विराट और तपस्या एक दूसरे में खोए हुए थे के दरवाजा knock होने की आवाज से तपस्या विराट को धक्का देकर खुद से दूर कर उठकर बैठ गई। और हड़बड़ाहट में दरवाजे की तरफ देखकर बोली"हर बार ऐसा क्यों होता है कि जब हम आपके साथ होते हैं हम भूल जाते हैं कि हम कौन हैं क्यों है और कहां पर है?" तपस्या विराट को देखते हुए चिढ़ कर बोली जो अभी भी आराम से बेड पर लेटे उसे शरारती नजर से देख रहा था।
विराट को देख वो और भी गुस्से से चिढ़ ते हुए बोली "कभी-कभी लगता है कि आप हमसे किसी जन्म का कोई बदला लेने हमारी जिंदगी में आए हैं। हमें परेशान देखकर आप मुस्कुरा रहे हैं।"विराट अचानक से अपने चेहरे के भाव बदलकर तपस्या की कलाई खींच खुद के सीने से लगाते हुए"किसी जन्म का क्यों प्रिंसेस इसी जन्म का ही बदला ले रहा हूं ।जितना मुझे तड़पाया है उतना सुध समेत वापस भी तो करना है आपको।"
तपस्या उसके नीली आंखों को और उसके बदले हुए लहजे को देखकर नम आंखों से बोली"कुछ भी करना बस साथ मत छोड़ना ।"विराट कुछ बोलते ही वाला था कि दरवाजा फिर से knock हुआ और इस बार चित्रा जी आवाज देते हुए"बेटा सो रही हो क्या ?"ये सुन कर विराट मुस्कुराते हुए"जल्दी डोर खोल दीजिए प्रिंसेस,सासू मां जूस का गिलास पकड़े खड़ी होंगे आपके लिए ।अपने कल से कुछ खाया नहीं ना और जब आप बिल्कुल भी कुछ नहीं खाती तो सासु मां परेशान होकर आपको जूस पिलाने पहुंच जाती है ।"
विराट की बात सुनकर तपस्या मुंह बनाकर "वो तो हम जब बचपन में
बोलते बोलते वो रुक गई और विराट को शक भरी नजरों से देखते हुए"आपको ये सब कैसे पता ?विराट उसकी बात इग्नोर कर बेड से उठकर अपने कपड़े ठीक करते हुए"जाइए गर्लफ्रेंड..... सासू मां ने भी कल से कुछ नहीं खाया होगा शादी की तैयारी भी करनी है उन्हें ।थोड़ा उनका भी ख्याल रखा कीजिए। आगे बहत कुछ उन्हें भी तो बर्दास्त करना है।"बोलकर वो पलट कर जाने लगा।
तपस्या उसे रोक ते हुए"आप क्या बालकनी से जाएंगे ?"विराट वापस मुड़कर उसे देखते हुए"नहीं आप बोलें तो में दरवाजा खोलकर सासू मां के पैर छू कर उनके आशीर्वाद लेते हुए भी जा सकता हूं ।और आप अगर कहे कि मैं हिटलर रायचंद से मिलकर जाऊं , वो भी मैं कर सकता हूं ।लेकिन उससे क्या होगा ना प्रिंसेस प्रॉब्लम आपको होगी। जाऊं क्या?"
