकला और अपने भाई से बदला लेने के लिए लौट आया।विवेक ने अपने जुड़वां भाई विक्रम को होटल में जहर देकर मार दिया और सुरंग के जरिए बाहर निकल गया।फिर उसने विक्रम के कपड़े पहने और उसे सुनसान गली में छोड़ दिया।खुद रेलवे ट्रैक के पास विक्रम की तरह बनने की कोशिश की, लेकिन किसी ने उसे ट्रैक पर धक्का दे दिया, जिससे वह भी मारा गया।इस तरह दोनों भाइयों की लाशें दो अलग-अलग जगहों पर पाई गईं।देव पुलिस को पूरी सच्चाई बताता है। यह हत्या और बदले की एक जटिल कहानी थी, जो पहली नज़र में असंभव लग रही थी। पुलिस सिंडिकेट के बाकी सदस्यों को पकड़ने के लिए आगे की कार्रवाई शुरू करती है।