रहस्यमयी हवेली
उत्तर भारत के एक छोटे से गांव में एक पुरानी और सुनसान हवेली थी जिसे लोग "कालिका हवेली" के नाम से जानते थे। गांववालों का मानना था कि वहां भूत-प्रेतों का बसेरा है। कोई भी व्यक्ति रात के समय उस हवेली के पास जाने की हिम्मत नहीं करता था। यह कहा जाता था कि जो कोई भी हवेली में रात गुजारने की कोशिश करता, वो सुबह तक गायब हो जाता।
एक दिन, शहर से एक युवक, अर्जुन, उस गांव में आया। वह एक खोजी पत्रकार था और उसे रहस्यमयी कहानियों पर लेख लिखने का शौक था। गांववालों से हवेली की कहानी सुनने के बाद अर्जुन ने तय किया कि वह इस रहस्य को सुलझाकर रहेगा। उसने गांववालों से काफी समझाने की कोशिश की कि यह सब अंधविश्वास है, पर किसी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
अर्जुन ने अपनी योजना बनाई और रात के समय हवेली जाने का फैसला किया। चांदनी रात थी, हवेली तक पहुंचने का रास्ता सुनसान और भयावह था। जैसे ही वह हवेली के पास पहुंचा, उसने देखा कि हवेली की खिड़कियों से हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी। यह देखकर उसकी उत्सुकता और बढ़ गई।
हवेली का मुख्य द्वार जर्जर था, लेकिन किसी तरह उसने उसे खोल लिया। अंदर का माहौल ठंडा और रहस्यमय था। दीवारों पर अजीब चित्र बने हुए थे और एक कोने में धूल से भरी किताबें रखी थीं। अर्जुन ने टॉर्च जलाकर चारों तरफ देखा। अचानक उसे महसूस हुआ कि कोई उसकी तरफ देख रहा है।
पीछे मुड़ते ही उसने देखा कि एक काले लिबास में बुजुर्ग महिला खड़ी थी। उसकी आंखें चमक रही थीं और चेहरा भयावह था। अर्जुन को लगा कि वह फंस चुका है। महिला ने धीमी आवाज़ में कहा, "तुम्हें यहां नहीं आना चाहिए था।" अर्जुन ने साहस जुटाकर पूछा, "आप कौन हैं और यह जगह इतनी डरावनी क्यों है?"
महिला ने हंसते हुए कहा, "यह हवेली मेरे परिवार की थी, लेकिन लालच और दुश्मनी ने इसे श्रापित बना दिया। मेरे परिवार के सभी लोग एक-दूसरे की साजिशों का शिकार हो गए। उनकी आत्माएं अब भी यहां भटक रही हैं।"
अर्जुन को अब समझ में आया कि गांववाले क्यों डरते थे। उसने महिला से पूछा कि वह उनकी मदद कैसे कर सकता है। महिला ने कहा, "यदि तुम गांववालों को सच बता दो, तो शायद इस श्राप का अंत हो सकता है।"
अर्जुन ने साहस दिखाते हुए रात हवेली में बिताई और सुबह होते ही गांववालों को पूरी कहानी सुनाई। पहले तो किसी ने यकीन नहीं किया, लेकिन जब अर्जुन ने हवेली से लाए प्रमाण दिखाए, तो लोग समझ गए कि डर के पीछे केवल अतीत का पाप था।
कुछ महीनों बाद, हवेली को गिरा दिया गया और वहां एक मंदिर बनाया गया। गांव में फिर कभी कोई अजीब घटना नहीं हुई। लेकिन अर्जुन के लिए यह कहानी उसके जीवन का सबसे बड़ा
रहस्य बनकर रह गई। कुछ समय बाद, अर्जुन ने एक तंत्र-मंत्र विशेषज्ञ की मदद ली, जो हवेली के रहस्यों का हल ढूंढने में मदद कर सके। जब वे हवेली पहुंचे, तो माहौल और भी गहरा और अंधेरे में डूबा हुआ था। तंत्र-मंत्र विशेषज्ञ ने हवेली के अंदर कुछ विशेष क्रियाएं कीं, और अचानक हवेली की दीवारों से अजीब सी आवाजें आनी लगीं। जैसे ही तंत्र-मंत्र पूरा हुआ, हवेली की हवा हल्की हो गई और वह भयावहता गायब हो गई।
कुछ दिनों बाद, अर्जुन ने रिपोर्ट तैयार की और गांववालों को बताया कि हवेली के रहस्यमय घटनाएं केवल अतीत के अपराधों की वजह से थीं। अब हवेली को फिर से सामान्य बना दिया गया था और उस पर कोई अजीब घटना नहीं घट रही थी।
अर्जुन ने हवेली से अपने अनुभवों को साझा किया, और यह कहानी न सिर्फ गांव, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी चर्चित हो गई। लेकिन अर्जुन को हमेशा यही लगा कि कुछ रहस्य ऐसे होते हैं, जिन्हें पूरी तरह से सुलझाना नामुमकिन होता
है।
दीपांजलि
दीपाबेन शिम्पी गुजरात