तपस्या उसे देख फिक्र करते हुए"आप गिर गए तो हाथ पैर टूट गए तो?"विराट उसके करीब जाकर उसे कमर से पड़कर अपनी ओर खींचते हुए दबे और इंटेंस आवाज में"इतनी फिक्र है मेरी?"उसे देख तपस्या इतराते हुए"आखिर शादी की रस्में तो आप ही के साथ करनी है ना तो अगर आपके हाथ पैर टूट गए तो फिर मेरी रस्में तो अधूरी रह जाएंगे ना, तो आपकी सासू मां के साथ साथ मुझे आपका भी तो ख्याल रखना पड़ेगा ना ।होने वाले दूल्हे जो हैं आप।"
विराट उसके होठों के करीब बढ़कर उसके होठों को अपनी होठों से भरकर एक डीप किस कर छोड़ ते हुए"दुल्हे का खयाल ऐसे रखा जाता है होने वाली दुल्हन जी।"बोलकर इस से पहले के तपस्या कुछ बोले विराट तूफान की तेजी से वहां से जा चुका था। और तपस्या बस अपने सूझे हुए होठों पर हाथ रख उसके जाते रास्ते को घूर रही थी।
ओबेरॉय इंडस्ट्रीज
सिद्धार्थ अपनी केबिन के ग्लास विंडो के पास खड़ा होकर सिगरेट के कश भरते हुए बाहर खड़े हुए मीडिया के भीड़ को देख रहा था जो बाहर उसी का ही इंतजार कर रहे थे।प्रताप ओबेरॉय उसके डैड केबिन के अंदर आते ही उसे देखकर उसी के पास जाकर खड़े होकर मीडिया के लोगों को देखते हुए बोले"यहां खड़े होकर बाहर मीडिया को घूर ने से प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होगी।"सिद्धार्थ गुस्से से दांत पीसते हुए"एक बार शादी हो जाने दीजिए डैड ,उस तपस्या की तो
"सोचना भी मत सिद्धार्थ। डोंट इवन थिंक। तपस्या रायचंद हमारे लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है ।उसे नुकसान पहुंचाने की बात सोचना भी मत।"
सिद्धार्थ अपने हाथ में पकड़े सिगरेट के टुकड़े को गुस्से से फर्श पर फेंकते हुए"तो आप क्या चाहते हैं डैड जो बेज्जती मुझे उस तपस्या के वजह से झेलना पड़ा है मैं उसे ऐसे ही भूल जाऊ?"
प्रताप जी उसके कंधे पर हाथ रख शांत करते हुए"रायचंद इंडस्ट्रीज के 50% शेयर्स अकेले तपस्या के नाम पर है तो रायचंद इंडस्ट्रीज के 50% इनडायरेक्टली तुम्हारे होने वाली हैं । उसके लिए इतनी कीमत तो तुम चुका ही सकते हो सिद्धार्थ।"बोलकर वो एक शातिर मुस्कुराहट देने लगे और वापस से सिद्धार्थ को देखते हुए बोले"पता लगाओ कि जो फुटेज बाहर मीडिया में लीक हुआ है वो बस कोइंसिडेंस है या फिर उसमें विराट अग्निहोत्री का कोई हाथ है । फिलहाल तो ये जानना ज्यादा जरूरी है कि अगर इसमें विराट अग्निहोत्री का हाथ है तो क्यों है।"
सिद्धार्थ वापस से खिड़की से झांक कर मीडिया की तरफ देखते हुए "वो तुम्हें पता लगा ही लूंगा आज रात अग्निहोत्री इंडस्ट्रीज के तरफ से फॉर्मल इन्विटेशन पार्टी है विराट अभिनेत्री के अवार्ड जीतने की खुशी में तो
"तो तुम वहां पर अपने साथ तपस्या को लेकर जाना।"उसकी बातों को आधे में काटते हुए प्रताप जी ने कहा तो सिद्धार्थ उन्हें असमंजश में देखते हुए"ऑफिशियल पार्टी है डैड कोई प्राइवेट पार्टी नहीं है।"
