Broken watch in Hindi Motivational Stories by Sami Ahmad books and stories PDF | एक टूटी घड़ी

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एक टूटी घड़ी

भाग 1: घड़ी का परिचयएक छोटे से पहाड़ी गांव में, जहां सूरज हर सुबह अपनी सुनहरी किरणों से धरती को आलिंगन करता और पक्षियों का संगीत पूरे गांव को जागृत करता था, एक बूढ़ा घड़ीसाज़ रहता था। उसका नाम हरिओम था। हरिओम की एक खासियत थी — वो घड़ियों की मरम्मत करने में माहिर था। उसकी दुकान गांव के किनारे स्थित थी, जहां छोटी-बड़ी घड़ियां ठीक करवाने के लिए लोग आते थे। उसकी दुकान के दरवाज़े पर एक पुरानी घड़ी टंगी हुई थी, जिसे लोग 'टूटी घड़ी' के नाम से जानते थे।हरिओम के जीवन की सबसे बड़ी गुत्थी वही टूटी घड़ी थी। यह घड़ी उसके पिता की थी, और उसके पिता के लिए यह घड़ी एक ख़ास महत्व रखती थी। लेकिन किसी कारणवश, जब से वह घड़ी टूटी थी, उसे कोई भी चला नहीं सका। न ही हरिओम, न ही उसका पिता। उस घड़ी की मरम्मत का हर प्रयास विफल रहा था, मानो घड़ी ने समय को रोक दिया हो।भाग 2: रहस्यमयी अतीतहरिओम के पिता, रामशरण, ने भी अपनी पूरी ज़िंदगी उस घड़ी को ठीक करने में बिता दी, लेकिन वह क्यों नहीं चल पाई, यह रहस्य हर किसी को उलझा देता था। रामशरण कहा करते थे कि यह घड़ी साधारण नहीं है। उनके मुताबिक, यह घड़ी सिर्फ समय नहीं बताती थी, बल्कि समय को समझने का जरिया थी। रामशरण ने हरिओम को बचपन से यह सिखाया था कि समय के महत्व को समझना, उसे बस नापने से कहीं अधिक जटिल है।लेकिन एक दिन रामशरण अचानक ही उस घड़ी के साथ खो गए। कोई नहीं जानता था कि वह कहां गए और उनके साथ घड़ी का क्या हुआ। जब हरिओम को उनका सामान मिला, तो उसमें वही टूटी घड़ी थी। अब हरिओम के जीवन का उद्देश्य भी इस घड़ी के रहस्य को सुलझाना था।भाग 3: नई पीढ़ीहरिओम बूढ़ा हो चुका था, लेकिन अब उसकी दुकान में उसके बेटे, समीर, ने काम संभाल लिया था। समीर भी अपने पिता की तरह घड़ियों में रुचि रखता था, परंतु वह उतना धैर्यवान नहीं था। समीर को शहर जाकर बड़ा घड़ीसाज़ बनने का सपना था, लेकिन उसके पिता ने उसे गांव छोड़ने नहीं दिया। हरिओम का मानना था कि समीर को भी उस घड़ी के रहस्य को समझने में हिस्सा लेना चाहिए।समीर ने कई बार उस घड़ी को देखा, उसे खोला, उसके तंत्र को समझने की कोशिश की, लेकिन वह भी असफल रहा। घड़ी के अंदर कुछ ऐसे हिस्से थे, जो किसी भी घड़ी से अलग थे। वह कोई साधारण यंत्र नहीं थी, उसके अंदर मानो समय की धड़कनें कैद थीं।भाग 4: अनजानी ताकतेंएक दिन समीर ने महसूस किया कि घड़ी में एक हलचल हो रही है। यह हलचल कोई साधारण कंपन नहीं था। घड़ी के अंदर का वातावरण बदल रहा था, और घड़ी का एक कोना हल्के से चमकने लगा। घड़ी के अंदर की सूइयाँ अचानक हिलने लगीं, लेकिन वह समय के विपरीत दिशा में जा रही थीं।समीर ने तुरंत अपने पिता को बुलाया। हरिओम ने जैसे ही घड़ी को देखा, उसकी आंखों में चमक आ गई। वह समझ गए थे कि घड़ी की यह हलचल किसी बड़े रहस्य की ओर इशारा कर रही है।हरिओम ने कहा, "यह घड़ी समय को रोकने के लिए नहीं, बल्कि उसे बदलने के लिए बनी है। हम सभी इसे गलत समझते आए हैं।"भाग 5: समय का रहस्यघड़ी के साथ उस रात कुछ असाधारण हुआ। जैसे ही समीर ने घड़ी की सुइयों को छुआ, एक चमकदार रोशनी चारों ओर फैल गई। समीर और हरिओम ने खुद को एक अनजान समय में पाया। वह समय न अतीत था, न भविष्य — वह एक ऐसी जगह थी, जहां समय का कोई अर्थ नहीं था।वहां उन्हें रामशरण मिले। रामशरण ने बताया कि उन्होंने उस समय में जाने का रास्ता ढूंढ़ निकाला था, जहां सभी समय एक साथ मौजूद होते हैं। वहां से वह अपने अतीत और भविष्य दोनों को देख सकते थे। उन्होंने समझाया कि घड़ी सिर्फ एक उपकरण नहीं थी, बल्कि यह एक दरवाजा थी — एक ऐसी दुनिया का दरवाजा, जहां समय रुकता नहीं, बदलता है।भाग 6: यात्रा का अंतसमीर और हरिओम ने वहां समय के विभिन्न आयामों को देखा। उन्होंने अपने अतीत की गलतियों को देखा, भविष्य की चुनौतियों का सामना किया और वर्तमान की अहमियत को समझा। रामशरण ने उन्हें यह भी बताया कि समय को बदलने का मतलब है, अपनी सोच, अपनी प्राथमिकताओं और अपने निर्णयों को बदलना।जब समीर और हरिओम वापस अपने समय में लौटे, तो उन्होंने घड़ी को हमेशा के लिए बंद कर दिया। वह अब जान चुके थे कि समय को मापना जरूरी नहीं है, उसे जीना जरूरी है।भाग 7: नया आरंभसमय के इस गहरे अनुभव के बाद, समीर ने अपना सपना छोड़ दिया और अपने पिता के साथ गांव में रहने का फैसला किया। वह अब समझ चुका था कि घड़ियों की मरम्मत करने का असली मतलब सिर्फ तंत्र को ठीक करना नहीं, बल्कि उस समय के मूल्य को समझाना है।हरिओम ने अपनी दुकान समीर को सौंप दी, और वह खुद अब समय के साथ शांतिपूर्ण जीवन बिताने लगा।वह टूटी घड़ी अब भी दुकान में टंगी थी, लेकिन अब वह सिर्फ एक घड़ी नहीं थी। वह उस यात्रा की प्रतीक थी, जो हरिओम, समीर और उनके पूर्वजों ने समय के साथ की थी — एक यात्रा जो कभी खत्म नहीं होती।अंतघड़ी के माध्यम से समय की रहस्यमयी यात्रा की यह कहानी बताती है कि समय केवल मापा नहीं जा सकता, उसे समझना और जीना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। समय के साथ बिताया गया हर पल एक सीख है, जो हमें अतीत से भविष्य की ओर लेकर जाता है।