एक सिटी में एक लड़का और एक लड़की रहते थे । उनका नाम आहान और शनाया था। यह दोनों बहुत अच्छे दोस्त होते है। बचपन से एक दूसरे के साथ रहते थे। आहान बहुत आलसी होता है। आहान कभी अपना काम टाइम पर नहीं करता, सारे काम शनाया से करवाता था। शनाया कर भी देती थी। आहान को गाने सुनना और गेम खेलना बहुत पसंद था। और शनाया पढाई में बहुत होशियार होती है।शनाया को पढ़ाई करना और आहान से बातें करना पसंद था। इन दोनों के बीच कोई नहीं आता था सब आहान से डरते थे । ऐसे ही समय बीतता है और दोनों बड़े हो जाते हैं।आहान के अंदर कोई सुधार न होता देख के आहान के मम्मी पापा को बहुत चिंता रहती थी। डांटने पर शनाया हर बार आहान को बचा लेती थी। पर यह कब तक चलता दोनों कॉलेज आ गए थे। आहान एक क्लास पीछे था शनाया से क्युंकि आहान फ़ैल हो गया था। आहान के पापा ने आहान को बहुत सुनाया और आहान कुछ नहीं बोलता चुप-चाप अपने रूम में चला जाता था। उतने में शनाया आ जाती है। और आहान के पापा शनाया से कहते है बेटा अब तू ही इसे समझा।तब शनाया आहान के पास जाती है और आहान को पढाई करने के लिए बोलती है। शनाया आहान को कहती है आगे तुमने पढ़ाई नहीं की तो मैं तेरी कोई हेल्प नहीं कर सकती।आहान बहुत सीरियस हो गया था पापा ने बहुत गुस्सा किया आज आहान पर। आहान ने शनाया से कहा यार मुझसे नहीं होती पढ़ाई, शनाया कहती है मैं तेरी हेल्प करुगी हम दोनों साथ में पढ़ाई करेंगे। तो आहान मान जाता है। और हर रोज दोनों पढ़ाई करते। शनाया आहान को पढ़ाई में पूरी मदद करती।अब आहान का मन ना होने पर भी शनाया के साथ पढाई करता, क्योकि आहान कभी शनाया का दिल नहीं दुखाना चाहता था। शनाया आहान को बहुत पसंद करती है। बचपन से ही पर कभी कहती नहीं है और आहान भी शनाया को बहुत पसंद करता है। बचपन से दोनों एक दूसरे को पसंद करते है पर कभी एक दूसरे से नहीं कहते, दोनों डरते है कही हमारी दोस्ती खत्म ना हो जाए और एक दूसरे से दूर ना हो जाए पर आहान की मम्मी कभी -कभी शनाया को कहती रहती है।बेटा तू ही आहान का ख्याल रख सकती है। तू मेरे आहान से शादी कर ले इस पागल को तेरे अलावा कोई नहीं समझा सकता है। आहान तेरे अलावा किसी और की नहीं सुनता (आहान की मम्मी शनाया को पसंद करती है)। शनाया को शर्म आ जाती है। आहान की मम्मी कहती है, हर रोज आहान के पापा आहान पर गुस्सा करते है।इतना सुनकर के शनाया अपने घर चली जाती है क्योकि आहान घर पर नहीं होता अपने पापा के साथ कही गया होता है। किसी काम से एक दिन कॉलेज की तरफ से घूमने ले जाया जा रहा था शनाया आहान से कहती है हमें भी घुमने के लिए जाना हैं तो आहान कहता है हां क्यों नहीं, शनाया आहान और शनाया दोनों का नाम लिखवा देती है।दोनों अपने घर पर कहते है जाने के लिए पर आहान के पापा नहीं जाने देते आहान को। उसके पापा डांटने लगते हैं कोई काम अच्छे से करता है क्या जो यह कही जाए, पढ़ाई पर ध्यान तो है नहीं। तभी शनाया आ जाती है और आहान के पापा से कहती है अंकल आहान को मैं पढा़ती हूँ और आहान पढ़ाई पर अच्छे से ध्यान देने लगा है। आप आहान को मेरे साथ जाने दो अब आहान कभी फेल नहीं होगा मुझे यकीन है। शनाया की बात सुनने के बाद आहान के पापा राज़ी हो जाते है। शनाया आहान के पास जाती है और कहती है सुबह जल्दी उठ जाना, ठीक है। फिर दोनों जाने के लिए तैयारी करने लगते है। अगले दिन सुबह सब जाने के लिए तैयार थे। पर आहान को लेट करने की बीमारी होती है। तभी शनाया तैयार हो कर आ जाती है आहान के