श्रेया का केबिन
आकाश जैसे ही श्रेया के केबिन में आया उसने देखा कि श्रेया अपनी आंखे बंध करके कुर्सी पर बैठी हुई थी। अपने ख्यालों में खोई, शांत चेहरा लेकिन गंभीर भाव के साथ। वो उसके पास गया और उसकी चोट देखने के लिए उसने अपनी नजरे श्रेया के चेहरे से उसके पैरों पर की।
"श्रेया..." आकाश के चिल्लाने की वजह से श्रेया डर से उठ गई। उसकी सास फूल गई थी और आंखे शोक से बड़ी। श्रेया उसे कुछ पूछ पाती उससे पहले ही आकाश ने उसकी कुर्सी दूसरी जगाह पे खींच ली। कुर्सी के पास पानी गिरा हुआ था जिस वजह से श्रेया की बैंडेज पे पानी लग गया था।
आकाश ने फटाफट से उसकी बैंडेज खोली और नर्स को बुलाने बाहर चला गया। श्रेया को आकाश की उसके लिए परवाह देख अच्छा लगा रहा था। वो मन ही मन आकाश को देख खुश हो रही थी।
आकाश थोड़ी देर में वापिस केबिन में आया, उसके साथ एक नर्स भी थी।
नर्स : डॉक्टर अवस्थी, क्या हुआ? यह सर... OMG.. आपको तो बहुत चोट लगी है।
श्रेया एक बार आकाश की तरफ देख और फिर नर्स की तरफ देखके कहा, "वो में जल गई थी। ज्यादा कुछ प्रोबलेम नहीं है। आप बस मेरी बैंडेज कर दीजिए।"
"क्या ज्यादा प्रोबलेम नहीं है, हा? बुलाऊं राजशेखर को.. बताऊ उसे की कैसे पानी टच हो गया था। हाऊ केरलेस यू आर? वो तो थैंक गॉड की चोट पे नहीं लगा, में वक्त पे आ गया। ऐसे कौन से ख्यालों में खोई हुई थी तुम? कुछ महसूस भी नहीं हुआ तुम्हे। "
आकाश के सवाल सुन के श्रेया अपनी बड़ी बड़ी आंखों से बस उसे ही देखे जा रही थी।
"फाइन तुम्हे जो करना है करो। वैसे भी तुम कहा मेरी बात मानोगी, और क्यों ही मानोगी?" आकाश ने झूठी नाराजगी जताते हुए कहा और चुप हो कर खड़ा हो गया। वो बस नर्स को बैंडेज करते हुए देख रहा था। श्रेया उसे देख रही थी। जैसे जैसे नर्स बैंडेज लगा रही थी, आकाश के चेहरे को देख के लग रहा था जैसे चोट उसे लगी हो, उसे दर्द हो रहा हो। जब की श्रेया के चेहरे पर बस एक हल्की सी मुस्कुराहट थी। उसके चेहरे से मानो जैसे दर्द आकाश ने छिन लिया हो और दर्द उसने खुद के हिस्से में कर लिया हो।
"आकाश..." श्रेया कुछ बोलने ही वाली थी कि अपना नाम सुनके आकाश ने उसे बीचमें टोकते हुए कहा, "श्री... आई नौ तुम्हे बहुत दर्द हो रहा होगा, बस थोड़ी देर, ह्म्म।"
"हो गया माम।" नर्स ने कहा।
नर्स के जाते ही आकाश श्रेया के पास आया और नीचे झुकते हुए उसके पैर के पास बैठ गया।
"बहुत दर्द हो रहा है?" आकाश ने श्रेया की आंखों में देखते हुए कहा। "तुम रो रही हो। पक्का बहुत दर्द हो रहा होगा।"
श्रेया के बहते आंसू पोछ कर आकाश ने फिरसे पूछा, "क्या मेने कुछ किया?"
श्रेया ने ना में अपना सिर हिलाया।
"तो फिर?" आकाश श्रेया को ऐसे रोता देख बहुत टेंशन में चला गया था।
"तुमने मुझे क्या बुलाया..?"
"श्री। यू ऑलवेज वॉन्टेड..।"
श्रेया ने तुरंत उसे रोकते हुए कहा, "आकाश.. आई कांट बी यौर गर्लफ्रेंड। वी कांट बी टुगेदर। कुछ नहीं हो सकता हमारा।" श्रेया की बात सुन आकाश को मानो जैसे बहुत बड़ा सदमा लगा हो, वो बस एक टक उसे देखे है रहा था। श्रेया रो रही थी। उसकी आंखो से बिना रुके आंसू बह रहे थे। उसे देख आकाश की आंखे नम हो गई। देखते ही देखते उसकी आंख से आंसू गिर पड़े।
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Cintinues in the next episode....
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