साइबर क्राइम अखबारों में आये दिन पढ़ने को आता था कि फला आदमी के खाते से इतने रु निकल गए।मैं सोधता ऐसा कैसे हो जाता है।लेकिन जब मेरे साथ ऐसा हुआ तब सनझ में आया।
बात 2020 की है।इस साल को आप भी नही भूले होंगे।आप क्या दुनिया का कोई भी आदमी नही भुला होगा।भूल भी नही सकता।चीन से 2019 में शुरू हुई बीमारी ने 2020 में पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया था।
उन दिनों मैं बहुत परेशान था।मेरे बेटे की तबियत बिगड़ी और2 24 फरवरी को आगरा के SN अस्पताल में भर्ती कराया था।तबियत में सुधार न होने पर2 26 फरवरी को आगरा में ही सिनर्जी प्लस अस्पताल में भर्ती कराया।लेकिन वहां भी सुधार नही हुआ तो 9 मार्च 2020 को जयपुर के SMS में लेकर आया लेकिन कुछ घण्टे बाद ही मोनीलेक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।और जब वह मोनीलेक में था तभी लोकडौन हो गया था।सब कुछ बन्द।बस बन्द,ट्रेन बन्द, बाजार बंद।सड़के सूनी।
एक तो ऐसे में समाजसेवी संस्था आगे आयी जो फस गए थे।उन्हें भोजन उपलब्ध कराते।सबसे अच्छी बात यह थी कि अस्पताल की अपनी केंटीन थी और स्टाल भी।इसलिए चाय व खाने की दिक्कत नही थी।
बेटा ICU में भर्ती था।मैं जब चाय पीनी होती मैं नीचे आ जाता।अस्पताल का कम्पाउंड काफी बड़ा था।स्टाल के बाहर बेंचे लगी थी।मैं वहाँ बैठा बाहर की तरफ देखता रहता।चारो तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा नजर आता।कोई जानवर भी न दिखता।
मेरा छोटा भाई जयपुर में है।मेरा खाना घर से आता।खाना लाने के लिये मेरे भतीजे को पुलिस विभाग से पास बनवाने पड़े।फिर भी कई जगह रोका जाता था।
और 2 अप्रैल2020 को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गयी थी।आने के सारे साधन बन्द थे।इसलिय जयपुर में ही भाई के घर पर रुकना पड़ा था।
अब मुख्य बात पर आता हूं।8मई 2020 को मुझे बाजार जाना था।कर्फ्यू मे दिन में ढील दी जाती थी।बाजार खुलता था।तब मैं पोते के साथ सब्जी व अन्य सामान लेने बाजार जाता था।उस दिन मैं बाजार जा रहा था तब एक फोन आया।अनजान नम्बर से।उसने बैंक का आदमी बताया मैंने फोन भतीजे को दे दिया।वह बात करने लगा।और मेरे एकाउंट मे से 4999 रु कट गएपपैसे कटने का कोई msg नही आया।लेकिन उसी दिन मैने2000 रु ATM से निकाले तब बेलेंस देखकर मैं चोंका और मैने तुरन्त email से बैंक को इसकी सूचना दी।
अगलेदिन यानी 9 मई2020 को शाम को अचानक मेरे मोबाइल पर sms आने चालू हुए।और मेरे एकाउंट में17 ट्रांजेक्शन हुए। इन17 ट्रांजेक्शन में बार बार पैसे जमा किये गए और निकाले गए और कुल35000 रु उस दिन मेरे खाते से निकल गए।मेरी समझ मे यह नही आया कि बिना OTP के मेरे खाते से 35000 रु निकल कैसे गए।
मैने अपने बेटे को msg वाली बात बताई तो वह बोला,"आपके खाते से cyber फ्रॉड हो रहा है आप जल्दी से बचे रु निकाल लो
मैं भतीजे के साथ ATM गया औऱ तुरन्त मैने पैसे निकाल लिए।जब आगरा आया तो मैनेजर से मिला और शिकायत की।सब जगह लिखा।RBI, ग्रह मंत्री, प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री सब को लिखा।बैंक के कहने पर FIR के लिये भाग दौड़ की पूरे एक साल बाद FIR 84/23 लिखी गयी।बैंक ने SOP भी भरवाई
लेकिन मई में पूरे 5 साल हो जायेगे लेकिन मैं अपने39999 रु के लिये लड़ रहा हूँ।यह मेरे पेंशन के पैसे थे।मेरे ही देश मे न प्रधानमंत्री, न गृहमंत्री न वित्तमंत्री मुझे मेरा पैसा वापस दिला सके है।
(नोट--अगर कोई मुझे बता सके कि मुझे बैंक से अपने 39999 रु वापस लेने के लिये क्या करना चाहिए तो कृपया अपना सुझाव जरूर दे)