IITian Baba in Hindi Spiritual Stories by Gurpreet Singh HR02 books and stories PDF | आईआईटीआन बाबा

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आईआईटीआन बाबा अभय सिंह की प्रेरणादायक कहानी

यह कहानी एक ऐसे लड़के की है, जिसने न केवल अपनी मेहनत और संघर्ष से एक नया मुकाम हासिल किया, बल्कि अपने समाज को भी एक नई दिशा देने की कोशिश की। यह कहानी है बाबा अभय सिंह की, जो आज युवाओं के बीच एक प्रेरणा के रूप में जाने जाते हैं।

प्रारंभिक जीवन
बाबा अभय सिंह का जन्म एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनका परिवार साधारण था, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें अच्छी शिक्षा देने की कोशिश की। अभय सिंह को बचपन से ही किताबों का बहुत शौक था। हालांकि, उनके पास ज्यादा साधन नहीं थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी गरीबी को अपनी मंजिल के रास्ते में नहीं आने दिया।

उनका सपना हमेशा से बड़ा था – IIT में दाखिला लेना और एक दिन समाज में कुछ ऐसा करना, जिससे लोग उन्हें हमेशा याद रखें।

संघर्ष और IIT की यात्रा
अभय सिंह ने अपनी शिक्षा के दौरान कई मुश्किलें झेली। गाँव में शिक्षा की सुविधाएं बहुत कम थीं, और घर के पास कोई कोचिंग सेंटर भी नहीं था। लेकिन अभय ने हार मानने के बजाय अपने लक्ष्य को और भी मजबूत किया।

उन्होंने ऑनलाइन सामग्री का सहारा लिया और खुद से ही IIT की तैयारी शुरू कर दी। दिन-रात की मेहनत, कई बार असफल होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

आखिरकार, सालों की कठिन मेहनत के बाद, उन्होंने IIT में प्रवेश प्राप्त किया। यह उनका पहला बड़ा कदम था, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी।

IIT में समय और जीवन की कठिनाइयाँ
IIT में प्रवेश पाना खुद में एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन वहां की पढ़ाई और प्रतिस्पर्धा ने उन्हें एक नई चुनौती दी। अभय सिंह को महसूस हुआ कि IIT में सिर्फ ज्ञान की नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी आवश्यकता होती है।

वह दिन-रात किताबों में खोए रहते, लेकिन एक चीज़ जो उन्हें सबसे ज्यादा प्रेरित करती थी, वह थी उनके गाँव के लोगों की उम्मीदें। वे जानते थे कि उनके द्वारा किया गया संघर्ष न सिर्फ उनका, बल्कि उनके पूरे गाँव और समाज का नाम रोशन करेगा।

समाज सेवा और योगदान
IIT में पढ़ाई के दौरान ही अभय सिंह ने महसूस किया कि सिर्फ एक इंजीनियर बनना ही उनकी मंजिल नहीं है, बल्कि समाज को कुछ वापस देना भी जरूरी है। उन्होंने समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाए।

उन्होंने कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया, जिनसे गाँव के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। उन्होंने मुफ्त ट्यूशन क्लासेस शुरू की, जिससे कई बच्चों का जीवन बदल गया।

उनकी कोशिश थी कि वह IIT के नाम से ज्यादा, समाज के लिए कुछ ऐसा करें जिससे आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें याद रखें।

आज का बाबा अभय सिंह
आज बाबा अभय सिंह IIT के बाद एक सफल इंजीनियर हैं, लेकिन उनका दिल अभी भी समाज सेवा में लगा हुआ है। वह हमेशा कहते हैं, "अगर आपके पास ज्ञान है, तो उसे दूसरों के साथ बाँटिए, क्योंकि यही असली सफलता है।"

आज भी वह अपने गाँव और आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कई संस्थाओं और गैर-लाभकारी संगठनों से जुड़कर समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

कहानी का संदेश
बाबा अभय सिंह की कहानी यह सिखाती है कि संघर्ष और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों, अगर इरादा मजबूत हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती।

उनकी जिंदगी यह भी बताती है कि असली सफलता सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धियों में नहीं, बल्कि समाज के लिए कुछ अच्छा करने में है।

"समाज का विकास ही असली सफलता है," – यही अभय सिंह का संदेश है, जो आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित करता है।