घर पर आहान अभी तक सो रहा होता है। शनाया -आहान कहा है,आहान की मम्मी – आहान सो रहा हैशनाया – अभी तक सो रहा है। इतना कहे के शनाया आहान के रूम में चली जाती है। और आहान को उठाने लगती है। आहान कहता है कुछ देर और सोने दे यार, शनाया कहती है नहीं हम दोनों लेट हो जाएगें फिर आहान उठ जाता है। और जल्दी से तैयार होने लगता है। क्योकि आहान शनाया का हर कहना मानता है। और जल्दी कॉलेज की और जाते है। दोनों कुछ ही टाइम बाद कॉलेज पहुँच जाते है। कुछ देर और लेट करते तो सब निकल जाते, शनाया आहान को मारने लगती है क्योकि सब बस में बैठबै गए थे सिर्फ आहान और शनाया का ही इंतजार कर रहे थे। दोनों भी जल्दी से बस में बैठे जाते है सब मौज मस्ती करते है और गाना गाते है ।आहान और शनाया को सब से पीछे की सीट मिलती है। लेट होने की वजह से शनाया आहान पर गुस्सा करती है आज तेरी वजह से बस छूट जाती ना, तब आहान कहता है यार सॉरी, शनाया मान जाती है। और बातें करने लगती है। शनाया को नींद आने लगती है। और आहान अपने फ़ोन से गाने सुन रहा होता है।शनाया खिड़की के पास ही बैठी होती है । और खिड़की पर सर रख के सो जाती है जैसे-जैसे बस हिलती है वैसे-वैसे बार बार शनाया उठ जाती है। तब आहान देख लेता है और अपने कंधे पर शनाया का सर रख देता है। शनाया आहान के कंधे पर ही सो जाती है तभी अचानक बस ब्रेक मारती है तो शनाया आहान को कस के पकड़ लेती है। और आहान को बहुत अच्छा लगता है। आहान भी अपना हाथ शनाया के कमर पर रख लेता है और दोनों एक दूसरे के करीब आ जाते है। शनाया नींद में आहान के गले के पास ही शनाया के लिप्स लगने लगते है तभी आहान को कुछ-कुछ होने लगता है। आहान शनाया को कस के पकड़ लेता है शनाया भी आहान को पकड़ लेती है ना जाने क्या होता दोनों को।आहान भी अपने आपको संभाल नहीं सका, शनाया इतना करीब आ गयी थी। शनाया और आहान के लिप्स दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आ जाते है और आहान शनाया को किश करने लगता है और शनाया भी साथ देती है। दोनों एक दूसरे में खो जाते हैं। शनाया को आहान प्यार से अपनी और खीच लेता है और दोंनो एक दूसरे को किश करते रहते है तभी अचानक बस रुक जाती है और आहान दूर हो जाता है, तभी शनाया आहान को अपनी और करती है पर आहान कहता नही फिर शनाया भी दूर हो जाती है।अब दोनों एक दूसरे को देखने लगते है। आहान कहता है, सॉरी वो शनाया पता नहीं क्या हुआ, आहान डरने लगता है ,पर शनाया आहान के बोलने से पहले ही आहान के लिप्स पर अपनी उंगली रख देती है और कहती है जो हुआ अच्छा हुआ, मुझे अच्छा लगा। बस फिर से चलने लगती है शनाया आहान से कहती है मै तुमसे बहुत प्यार करती हूँ आहान , काफी टाइम से आहान भी शनाया को पसंद करता था आहान भी कहता है मैं भी बहुत प्यार करता हूँ शनाया पर हमारी दोस्ती ख़राब ना हो इस लिए कभी कहा नहीं। फिर दोनों गले लग जाते है। दोस्ती प्यार में बदल गई।दोनों बातें करने लगते है, कब और कैसे हुआ दोनों को प्यार, यह बताने लगते है। तभी एक होटल के पास बस रुकती है। और सब अपना सामान ले कर होटल में जाते है। अपने-अपने रूम लेने के लिए शनाया और आहान भी होटल में जाते है। तब शनाया आहान से कहती है एक रूम ले लेना मुझे तुम्हारे साथ रहना है। आहान कहता ठीक है आहान एक ही रूम लेता है। लंबा सफर था तो रात को होटल में ही रुकते है सभी।