प्रताप जी उसे देख एविल स्माइल करते हुए"विराट अग्निहोत्री की पार्टी है जिसके mall से ये सब कुछ शुरू हुआ था। तो वहां पर मीडिया तो जरूर होगा। और तुमसे सवाल भी पूछेगा । इससे पहले की मीडिया तुम्हारे और तपस्या के रिश्ते पर कोई सवाल उठाए तपस्या को तुम्हारे साथ देख अपने सवालों के जवाब खुद ढूंढ लेगी।"
सिद्धार्थ कुछ सोचते हुए"क्या तपस्या जाने के लिए मानेगी?जितना मुझे पता है बिजनेस पार्टी में जाना उसे वैसे भी पसंद नहीं है।"प्रताप ओबराय मुस्कुराते हुए"तपस्या के मना करने ना करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। बात सिर्फ यशवर्धन रायचंद के मानने ना मानने का है और अपनी रेपुटेशन को बचाने के लिए वो तो मान ही जाएंगे।"कहकर वो एक सातिर हंसी हसने लगे।
अग्निहोत्री हाउस
डाइनिंग टेबल पर पीहू बैठकर अपने ब्रेड टोस्ट एंजॉय कर रही थी ।और उसके पास श्लोक बैठ अपने उटपटांग बातों से उसे हंसाने की कोशिश कर रहा था ।आज स्कूल की छुट्टी थी और विराट से पीहू 2 दिनों से मिली नहीं थी तो वो कुछ सोचते हुए अनुपमा जी की तरफ देख नाराजगी दिखाते हुए "नानी ,पार्टनर कहां गायब है दो दिनों से? उन्हें तो मेरी फिक्र भी नहीं है।"
श्लोक उसे देख चिढ़ा ते हुए...."देख लो, मैं ना कहता था आपके पार्टनर आपको बिल्कुल भूल चुके हैं। मैं ही हूं आपका सब कुछ और आप है कि मुझे बिल्कुल प्यार ही नहीं करते ।"
बोलते हुए श्लोक अपना मुंह बना चुका था।उसके बात सुनकर अनुपमा जी कुछ बोलने को हुई ही थी के पीछे से विराट जो बाहर से घर के अंदर ही कदम रख रहा था सर्द आवाज में....."बिल्कुल ,अगर इतनि सारी जिम्मेदारी उठा ही रहा है तो आज से पूरे ऑफिस की जिम्मेदारी तू ही उठाना । मैं सोच रहा हूं कुछ दिन छुट्टी लेकर घर पर रहूं और पूरा वक्त प्रिंसेस के साथ बिताऊं।"
उसकी आवाज सुनकर पीहू भाग कर उसे लिपट ते हुए...."पार्टनर आपको तो हमारी कोई फिक्र ही नहीं है ,हमें तो आप श्लोक मामू के हवाले कर के भूल ही गए हैं और श्लोक मामू के उटपटांग जोक्स हमें ही झेलना पड़ रहा हैं ,क्या आप हमें जरा सा भी प्यार नहीं करते?"बोलकर ही पीहू गुस्से से भरी हुई मासूम शक्ल बनाकर विराट को देखने लगी।
उसकी बात सुनकर और उसकी मासूमियत देखकर विराट को तपस्या की याद आ जाती है। और खुद ब खुद ही उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान खिल जाती है । उसकी वो हल्की सी न दिखने वाली मुस्कान को देख अनुपम जी और श्लोक आंखें फाड़ कर एक दूसरे को देखने लगे।
श्लोक eye रोल करते हुए खुद से बोला ....."कल रात ये महासय घर पर नहीं थे ना ही ऑफिस में थे तो क्या इस मिरिकल की वजह वो छिपकली है?"
फिर खुद ही खुद पर झल्लाते हुए नाक सिकुड़ कर बोला...."ना ना ना श्लोक्र सुबह-सुबह किसके बारे में सोच रहा है? भाई के चेहरे पर ये मुस्कान तो बस तपस्या....
बोलते बोलते ही वो रुक गया और चीखते हुए भाग कर विराट के पास जाकर उससे लिपट कर बोला ....."भाई मजा आ गया आज ।आपने तो एकदम से दिल खुश कर दिया।"
विराट उसे खुद से धक्का देकर अलग करते हुए...."क्या सुबह-सुबह ही चढ़ा कर आया है?"विराट की बात सुनकर श्लोक उसके पास वापस से जाकर उसके शर्ट को सूंघते हुए"मैं चढ़ा कर आया हूं या नहीं वो मसाला नहीं है भाई ,आपने बिल्कुल चढ़ाया नहीं है वो सोचने की बात है। ऊपर से आपके शर्ट से लेडीज परफ्यूम की खुशबू आ रही है ।और ये प्यारी सी भीनी सी खुशबू उस छिपकली का तो बिल्कुल भी नहीं है, उसके परफ्यूम से तो जहरीली खुसबू अति है। सूंघने भर से ही इंसान चलबसे।"
जानवी का नाम सुन ते ही विराट कुछ याद करते हुए अनुपमा जी के तरफ देखता है और उनके पास जाकर चेयर खींचकर उनके पास बैठते हुए...."भूख लगी है मां ब्रेकफास्ट सर्व कर दीजिए।"
अनुपम जी भी उसकी बात सुनकर शॉक्ड अंदाज में...."तू सच में ब्रेकफास्ट करेगा?".....
विराट उन्हें आंखें छोटी कर देखते हुए....."तो क्या ना करूं?"अनुपम जी मुस्कुराते हुए उसके सामने प्लेट रख पोहा सर्व करते हुए......"वैसे श्लोक की बातों में सच्चाई तो है ।"
विराट अपने लिए ग्लास में ज्यूस सर्व करते हुए....."मां प्लीज ।"अनुपमा जी हंसते हुए ...."तू नाश्ता कर मैं तेरे लिए कॉफी बना कर लाती हूं।" बोलकर वो वहां से जाने लगे।
विराट उन्हें रोक कर ...."जरूरत नहीं है मां, में ज्यूस ले लूंगा। और आप यहां बैठिए मुझे कुछ जरूरी बात करनी है आप से।" बोलकर वो जूस पीते हुए अनुपमा जी को देखने लगा। अनुपम जी उसे सवालिया नजरों से देखकर वही उसके पास ही बैठ गए।
विराट कुछ पल रुका और फिर श्लोक को आवाज देते हुए..... "तुझे क्या अलग से नियोता देना पड़ेगा?"
श्लोक पीहू का हाथ पकड़ कर भाग कर उसके पास आकर खड़ा हो गया और बोला....."नहीं भाई आज हवाओं का रुख इतना बदल हुआ है कि कुछ समझ में ही नही आ रहा है।"
विराट उसकी बातों को इग्नोर करते हुए अनुपमा जी के और देखकर बिना भाव बोला....."मां आज से श्लोक के मेरे और आपके अलावा कोई भी परि दी से अकेले नहीं मिल सकता। कोई नहीं मतलब कोई भी नहीं।"
अनुपमा जी उसकी बात सुनकर ना समझी से उसके तरफ देखते रहे और श्लोक झट से बोला......"क्या उस छिपकली ने कुछ किया है भाई?"
विराट उसके तरफ एक सर्द नजर डालकर....."Don't कॉल हर छिपकली उसका एक नाम भी है श्लोक। कम से कम प्रिंसेस के सामने इस तरह के वाहियात लफ्ज़ इस्तेमाल मत करो।"
बोलकर वो उठते हुए अपने जूस का ग्लास खत्म कर अनुपमा जी के तरफ देख कर बिना किसी एक्सप्रेशन बोला...."मां ...5 दिन बाद शादी है मेरी।आपकी बड़ी बहू आने वाली है ।तैयारी सुरु कीजिए ।"...बोलकर इससे पहले की कोई कुछ बोलता या रिएक्ट कर पाता वो अपने कमरे की तरफ चला गया।
कहानी आगे जारी है ❤️
क्या रिएक्शन होगा श्लोक और अनुपमा जी का विराट के मुंह से अचानक शादी की बात सुन कर?क्या सिद्धार्थ की बात मानकर तपस्या विराट के पार्टी में जाएगी?और कैसा रिएक्ट करेगा विराट तपस्या को सिद्धार्थ के साथ देख कर?जानने केलिए आगे पढ़ते रहें।🥰 और प्लीज like comment और share करते रहें।🙏🙏🙏❤️❤️❤️