शनाया और आहान अपना अपना सामान ले के रूम में चले जाते है। रूम बहुत शानदार होता है। शनाया जाते ही नहाने चली जाती है। और आहान बैठा रहता है अपने मोबाइल में गेम खेलने लगता है तभी शनाया आ जाती है। आहान शनाया को देखते ही रह जाता है। शनाया आहान के पास आ जाती है और कहती है क्या हुआ, तो आहान कहता तुम बहुत सुंदर दिख रही हो, शनाया शर्माते हुए कहती है मैं तो सुंदर ही हूँ जाओ नहाने लो, और फिर आहान भी चला जाता है नहाने।आहान नहाकर बहार निकलता है और वो टॉवल में ही बाहर आ जाता है। आहान भूल गया की शनाया भी उसके साथ है। शनाया आहान को देखने लगती है और आहान के पास आ जाती है। और आहान को गले लगा लेती है। आहान भी गले लगा लेता है शनाया को, दोनों एक दूसरे को किश करने लगते है।आहान कहता है शनाया क्या यह सही है, शनाया कहती है जो भी हो रहा सब सही हो रहा आहान , आज तुम मुझे अपना बना लो बहुत दिनों के बाद मुझे मेरा प्यार मिला है।इतना सुनते ही आहान शनाया को गोदी में उठा लेता है और बेड पर लिटा देता है, दोनों प्यार करने लगते है। दोनों सब कुछ भूल जाते है एक दूसरे में। आहान शनाया को किश करता है पैरो से लेकर ऊपर तक, शनाया को बहुत अच्छा लगता है। शनाया आहान को अपने ऊपर खींच लेती है और दोनों किश करने लगते है, सब कुछ भूल कर प्यार करने लगते है। फिर दोनों सो जाते है।सुबह हो जाती है शनाया उठ के अपने कपड़ पहनने लगती है और फिर आहान को भी उठा देती है।प्यार की आग दोनो तरफ बराबर लग चुकी थी, पर एक रात साथ बिताने के बाद भी सुबह दोनो काफी समय तक शांत बैठे रहते हैं।तभी शनाया की आवाज आहान के कानों में गूंजती है कहती है मैं अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकती आहान को लगा जैसे की वो अभी तक सपना देख रहा था और अचानक उसका सपना सच हो गयाआहान भी कहता है मैं भी नहीं रह सकता तुम्हारे बिना दोनों एक साथ रहने का फैसला करते हैं और अपने मम्मी पापा को कहना चाहते है शादी की बात करने के लिए। शनाया कहती है हम आगे नहीं जायँगे, हम यही से ही घर चलते है। अब दोनों एक दूसरे के बिना एक पल भी नहीं रह सकते और दूसरी गाड़ी बुक करके अपने -अपने घर चले जाते है। घर जाते ही दोनों अपने मम्मी पापा से बात करने लगते है। दोनों की फैमली एक दूसरे को जानती है तो मना नहीं करती।तभी शनाया का कॉल आता है। और आहान भी शनाया को कॉल करने वाला था।शनाया : हेलोआहान : हेलो शनाया मैं अब तुझे कॉल करने वाला था शनाया : चल झूठेआहान : नहीं सच्चशनाया : छोड़ मेरे मम्मी -पापा हम दोनों की शादी के लिए हां कह दी आहान : मेरे भी मम्मी पापा मान गए और शाम को अपने मम्मी पापा के साथ तुम्हारे घर आ रहा हूँ शनाया : जल्दी आना मैं इंतजार करुँगीफिर फ़ोन रख देते है दोनों बहुत खुश होते है। शनाया अपने मम्मी पापा को बताती है कि आहान के मम्मी पापा आने वाले हैं शाम को और तैयारी करने लगती है। टाइम कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता शनाया तैयार होने लगती है । शाम होते ही आहान अपने मम्मी पापा के साथ शनाया के घर पहुच जाता है। शनाया के घर जाते सब को नमस्ते करते है।दोनों परिवार बाते करते है और खुश होते है और एक दूसरे का मुँह मीठा कराते है। और जल्दी ही दोनों को एक करने की सोचते है। और पंडित को बुलाकर शादी की तारिक फिक्स करने लगते है। शनाया और आहान दोनों बहुत खुश होते है। बहुत जल्दी दोनों की शादी हो जाती है और दोनों परिवार बहुत खुश होते है।आहान और शनाया दोनों हनीमून चले जाते है और 9 महीने बाद आहान और शनाया की एक प्यारी सी बेबी होती है। दोनों बहुत खुश होते है।
The End।